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भीमा कोरेगांव हिंसा केस में गिरफ्तार हुए एक्टिविस्ट फादर स्टेन स्वामी का सोमवार को निधन हो गया , वे 84 वर्ष के थे |
रविवार को उनकी तबियत बिगड़ गई थी , जिसके बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था | आज उनके निधन से लोग परेशान व हैरान है कि - 8 महीने से मुंबई के जेल में बंद स्टेन स्वामी का निधन कैसे हो गया ? आज बॉमबे हाई कोर्ट में स्वामी की जमानत याचिका पर सुनवाई होनी थी |
स्टेन स्वामी एक आन्दोलनकारी थे | 2020 के मध्य से मुंबई के तलोजा जेल में बंद थे | इस पर नेशनल इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी ( NIA ) ने आरोप लगाया था कि - स्टेम नक्सलियों व प्रतिबंधित माओवादी संगठन के संपर्क में है | 31 दिसम्बर 2017 को पुणा के नजदीक कोरेगांव में हुई हिंसा मामले में उन्हें गिरफ्तार किया गया था | इस हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी | NIA ने कहा है कि - हिंसा से पहले , एलगार परिषद् की सभा हुई थी , इसी दौरान स्टेन ने भरकाऊ भाषण दिया था और इसी भाषण से हिंसा भड़की |
सूचना के आधार पर वे लाइलाज पार्किसन बीमारी से ग्रसित थे | उन्हें स्पांडलाइटिस की समस्या थी | पिछले साल मई में वे कोरोना पोजेटिव पाए गए थे , उसके बाद से उनकी स्थिति बिगड़ती चली गई और काफी गंभीर बन गई | जिसके बाद हाई कोर्ट के आदेश के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया | इनकी सुनने की क्षमता भी शून्य पड़ गई थी |
28 मई को बॉमबे हाई कोर्ट ने , उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने का आदेश दिया था | तीन दिन के बाद उन्हें मुंबई के होली फैमिली अस्पताल में भर्ती कराया गया , जहाँ उनका इलाज चल रहा था | बीते शनिवार को उनके अधिवक्ता ने हाई कोर्ट को बताया था कि - उनकी तबियत लगातार बिगड़ती जा रही है |
पूर्व में स्टेन को अनुभव हुआ था कि , उनका स्वास्थ सही नहीं है | ऐसे में विडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हीं आदालत से कहा था कि - जेल में उनकी सेहत लगातार गिरती जा रही है | उन्होंने अंतरिम बेल की भी गुहार लगाते हुए कहा कि - हमारी यहीं स्थिति लगातार बनी रही तो जल्द हीं मेरी मौत हो जायेगी | स्टेन के अलावा दूसरे साथियों ने भी कहा था कि - जेल की व्यवस्था सही नहीं है और जेल अधिकारी पर नजरअंदाज करने का भी आरोप लगाया था |
पिछले माह NIA ने स्टेन स्वामी को जमानत दिए जाने का विरोध किया था | जांच एजेंसी ने कहा था कि - उनकी तबियत खराब होने का कोई पुख्ता प्रमाण नहीं है , यह अस्थिरता लाने के लिए एक साजिश रची गई है | आखिरकार 5 जुलाई की दोपहर उन्होंने अंतिम सांसे ली |
करीब 5 दसक तक वे झारखण्ड में आदिवासी के बीच जमे रहे और उन्होंने विस्थापन , भूमि अधिग्रहण जैसे मुद्दा पर संघर्ष किया | उनका दावा था कि नक्सलियों के नाम पर 3 हजार लोगों को जेल भेजा गया | इसका केस अभी भी पेंडिंग है , स्टेन इनके लिए हाई कोर्ट में केस लड़ रहे थे | परन्तु इनका यह सफ़र बीच में हीं रुक गया |
इनके निधन से कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने दुःख जताते हुए लिखा - फादर स्टेन स्वामी के निधन पर हार्दिक संवेदना , वह न्याय व मानवता के पात्र थे | ........ ( न्यूज़ / फीचर :- भव्याश्री डेस्क )
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