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उत्तरकाशी में लगातार 17 दिनों से एक ऐसा मैच खेला जा रहा था जिसमे कभी हार कभी जीत दिखाई पड़ता रहा | दिमाग , धर्य और परिश्रम तोनो के संगम से आज हम मैच जीत चुके हैं | असम्भव कार्य संभव हुआ , वैसे कोई भी कार्य असम्भव नहीं होता जिसे आदमी कर न सके इसके लिए सिर्फ सोंच पोजेटिव होनी चाहिए |
इस कठिन परीक्षा का सुखद पल मिलते हीं पुरे भारत में ख़ुशी की लहर मानो ऐसी दिखाई पड़ रही है जैसे कि आसमान में पूर्णिमा की चमकती हुई चांदनी का बिखरना और सूर्योदय के वक्त इन्द्रधनुषी रंगों का अचानक खिल जाना | आज दिल बाग़ बाग़ और गौरवान्वित हो रहा है उन बचाव कार्य में लगे भारत के सपूतों के लिए |
जैसे हीं लोगो को पता चला की उत्तरकाशी सुरंग में फंसे मजदूर जिन्दा निकल गए तो अहमदाबाद में खेले गए वर्ल्डकप मैच की हार का गम भी वो भूल गए | वहां वनडे मैच था और ये 17 दिन का मैच था , अब दुःख कहाँ सारे गम ख़ुशी ने पाट दिया |
17 दिन के बाद 41 मजदूरों को सुरंग से सुरक्षित बाहर निकालना , इसे हम समय का साथ और उपरवाले का आशीर्वाद हीं कहेंगे | ये सभी उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में 17 दिनों से फंसे थे | धीरे - धीरे एक एक मजदूर टर्नल से सुरक्षित बाहर आते रहे | अब उन्हें हॉस्पिटल ले जाया जा रहा है जहाँ सभी की जांच की जायेगी |
उपरवाले की कृपा से इन सभी को एक नई जिंदगी मिली है | मजदूरों के धर्य को सैल्यूट और निकालनेवाले के लिए लाखो दुआएं | अब बचाव अभियान समाप्त हो चूका है और सिलसिला शुरू हुआ उनके परिजनों से मिलने और बधाई देने का खुबसूरत दौर |
मजदूरों के निकलने से पूर्व उनके परिजन कपड़ो का बैग तैयार रखा था | 41 मजदूरों के लिए एम्बुलेंस और डॉक्टर की टीम सहित NDRF की टीम एलर्ट थी ताकि उन मजदूरों को जरुरत के हिसाब से तत्काल इलाज देकर समय के साथ उन्हें एम्बुलेंस से सीधा हॉस्पिटल पहुँचाया जा सके |
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने X पर लिखा - धर्य , परिश्रम और आस्था की जीत हुई |
सरकार बहुत चिंतित थी और मजदूरों को बाहर निकलवाने में कोई भी कसर बाकी नहीं रखा , आज सफलता कदम चूम रही है |
मालूम हो कि 12 नवम्बर को उत्तराखंड के निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग का एक बड़ा हिस्सा अचानक ढह गया जिससे बाहर आने का रास्ता बंद हुआ | अन्दर काम रहे मजदूरों का हाल उस वक़्त कैसा हुआ होगा महसूस भी नहीं किया जा सकता ! काम कर रहे मजदुर बिहार , झारखण्ड , उत्तरप्रदेश , उड़ीसा , पश्चिम बंगाल , उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के थे | ये 41 मजदूर टर्नल के अन्दर फंस गए जिन्हें बाहर निकालने में 17 दिन लग गए |
आज यह जीत एक इतिहास बना | बाहर निकालनेवालो के लिए यह पूण्यकार्य कई तीर्थ के समान है जो ईश्वर के खाते में जमा हुआ | इनका पूण्य फल एक न एक दिन इन्हें सूद सहित जरुर मिलेगा | जानकारी के आधार पर हम आपको बता दे कि मजदूरो का बचाव कार्य बारिश और ठंढ के बीच भी जारी रखा गया था क्यूंकि सबसे पहले फंसे हुए मजदूरों के लिए इन सभी को जीना था |
ड्रिलिंग का काम तेज गति पर था , मैन्युअल ड्रिलिंग के लिए भी कई टीम लगी थी | मलबा हटाने से पूर्व जेसीबी को मौजूद रखा गया था ताकि मलबे से मजदूर दब न जाए | फिर देहरादून से ऑर्गन मशीनों के द्वारा ड्रिलिंग की शुरुआत की गई परन्तु कुछ बाद हीं ऑर्गन मशीन जवाब दे दिया | हौंसला और फैसला टूटा नहीं निकालनेवालो का , अभियान जारी रहा क्यूंकि जीतना था और इसके लिए धर्य , विश्वास , वक्त का साथ और उपरवाले का आशीर्वाद इन सब की बहुत जरुरत थी जिसके लिए वहां मंदिर बनाकर पूजन भी किया गया |
दिल्ली से अमेरिकन ऑर्गन मशीन मंगवाई गई जिसे वायुसेना के जवान विमान से स्थल तक पहुंचाया | यह मशीन 50 मीटर तक सफलता से ड्रिलिंग किया और सामने सरिया आने के बाद बंद पड़ गया | एक के बाद एक परीक्षा का दौर सामने आता रहा जैसे समुन्द्र की हिलौरों में तूफ़ान का आ जाना मगर फिर भी हौंसला जिन्दा था इसलिए हैदराबाद से प्लाज्मा कटर मंगवाया गया और उससे ऑर्गन को काटा गया | अब धीरे - धीरे हम सफलता की तरफ और आगे बढ़ रहे थे जैसे कि तूफ़ान का थम जाना | सोलहवे दिन मैन्युअल ड्रिलिंग आरम्भ हुआ और आज सफलता का 17वां वह दिन है जब सभी मजदूर एक एक कर सुरक्षित बाहर निकाले जा चुके हैं |
जैसे हीं एक मजदूर का बाहर आना हुआ सफलता की चमक सभी की आँखों में देखी गई | इन्हें बाहर निकालने से पूर्व बचाव टीम ने स्वयं बाहर से अन्दर और अन्दर से बाहर आकर निरिक्षण किया था , उसके बाद यह ख़ुशी का दौर शुरू हुआ और जैसे हीं यह बात उत्तराखंड सरकार तक पहुंची , सरकार के सचीव नीरज खेरवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस जारी कर जानकारी दी कि 28 नवम्बर की शाम तक रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो जाएगा | यह सन्देश पढ़कर लोगो में काफी आत्मविश्वास बढ़ा और जो चिंता थी वो ख़त्म हुआ |
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस सफलता पर ख़ुशी जाहिर करते हुए X पर लिखा -
राहुल गांधी मजदूरों को टनल से सुरक्षित बाहर निकलने की ख़ुशी में x पर लिखा -
भव्याश्री की तरफ से मजदूर और बचाव दल दोनों को हार्दिक शुभकामनाएं और सैल्यूट | आप हैं तो हम है , आपने हमारे गौरव को बरकरार रखा है जिससे भारत की गति आगे बढ़ रही है | आपको देखकर ऐसा लगता है सच में हौंसला बुलंद हो तो आँधियों में चिराग जलता हीं रहेगा | यह जीत लोगो के लिए एक प्रेरणा है जो हारते हुए लोगो को भी जीता देगा | .......... ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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