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"ना उम्र की सीमा हो ना जन्म का हो बंधन , जब प्यार करे कोई तो देखे केवल मन" यह गाने की लाइन फिल्म "प्रेम गीत" की है | वर्षो पहले यह फिल्म और गाने ने काफी धूम मचाया था और यह हकीकत के करीब भी है |
उत्तरप्रदेश में ऐसा हीं कुछ घटित हुआ , जहाँ 40 वर्षीय एक व्यक्ति को 24 साल की एक लड़की से प्यार हो गया और दोनों घर से भागकर प्यार जैसे पवित्र बंधन में बंधने के बाद पुलिस स्टेशन पहुँच सुरक्षा की गुहार लगाईं |
दोनों प्यार के पवित्र बंधन में तो बांध गए , मगर समाज से अलग जायेंगे कहाँ ? उन्हें सदैव अपनो का डर बना है कि - आज न कल उन्हें किये गए इस नासमझी को भोगना पड़ेगा | इसी डर से वो पुलिस चौकी पहुंचकर वहां पुलिस अधीक्षक को बताया कि - लड़की के घर वाले इस शादी के खिलाफ थे , इसलिए हमने भागकर शादी की | अब हमारे जान पर खतरा है आप हमें बचाइये |
यह व्यक्ति जिनकी उम्र 40 वर्ष है , यह उत्तरप्रदेश बरेली के फतेहगंज पश्चिम थाना क्षेत्र के रहने वाले है | इनका नाम है जयवीर सिंह |
इनकी पत्नी जिसे लेकर वो थाने पहुंचे है इनसे इनका प्रेम प्रसंग पिछले 12 वर्षो से चल रहा है और ये दोनों एक दूसरे के पड़ोसी भी है | लड़की पर किसी तरह का दबाव नहीं डाला गया , लड़की अपनी मनमर्जी से विवाह बंधन में बंधी और 25 जनवरी को घर से भागकर शादी कर लिया | लड़की ने थाने में बताया है कि - जब मै 12 वर्ष की थी , तभी इनसे प्यार हो गया | लड़की के परिवार वाले शादी की बात जानकर दुश्मन बन गए | इसलिए ये जोड़ी लिखित रूप से शिकायत दर्ज कर अपनी सुरक्षा की मांग की है |
इस संबंध में थाने के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रोहित सिंह सजवान का कहना है कि - वे दोनों के घर वालो को बुलाकर समझाने का प्रयास करेंगे और जितनी जल्दी हो सके समस्या सुलझाकर दोनों परिवार को एक कर देने का हमारा प्रयास रहेगा |
प्रेम विवाह में कई उतार चढ़ाव देखे गए है जो बात पुलिस तक पहुंची और कई प्रेम प्रसंग में ऐसे दिखाई पड़े जिसमे पुलिस ने आगे बढ़कर दोनों को पवित्र बंधन में बांध विवाह का नाम दिया | प्रेम करना पाप नहीं , मगर घर से भागकर या भगा ले जाकर शादी करना यह कदापि उचित नहीं है | जिस प्रेम को इन्होने 12 वर्षो तक पाला वह कच्चा नहीं हो सकता | ऐसे में कुछ महीने / वर्ष और ठहर जाते या फिर पुलिस से हीं मदद मांगी होती तो बेहतर होता | जल्दीबाजी में 12 वर्षो के प्रेम को भगाकर एक नाम देना , इसमे परिवार की प्रतिष्ठा पर कई सवाल खड़े कर दिए होंगे | परिवार यह कदापि पसंद नहीं करते कि उनके बच्चे भागकर शादी करे | तमाम उम्र परिवार को ताने सुनने पड़ते है , ये बात बच्चे समझ नहीं पाते |
खैर
...... जो होना था वो तो हो गया | मगर परिवार को यह अधिकार नहीं जाता कि वह
इनदोनो की जान से खेले या धमकी दे | जीवन इन्हें जीना है , आप स्वीकार करे
या न करे , परन्तु इन्हें जिंदगी जीने दे | इनकी जिंदगी पर इनका भी
अधिकार है | इन्होने प्रेम विवाह किया है कोई पाप नहीं | इस गलती को
नजरअंदाज कर बेहतर होगा गले लगा लेना | ......... ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश
आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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