Breaking News
बॉलीवुड अभिनेता राजपाल यादव जिन्होंने रंगमंच से लेकर बड़े पर्दे तक अपने अभिनय का लोहा मनवा दिया , आज वह किसी परिचय के मोहताज नहीं | बड़े बच्चे व बूढ़े सभी के दिलो को मोह लेनेवाले राजपाल यादव की जिंदगी बहुत उतार - चढ़ाव भरा रहा | मुस्कुराते चेहरे में कितना दर्द भरा है इसे कोई नहीं जानता मगर हर चेहरे में कुछ न कुछ परेशानी ऐसी छुपी होती है जो सामने आने पर हीं सार्वजनिक हो पाता है | कोई इस बात का गलत तरीके से मतलब निकालता है तो कोई सोंचने पर मजबूर हो जाता है और इनके साथ जो हुआ वो लोगो के लिए बहुत बड़ी सीख / सबक है |
इनकी प्रॉपर्टी बीते रविवार को बैंक ने इस कदर सिल कर दी कि कोई सोंचा भी न था | नियम तो नियम होता है , वह नेता हो , अभिनेता हो या फिर आम नागरिक , कर्ज का हर्जाना तो सभी को एक जैसा हीं भरना होता है |
2012 में यादव फिल्म बना रहे थे "अता पता लापता" जिसके लिए उन्होंने सेन्ट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया मुंबई से 5 करोड़ का लोन लिया था | इनकी हैसियत देख बैंक वाले आसानी से मान गए और लोन सेंक्शन हो गया | तब से सूद बढ़ता गया और अब वह राशि लगभग 11 करोड़ के करीब पहुँच चुकी है जिसे उन्होंने अभी तक नहीं चुकाया है |
रविवार को सेन्ट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया की बांद्रा स्थित ब्रांच के अधिकारी ने कार्यवाही करते हुए उत्तरप्रदेश शाहजहांपुर के कचहरी ओवर ब्रिज के पास सेठ एनक्लेव स्थित उनका करोड़ो का पैतृक प्रॉपर्टी सील कर दिया | राजपाल यादव ने यह प्रॉपर्टी गारंटी के तौर पर गिरवी रखा था | अभी इस प्रॉपर्टी को मार्बल विक्रेताओं ने किराए पर ले रखा है जो इनके पिता के नाम से है |
अधिकारी ने इतनी जल्दीबाजी में इस प्रॉपर्टी को सील किया कि अन्दर चल रहा कूलर तक ऑफ़ नहीं किया | सील करने के बाद बाहर अपना बोर्ड लगा दिया जिसपर लिखा था - यह संपति अब सेन्ट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया की है | अब किसी तरह खरीद फरोक्त न करें |
2012 में बनी फिल्म "अता पता लापता" को प्रोड्यूस किया था इनकी पत्नी राधा यादव ने और इसके डायरेक्टर स्वयं राजपाल यादव थे | यह फिल्म रिलीज हो पाती इससे पूर्व हीं उनपर धोखाधड़ी का केस बिजनेसमैन एम जी अग्रवाल ने ठोक दिया जिसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने फिल्म रिलीज पर रोक लगा दी | यादव ने एम जी अग्रवाल से भी 5 करोड़ का लोन ले रखा था | एम जी अग्रवाल इस फिल्म के पार्टनर बननेवाले थे जिसके लिए राजपाल ने कॉन्ट्रैक्ट साइन किया था बावजूद यादव ने अकेले हीं इस फिल्म को बनाने में कदम बढ़या | इस फिल्म को बनाने के दौरान उन्होंने अपने पैतृक गाँव के बहुत सारे लोगो को मौका भी दिया |
बात निकलती है तो दूर तलक जाती है | अग्रवाल को जैसे हीं पता चला कि यादव अकेले पिक्चर बना रहे हैं तो उन्होंने अपने द्वारा दी गई ब्याज पर 5 करोड़ की राशि वापस मांग ली |
राजपाल यादव ने 5 करोड़ रुपये का चेक दिया जो बाउंस हो गया तब कंपनी ने उनके खिलाफ मुक़दमा दर्ज कराया जिसके बाद उन्हें 3 महीने के लिए जेल भी जाना पड़ा |
हालाकि विवादों के बाद 2 नवम्बर 2012 को यह फिल्म रिलीज हुई मगर अफ़सोस करोड़ो में बनी यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह पीट गया और इनके हाथ लगे कलेक्शन का मात्र 38 लाख रुपये जिससे इनके सपनों का भरा महल और प्रोजेक्ट धारासाही हो गया |
राजपाल यादव शाहजहांपुर के एक छोटे से गाँव कुलरा से निकलकर अपनी पहचान बनाई और दर्शकों का खूब मन मोह लिया | इनकी कॉमेडी मनोरंजन से भरपूर होती है | इन्हें कॉमेडी का बादशाह कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगा क्यूंकि कॉमेडी इनके अंग अंग में बसा धरोहर मालूम पड़ता है | बॉलीवुड में एक से एक बड़े बैनर व कलाकार के साथ काम कर ख्याति बटोरी , यह सौभाग्य की बात है | इतना तो किसी को आसानी से नहीं मिलता | ईश्वर ने कद में ऊंचाई भले हीं थोड़ी कम कर दी मगर सोहरतें इतना मिला कि जैसे आसमान छू गया |
आज इनके चाहनेवाले काफी दुखी व परेशान है क्यूंकि हर सेलिब्रेटी का दुःख या परेशानी उनके फैंस की परेशानी बन जाती है | वैसे चलते चलते हम बस इतना कहना चाहेंगे - संपति मोर्गेज रख किसी से कर्ज लेना बड़ा हीं आसान है मगर ब्याज के दलदल में इंसान जब फंसता है तो चक्रवृधि में धंसता हीं चला जाता है | इससे बेहतर होता कि वे एम जी अग्रवाल से अलग नहीं होते , मिलकर फिल्म बनाते तो अंजाम ऐसा नहीं होता | हो सकता है दो दिमाग आगे बढ़ जाता मगर स्वार्थ है कि मानता नहीं और ऐसे में लोग अच्छे दोस्त भी खो देते हैं |
अब रही बात प्रॉपर्टी सील हो जाने कि तो राजपाल यादव ने कुछ न कुछ तो सोंचा होगा ! इस कार्यवाही से चाहनेवाले जब इतने दुखी है तो फिर जिनपर गाज गिरा उनका क्या हाल होगा समझा जा सकता है ! अब एक संवाद के साथ हम इतना कहना चाहेंगे कि बड़े बड़े शहरों में बड़े लोगो के साथ छोटी मोटी चूक जाने अंजाने में तो हो हीं जाती है | ......... ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
रिपोर्टर