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मध्यप्रदेश के अशोक नगर में रहने वाले सचिन जैन जो भोपाल के NRI कॉलेज से इंजीनियरिंग की डिग्री ले चुके है , अब वो सांसारिक जीवन से मोह त्यागकर वैराग्य जीवन को अपनाने के लिए आज वैराग्य दीक्षा ग्रहण करने वाले है |
बीते शनिवार को मुंगावली के श्रद्धालु और सचिन जैन के परिवार मुंगावली पहुंचकर गोदभराई की रश्म पूरी की | उन्होंने गोदभराई से पूर्व विनोरी यात्रा निकालते हुए वैराग्य जीवन की यात्रा पूरी की |
सचिन जैन की उम्र 32 वर्ष है , यह अशोक नगर के रहने वाले है |इनके पिता का नाम प्रमोद कुमार जैन है और माता का नाम सुमन जैन |चार भाई में सचिन सबसे बड़े है | अब इन्हें लोग सचिन जैन भईया जी संबोधित करते है | मोह - माया की जिंदगी से कहीं और बढ़ गए इनके कदम |
आज कुण्डलपुर में आयोजित महामहोत्सव मेले में सचिन जैन आचर्य श्री विद्यासागर जी महाराज की मौजूदगी में छुल्लक दीक्षा ग्रहण करेंगे | इन्होने मुंगावली प्रवास के बाद मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज से प्रेरणा लेने के बाद सांसारिक जीवन को त्यागने का और वैराग्य चोला पहनने का निर्णय लिया था |
इस भीड़ भरी दुनियां में जहाँ केवल माया जाल है , इस माया जाल से निकलना सचिन जैन का मकसद बन गया | इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के दौरान उन्होंने अपनी शक्ति में सिर्फ ईश्वर की भक्ति को पाया और उनकी सोंच इस जीवन की विरक्ति की तरफ बढ़ता चला गया | इसी बीच उन्होंने कई दीक्षा ग्रहण करते हुए इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की | परन्तु कहीं सर्विस न करते हुए भगवान की भक्ति की तरफ के रास्ता का चुनाव कर चल पड़े |
इनकी
मंशा - "ना मांगू सोना चांदी ना मांगू हीरा मोती , ये मेरे किस काम की" |
आज सचिन जैन की जीवन पूर्ण रूप से तैयार है किसी और दुनियां में प्रवेश के
लिए और मोह - माया की जाल से अलग - थलग दीक्षा ग्रहण करेगी और अब उनकी
जिंदगी का हर पन्ना अद्भुत रंगों में समाने वाला है , जहाँ इस नगरी में वे
पा सकेंगे सादा जीवन उच्च विचार | यह भी हम ढाई आखर प्रेम का इन्द्रधनुषी
रंग है | ....... ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से
)
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