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मध्यप्रदेश की एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आयी है | बरगी के विधायक संजय यादव जो की कांग्रेस के नेता है , उनके छोटे बेटे बिभव ने स्वयं को गोली मार ली | विभव को गंभीर अवस्था में नजदीकी भंडारी अस्पताल पहुंचाया गया , जहाँ उनकी मौत हो गई |
घटना को अंजाम दिया गया लाइसेंसी रिवाल्वर से , जो रिवाल्वर विधायक जी का था | उनके बेटे ने इसी रिवाल्वर से अपने कमरे में कनपटी में फायर किया | आवाज होने के बाद आसपास के लोग व सोसाइटी में मौजूद वाचमैन व घर के एक कार्यकर्ता जिसका नाम हरिनाथ है , सुनकर विभव के कमरे में दौड़े | देखा तो विभव खून से लथपथ था और पास में रिवाल्वर पड़ी थी |यह घटना गुरुवार दोपहर ढाई बजे के करीब की है |
विभव के अस्पताल पहुंचते हीं अस्पताल में विधायक जी के पहचान वालो की भीड़ लग गई , वहीं पुलिस भी तैनात हुई | सूचना के आधार पर संजय यादव के दो बेटे है | जिसमे विभव छोटा बेटा था , जिसकी उम्र 17 वर्ष थी और ये बारहवीं की तैयारी कर रहे थे |
सिटी एसपी रोहित कासवानी घटना स्थल पर पहुंचकर निरिक्षण किया व शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है | इस घटना के अंजाम का विशेष कारण अभी पता नहीं चल सका है , परन्तु विभव के कमरे से चार पेज का एक सुसाईड नोट इंग्लिश में लिखा पाया गया | जिसका मुख्य अंश था - मेरे मम्मी पापा बहुत अच्छे है , मेरे सभी दोस्त अच्छे है , मेरा एक दोस्त ऊपर चला गया है , मै भी उसके पास जा रहा हूँ | विभव ने अपनी मृत्यु का जिम्मेदार किसी को भी नहीं ठहराया है , अपनी मन मर्जी से उन्होंने सुसाईड की है | फिलहाल विभव के कमरे को पुलिस ने सील कर दिया है और सुसाईड नोट के आधार पर जांच चल रही है |
इनका घर जबलपुर के हाथी ताल कॉलोनी में स्थित है |
आश्चर्य करने वाली बात यह है कि - वैभव मरने से पहले अपने पांच दोस्तों के पास भी इस बात को शेयर किया था | परन्तु यह बात अभी भी उभरकर सामने नहीं आयी कि उन पांच दोस्तों में एक भी दोस्त ने विधायक जी को इस घटना को घटित होने की सूचना क्यों नहीं दी ? दोस्त के मर जाने के पीछे का रुख और अन्य दोस्तों से बीतचीत के वैभव का अंश बहुत से तथ्य का खुलासा कर पाएगी | इस तथ्य से साफ़ जाहिर होता है कि - ऐसा नहीं की यह जल्दीबाजी में किया गया एक घटना है | साफ़ जाहिर होता है कि यह पूर्व निर्धारित योजना के तहत इस घटना को अंजाम दिया गया है |
वैभव उस वक्त घर में अकेले थे | उनके पिता विधायक जी ग्रामीण बैठक में शामिल होने गए थे | उनकी माँ सीमा यादव किसी कार्य से भोपाल गई थी और बड़ा बेटा उस वक्त पेट्रोल पम्प पर था | हरिनाथ ने विधायक जी को सूचना दी , तो विधायक जी तुरंत वहां पहुंचे , जहाँ अपने बेटे को देखकर उनके पाँव से मानो धरती फिसल गया हो , नजर आया | मगर अफ़सोस की अस्पताल से उन्हें खाली हाथ वापस आना पड़ा |
एक पिता के लिए , एक किशोर बेटे का मृत शरीर देखकर उनकी पीड़ा व वेदना को लिख पाना बड़ा कठिन है और मुश्किल भी | वहीं एक माँ के लिए जिसने 17 वर्षों तक अपने बच्चे को खून - पसीने व प्यार से पोषित किया , उसे अपनी आँखों के सामने मृत देखकर कैसा अनुभव हुआ ? इस हालात को शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता |
मगर इतना जरुर है - किशोरावस्था वाले बच्चे ज्यादा दूर तक नहीं सोंच पाते | इस उम्र को हम नादान उम्र कहे तो शायद कोई अतिश्योक्ति न होगा | परन्तु इस उम्र के बच्चे स्वयं को उम्र से ज्यादा बड़ा महसूस करते है | बच्चे की बढ़ती उम्र और स्वयं को ज्यादा बड़ा बन जाने का माहौल यह आधुनिक सिस्टम ने एक परिवार की ज्योत को बुझा गया | ध्यान देने की बात है कि - अपने बच्चे की दोस्तों पर ज्यादा निगरानी दे | किस तरह के मानसिकता वाले दोस्तों के बीच आपका बच्चा समय व्यतीत कर रहा है ! यह एक महत्वपूर्ण बात व पहलू है | बहुत सारे दोस्त गलत काम के लिए भी बच्चे को उकसाते है |
जो भी घटा , यह घटना बहुत हीं दुखद और पीड़ादायक है | देखने वाले , पढ़ने वाले ने इस पल को बहुत हीं गहराई से महसूस किया है | मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ सहित कई नेतागण ने दुःख जाहिर किया है | ...... ( न्यूज़ / फीचर :- आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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