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एक पिता कितना मजबूर होता है जब उसकी जुबां बोल पड़ती है "बेटे को फांसी दे दो"
मासूम नाबालिक के साथ बेरहमी की हद पार कर फांसी की सजा पाने वाले काश ईश्वर के चरणों का स्पर्श कर लेते तो नजारा जन्नत से भी खुबसूरत होता मगर यह कैसी भूख थी जो चंद घड़ी सुख के लिए स्वयं की जिंदगी को अँधेरी कोठारी में कैद कर लिया |
"ऑटो में मिले थे खून के निशान"
यह घटना उज्जैन की है जहाँ 38 साल के ऑटो ड्राईवर ने एक 12 वर्ष की नाबालिक बच्चे के साथ हैवानियत का चरम पार करते हुए इंसानियत का गला घोटकर स्वयं को फांसी के करीब लाकर खड़ा कर दिया |
बीते सोमवार को यह बच्ची माहाकाल थाना क्षेत्र में खून से लथपथ अवस्था में पाई गई थी | उसे अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मेडिकल जांच में दुष्कर्म की पुष्टि की गई |
आरक्षी अधीक्षक सचिन शर्मा ने बच्ची की हालत पर दुःख प्रगट करते हुए कहा कि नाबालिक लड़की से बालात्कार के मामले में महाकाल थाने में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और घटना की जांच जारी की | आरक्षी अधिक्षक ने एक विशेष जांच दल SIT का गठन किया ताकि आरोपी को जल्द से जल्द पकड़ा जा सके |
कहा गया है - कानून का हाथ इतना लम्बा होता है कि पाताल से भी गुनाहगारों को ढूंढकर सलाखों के पीछे लाकर खड़ा कर देने से चुकता नहीं | यह अलग बात है कभी ज्यादा कभी कम समय का लगना घटना के पेचीदा होने पर निर्भर करता है |
12 साल की बच्ची से दरिंदगी कर उसे सड़क पर उतार दिया | बेसुध , अर्धनग्न हालत में वह सड़क पर भागती रही | 8 घंटे तक वह सड़को पर सकूँ पाने के लिए भटकती रही | CCTV में 1 मिनट 7 सकेंड तक बच्ची का वह दृश्य भी कैद रहा जहाँ वह एक वृद्ध से बात की |
भटकती हुई बेटी उज्जैन के बडनगर रोड पर दांडी आश्रम के पास पहुंची | दरवाजे पर एक पूजारी की नजर पड़ी तो देखा एक बच्ची अर्धनग्न अवस्था में डरी / सहमी खड़ी है | उन्होंने पास जाकर अपना अंग वस्त्र उसे ओढा दिया | बच्ची भूखी थी , पूजारी ने उसे खाना भी खिलाया | बच्ची को थोड़ी राहत और सकूँ मिला होगा फिर पुलिस को सूचना दी गई |
अस्पताल में भर्ती बच्ची से काफी प्रयास के बाद जीवन खेड़ी नाम सुनने को मिला जहाँ वह ऑटो में बैठी थी | कुछ हीं दूरी पर उसके साथ बालात्कार हुआ था | ऑटो नंबर - MP 13 R5204 और इस ऑटो के ड्राईवर का नाम भरत सोनी | इन्हीं के ऑटो में खून के निशान पाए गए थे |
हम थोड़ा विस्तार कर दे तो -
24 सितम्बर को बच्ची के घरवालो ने सतना में अपनी बच्ची के गुमशुदगी हेतु FIR दर्ज कराई थी | बच्ची स्कूल गई जिसके बाद घर लौटी हीं नहीं , वह आठवीं कक्षा में पढ़ती है | उज्जैन रेलवे स्टेशन पर वह एक ऑटो में बैठी थी , ऑटो कुछ दूर आने के बाद उसे उतार दिया | थोड़ी दूर चलकर फिर एक ऑटो में बैठी मगर उसे जाना कहाँ है यह मालुम न था इसलिए ऑटो वाले कुछ दूर लाकर उसे उतार दिए | लड़की आगे बढ़ी , पीछे से एक ऑटो रिक्शा रुका | लड़की को बैठने का इशारा किया | लड़की ऑटो में बैठ गई फिर उसे सुनसान इलाके में ले गया और उस कदर उसके साथ अपराध हुआ |
8 किलोमीटर तक के CCTV फूटेज खंगाली गई तब जाकर पुलिस को सफलता मिली | भरत सोनी सहित 3 अन्य दरिन्दे भी पुलिस की गिरफ्त में है जिससे पूछताछ चल रही है |
अभी बच्ची का इंदौर के एक सरकारी अस्पताल में एक्सपर्ट डॉक्टर की निगरानी में इलाज चल रहा है , मामला गंभीर है मगर स्थिर है |
मुझे याद आता है - बी० आर० चोपड़ा द्वारा बनाई गई महाभारत की बात जब दुष्यंत , माँ द्रोपदी का चीरहरण करने को व्याकुल था और सभा में बैठे महान महिला व महापुरुष अपनी आँखों से चीरहरण देखते रहे , कुछ न बोले | माँ पांचाली की आवाज भगवान श्री कृष्ण तक पहुंची मगर यहाँ सड़क पर तो सिर्फ दुर्योधन हीं दुर्योधन नजर आये , जब 25 सितम्बर को वह बच्ची मदद मांगती हुई CCTV फूटेज में दिखी मगर अफ़सोस उसे किसी का सहारा न मिला क्यूंकि वहां तमाशबीन ज्यादा थे |
यह घटना पहली नहीं जब एक बेटी के साथ ऐसा हुआ है और शायद फिलहाल यह दौर रुकेगा भी नहीं मगर उस पिता को सैल्यूट जिन्होंने इस जघन्य अपराध की सजा फांसी बताते हुए कहा - बेटी किसी की भी हो देश की है | इसकी जगह मेरी बेटी भी होती तो शायद हम भी यहीं मांग करते | गुनाहगार चाहे मेरा बीटा क्यों न हो सजा तो एक जैसी मिलनी चाहिए तभी आनेवाले कल में ऐसे हैवान हैवानियत करने से डरेंगे | ......... ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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