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गुरुवार को तालिबान ने अपने देश में टीवी चैनलों पर काम करने वाली सभी महिला एंकर्स को प्रोग्राम प्रस्तुत करते समय अपने चेहरे को ढककर प्रस्तुति दिखाने का फरमान जारी किया है |
न्यूज़ एजेंसी ANI के अनुसार टोलो न्यूज़ ने अपने ट्विटर पर यह जानकारी दुनियाभर में दी |
तो अब महिलाओं को ढकना होगा चेहरा ताकि दुनियाभर में उनकी पहचान गुम होकर ठहर जाए | तालिबान के इस फरमान को अगर महिलायें नहीं मानती है तो उनके माता - पिता को दण्डित किया जाएगा और उन्हें जेल में भी डाल देने की बाते शामिल है |
अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र मिशन में तालिबान के ऐसे फरमान के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि - यह निर्णय महिलाओं व लड़कियों के लिए जारी किया गया है | ये अफगान के मानवाधिकार के सम्मान और संरक्षण के सम्बन्ध में कई आश्वासनों को अलग - थलग कर खंडित करता है |
इससे पूर्व भी महिलाओं के लिए तालिबान ने अपने आधिकारिक आदेश में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन की महिला स्टाफ को कार्यालय में हिजाब पहनकर आने का निर्देश दिया था जिसपर कुछ महिलाओं ने इसका विरोध जताया |
तालिबान द्वारा दिन व दिन महिलाओं के लिए नए नए अत्याचारी फैसले महिलाओं के मन को कुंठित करता है | जानकारी के आधार पर तालिबान के सूचना व संस्कृति मंत्रालय ने इसे अंतिम फैसला बताते हुए कहा है कि - अफगानिस्तान में सभी मीडिया आउटलेट्स को यह आदेश जारी कर दिया गया है |
अफगानिस्तान के महिलाओं के लिए इस कदर बढ़ रहे अत्याचार से उनके मन पर गहरा धक्का लगने के आसार बढ़ रहे है जिससे उनकी मानसिक स्थिति धूमिल व डैमेज होने की भी संभावना दिखाई पड़ रही है | टॉर्चर शब्द से सभी लोग परिचित है , किसी स्वस्थ मानसिकता वाले व्यक्ति को अगर टॉर्चर किया जाए तो उसकी मानसिक स्थिति डगमगा जाने के 100% आसार नजर आते है |
वहीं तालिबान ने तो अपने देश के मानवाधिकार आयोग को हीं भंग कर दिया है | इस देश की व्यवस्था से ऐसा लग रहा है जैसे कि अफगानिस्तान की महिलायें तालिबान की जागीर हो | महिलायें जिस दौर से होकर गुजर रही है जैसे कि उनके नाक के ऊपर से पानी बह निकला हो !
विश्व का पन्ना पलटा जाए तो हर देश में जुल्म सिर्फ महिलाओं के ऊपर हीं होता रहा है | इसका साफ़ मतलब है की जो सौम्य प्रवृति का हो उसे जबरदस्ती उत्पीड़न कर उनके कदमो को फूलन देवी बनने पर मजबूर कर दिया जाए | अब फिर से वो दौर आएगा जब महिलाओं को माँ दुर्गा / काली के अवतार में इन जैसे लोगो के सामने उतरना हीं पड़ेगा , जो इंसानियत व मानवाधिकार के चिथरे उतारकर फेकने की कोशिश में लगे है |
दूसरी बात - ये भी कहना शायद अतिश्योक्ति न होगा कि - इन्हें आतंकी बनाने में और मुंह ढकने वाली निर्णय के पीछे भी महिलाओं का हीं हाथ रहा है | कई देश की महिलायें आज भी स्वयं मुंह ढकने के लिए आन्दोलन पर उतर आई और आदालत का दरवाजा भी खटखटाया कि उन्हें मुंह ढकने की स्वतंत्रता दी जाए | किसने कहा कि - आप मुंह मत ढको , हिजाब मत पहनो या घूँघट मत डालो ? मगर ! यह सब करना हीं पड़ेगा यह एक गलत और अनुचित फरमान है |
आज
महिलाओं के बढ़ते कदम को रोकने के जुर्म तालिबान कर रहा है | तालिबान के
बढ़ते क्रूरता पर पुरे विश्व को एकजुट होकर सोंचना पड़ेगा , क्यूंकि महिलाओं
की मानसिकता न बची तो आने वाले सृष्टि की मानसिकता भी बुद्धिहीन होकर हीं
जन्म लेगी | ...........( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की
कलम से )
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