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मंगलवार को हरियाणा के नूंह जिले में अवैध खनन की जाँच करने गए DSP सुरेन्द्र सिंह विश्नोई की हत्या कर दी गई | इनकी हत्या ट्रक से कुचले जाने से हुई है |
अवैध खनन करने वाले गिरोह ने ऐसा जघन्य अपराध को अंजाम देकर फरार हुए |
सुरेन्द्र सिंह की सेवा में मात्र 3 माह बचे हुए थे , अभी वे हरियाणा के नूंह जिले में तावरू के पुलिस उपाधीक्षक के पद पर आसीन थे |
सुरेन्द्र सिंह को किसी ने अवैध खनन की जानकारी दी जिसके बाद वे पंचगांव की पहाड़ी के पास पहुंचे जहाँ पर अवैध रूप से खनन किये गए पत्थर को एक डंपर पर डालकर ले जाया जा रहा था |
सुरेन्द्र सिंह उस गाड़ी को रोकने का प्रयास करते हुए उसका पीछा किया | डंपर पर बैठे कुछ लोग पहाड़ी पर चढ़ गए , इसके बाद DSP महोदय की गाड़ी ओवरटेक कर डंपर के आगे बढ़ी और सामने से उसे रोका |
गाड़ी से उतरकर सुरेन्द्र सिंह डंपर के ड्राईवर व अन्य बैठे सदस्यों को नीचे उतरने को कहा | नीचे उतरने की बात सुन ड्राईवर अपने पकड़े जाने के भय से देसी कट्टा दिखाते हुए बोला - साइड हट जाओ वरना गोली मार देंगे | साथ ही वहां मौजूद लोगो से कहा कि पुलिस वालो को गाड़ी रोकने का सबक सिखला देते है | जिसके बाद ड्राईवर नीचे खड़े DSP महोदय व अन्य पुलिसकर्मियों को नजरअंदाज कर आवेश में आकर गाड़ी बढ़ा दिया |
अन्य पुलिसकर्मी छलांग लगाकर दूर भाग गए , मगर सुरेन्द्र सिंह विश्नोई डम्पर की चपेट में आ गए और मौके पर उनकी मृत्यु हो गई |
सुरेन्द्र सिंह अवैध दस्तावेज की मांग के लिए आगे बढ़े थे और गाड़ी को रुकने का इशारा किया | इनके साथ सदर थाना के SHO व ASI साथ ही अंगरक्षक सहित ड्राईवर भी मौजूद थे |
DSP सुरेन्द्र सिंह विश्नोई के मृत शरीर को सारंगपुर ले जाया गया जहाँ उनका अंतिम संस्कार किया जाना है |
इनके परिवार में इनकी पत्नी , एक लड़की जो कि बैंगलुरु में एक बैंक अधिकारी के पद पर आसीन है और एक लड़का जो कनाडा में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं |
एक जिम्मेदार पुलिस अधिकारी को कहाँ समय मिल पाता है कि वे अपने परिवार पर समय को खर्च कर सके , उनका पूरा समय तो देश सेवा के लिए समर्पित होता है |सेवानिवृत्त होने के बाद ही तो ऐसे लोग चैन से अपनी जिंदगी जीने की सोंच रखते है | सोंचते है - पूरा समय अब परिवार पर व्यतीत करेंगे |
आज हमारा देश आजादी के 75 साल का जश्न मना रहा है और इस 15 अगस्त में वे भी काफी जमकर हिस्सा लेते , मगर ये ख्वाहिशें मन में ही दबकर रह गई |
इस घटना के पीछे किसी का हाथ तो नहीं ! या फिर DSP महोदय से कोई पुरानी रंजिश तो नहीं ? जो इनके सेवा मुक्त होने से पूर्व अंजाम को देने की सोंच रखते हो | आखिरकार उस वक्त कैसे कोई ट्रक ड्राईवर फरार हो सकता है ? जबकि इतने सारे पुलिस के पास हथियार मौजूद थे | पुलिस टीम ऐसे कई सवाल का हल ढूँढ रही है , तभी सबकुछ स्पष्ट होकर सामने आ पायेगा |
एक आरोपी पकड़ा गया जिसे पुलिस ने एनकाउंटर में गिरफ्तार किया है | जानकारी के आधार पर गिरफ्तार किये गए आरोपी ट्रक ड्राईवर है | गिरफ्तारी के बाद इसके दिमाग का नक्शा ही बदल गया होगा जिस ताव से उसने पुलिस को कहा था - साइड से हट जाओ वरना गोली मार देंगे |
मालुम हो कि इस इलाके में वर्षो से अवैध खनन होते रहे है , परन्तु सिर्फ DSP सुरेन्द्र सिंह विश्नोई ही चपेट में क्यूँ आ गए ? अक्सर ऐसा देखा जाता है - ओवरटेक करने से पूर्व पुलिस आगे की गाड़ी को पंचर भी करती है | ऐसा यहाँ भी किया जा सकता था !
आज सोंचने पर मजबूर हुआ हर इंसान कि इनकी मौत के पीछे कोई साजिश तो नहीं ! सवाल तो यह भी उठ रहा है कि - अवैध खनन के विषय में इन्हें किसने और कब जानकारी दी और जानकारी देने वाले का खनन समूह से कोई संबंध तो नहीं ! ऐसे कई सवाल दिमाग में हलचल मचाकर रख दी है जिसका हल ढूंढने में अधिकारी लगे है |
फिलहाल उनके परिवार पर जो बीत रहा होगा उसकी कल्पना भी मानसिक संतुलन खोने जैसा है | मगर मृत्यु बोलकर नहीं आती , सिर्फ कारण लग जाता है जिसे हमे हर हाल में स्वीकार करना पड़ता है | ईश्वर इनके परिवार को जुदाई सहने की क्षमता दे |
आज हमारे भारत में अवैध कार्य करने वाले भी भरे परे है जिसपर शिकंजा कसने व देश की संपत्ति की रक्षा करने के क्रम में DSP सुरेन्द्र सिंह विश्नोई अपनी जिम्मेदारी को निभाते हुए शहीद हुए | ऐसे पुलिस अधिकारों को हमारा देश सैल्यूट करता है |
आपको भारतवर्ष की तरफ से श्रद्धासुमन अर्पित | ईश्वर आपकी आत्मा को शांति से और आपके परिवार को जुदाई सहने की क्षमता | .......... ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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