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अफगानिस्तान में तालिबान सरकार ने कर्मचारियों के लिए निर्देश जारी किया है - जिसमे उन्हें दाढ़ी के साथ स्थानीय कपड़ा ( लम्बा और ढीला कुरता ) व पैजामे के साथ टोपी व इमामे को पहनना अनिवार्य किया है |
सोमवार को सभी सरकारी कार्यालयों का निरिक्षण किया गया और उन्हें बोल दिया गया है - नियम का पालन नहीं करने पर उन्हें कार्यालय परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जायेगी और उन्हें नौकरी से भी निकाला जा सकता है |
पार्क में महिलायें व पुरुष एक साथ नहीं जा सकते | सरकार का नया फरमान - रविवार से मंगलवार पार्क में महिलायें जाएँगी और बुधवार से शनिवार तक पुरुष | बच्चो के लिए स्कूल पर लगाईं गई पाबंदी और हाथो से छीन लिया गया किताब | विद्यालय खोला गया परन्तु तुरंत उसे बंद कर दिया गया जिसके बाद संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिनिधि लियोन में क़तर के तालिबान के सदस्य सुहैल साहिल से कहा है कि - वह लड़कियों की शिक्षा पर प्रतिबन्ध लगाने के फैसले को वापस नहीं लेते तो इससे अफगानिस्तान को अपूर्णीय क्षति होगी |
अफगानिस्तान में तालिबान का सरकार महिलाओं व बच्चो का अधिकार छिनती जा रही है |
लम्बी उड़ान पर भी लगाए गए अंकुश और दर्जनों महिलाओं को अनुमति नहीं मिली , जहाँ वह सफ़र के लिए एयरपोर्ट पर खड़ी थी | तालिबान का ऐसा फरमान था कि - महिलाए के साथ पुरुष अभिभावक का होना जरुरी है | इस बात की जानकारी शनिवार को मिली , जब दो अफगान एयरलाइन्स के अधिकारी ने इस बात की चर्चा की , कहा कि - शुक्रवार को काबुल के इंटरनेशनल एअरपोर्ट पर दर्जन से ज्यादा महिलायें , पुरुष अभिभावक के बिना पहुंची थी जिन्हें अकेले यात्रा करने की अनुमति नहीं मिली , जबकि कुछ महिलाओके पास दोहरी नागरिकता थी और वह अपने घर लौटना चाह रही थी | ऐसे में उन महिलाओं को अकेले सफ़र करने की अनुमति नहीं मिली |
महीनो पूर्व तालिबान ने एक आदेश जारी किया था - 72 किलोमाटर से अधिक यात्रा के लिए महिलाओं के साथ एक पुरुष अभिभावक का रहना जरुरी है |
तालिबान को महिलाओं के स्वावलंबी होने व उनके शक्ति से भय होने लगा है | दुनियां की महिलाओं को देखते हुए भय सता रहा है , इसलिए उन्होंने बेटियों की पढ़ाई व महिलाओं के अकेले सफ़र पर रोक लगा दी है | पढ़ाई पर अंकुश लगाना ठीक नहीं और सारी बंदिशे एक बार फिर महिलाओं पर जारी किया गया |
सत्ता में भी महिलाओं की भागेदारी को हटा दिया गया है | जब आधी आबादी महिलाओं की है तो फिर आधी सत्ता पर भी अधिकार महिलाओं की हो | यदि तालिबान ऐसा नहीं करता है तो उसे अंतर्राष्ट्रीय मान्यता कदापि नहीं मिलनी चाहिए | अंतर्राष्ट्रीय मान्यता के लिए तड़प रहे तालिबानी ने अपने स्वभाव में कोई बदलाव नहीं किया |
16 देश की महिला विदेश मंत्री ने उनकी एकतरफा जारी फरमान पर नाराजगी जताई है | ......... ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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