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नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की पूर्व प्रमुख चित्रा रामकृष्ण का सम्बन्ध अदृश्य बाबा के साथ की गुत्थी का पता अभी तक नहीं लगाया जा सका है | आखिरकार यह हिमालय में बिचरने वाले अदृश्य बाबा कौन है ? और इस बाबा से चित्रा रामकृष्ण का कैसा सम्बन्ध है ? जहाँ 22 वर्षो से वह इनके इशारों पर हीं काम करती रही |
चित्रा ने स्वयं हीं अपने ईमेल के द्वारा लिखा था कि - यह अदृश्य बाबा जहाँ कहीं भी अपने मन मर्जी से प्रगट हो जाते है और अदृश्य भी |
जानकारी के आधार पर मनी कंट्रोल की तरफ से जारी किया गया एक विडियो में - चित्रा एक बाबा के साथ समुन्द्र के बीच पर घुमती थी | अगर चित्रा बाबा के संग समुन्द्र पर घुमती थी तो फिर चित्रा को बाबा का रूप पता है | आखिरकार इस बाबा से चित्रा का कितना और कहाँ तक सम्बन्ध है ? और घूमने वाली बात कैसे सामने आया ?
ऐसा माना जा रहा है कि यह अदृश्य बाबा चित्रा के बहुत करीबी में से है |
सबसे पहले हम यह जानकारी दे दे कि - चित्रा रामकृष्ण वह नाम है जो NSE की पहली महिला CEO बनी और और इस प्रमुख पद पर 22 वर्षो तक कार्य किया | चित्रा के व्यक्तित्व के विषय में उनके परिचतों और कर्मचारियों का ऐसा कहना है कि - उनका उपरी आवरण बेहद सरल और सामान्य था | मगर वह काफी चालाक और पेशेवर थी , तभी इतना बड़ा घोटाला का भनक विभाग को नहीं लगा और 8 करोड़ निवेशकों की भावनाओं से , उनके धन से खिलवार करती रही |
22 वर्षो से किया गया घोटाला का यह पन्ना हर दिन सच्चाई का ब्यान देता नजर आ रहा है और इसी पन्नो में एक अहम नाम छनकर सामने आया है जो इस घोटाले की साजिश में बंधी एक पात्र है | इस घोटाल में मुख्य भूमिका रखने वाली सुनीता आनंद जो आनंद सुब्रमण्यम की पत्नी है , चित्रा रामकृष्ण ने इन्हें NSE का साउथ हेड बनाया था |
NSE देश का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है जिसमे चित्रा प्रमुख के पद पर विराजमान रही और धीरे धीरे अपने पद का गलत फायदा उठाकर आनंद सुब्रमण्यम की नियुक्ति कर बैठी और उसके बाद इनकी पत्नी सुनीता आनंद को साउथ हेड बनाया | पूरा का पूरा घोटाला कर संतुष्ट होने के बाद आसानी से अपना हाथ सरकाकर त्याग पत्र दे डाली |
यहीं से शुरू हुआ उनके सर पर मंडराता हुआ गहरे बादलो का छटना जिससे अब देश को रौशनी दिखाई पड़ता नजर आ रहा है |
पिछले दिनों इनके घर पर इनकम टैक्स का रेड डाला गया जिससे साक्ष्य / सबूत खंगाल कर देश के सामने लाया जा सके | इनसे ब्यान लिया गया मगर अभी तक बाबा का स्पष्ट चेहरा सामने नहीं आ सका है , जिसके इशारे पर हर दिन घोटाला को अंजाम दिया जा रहा था |
यह बाते सामने आई है कि - चित्रा रामकृष्ण का दिल्ली से मजबूत कनेक्शन था | दिल्ली में होने वाली किसी भी बातो का पता उन्हें मिल जाया करता था जिससे लोग उनके खिलाफ शिकायत करने की बाते सोंच भी नहीं सकते थे और चुप्पी साधकर बैठ जाते थे |
चित्रा रामकृष्ण के विषय में हम बता दे कि -
इनका जन्म 1962 में सपनों की नगरी मुंबई की धरती पर हुआ | पूरी शिक्षा - दीक्षा मुंबई में हुआ और FCA की डिग्री भी हासिल की | आरंभिक दौर से हीं वह अपने लाइफ स्टाइल को प्राइवेट रखती हैं | वह एक विवाहित है | वे दो सालो तक भारतीय प्रतुभुती और विनियम बोर्ड जैसी संस्था में भी काम किया था फिर IDBI में वापस लौट आई |
अपने अच्छे कार्य की वजह से SS नाडकर्णी की नज़रों में समा गई जिससे वह 5 प्रमुख लोगो में शामिल हुई जो IDBI की अध्यक्ष के सबसे चहेते थे | नाडकर्णी उस वक्त IDBI के अध्यक्ष थे और उन्होंने हीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना भी की थी | इस संस्था की स्थापना 1992 में हुई थी और यह अध्यक्ष द्वारा हीं इस पद पर नियुक्त की गई |NSE विश्व का तीसरा सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है |
अदृश्य बाबा के साथ काम कर इन्होने काफी अच्छा ख़ासा घोटाला किया | मगर ऐसा लगता है कि - आरंभिक दौर का पन्ना अगर खंगाला जाए , जब से इस पद पर इनकी नियुक्ति हुई है तो उस अदृश्य बाबा की शक्ति और चेहरे का पता बहुत जल्द देश के सामने आ सकता है | ....... ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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