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शनिवार 25 नवम्बर को एशिया का सबसे बड़ा मेला जो कार्तिक पूर्णिमा के पवित्र अवसर पर लगाया जाता है जिसे सोनपुर के मेले के नाम से जाना जाता है | इस विश्वप्रसिद्ध मेले में देश हीं नहीं विदेशों के भी लोग शामिल होते हैं | यह मेला प्रदर्शन और बिक्री का एक बहुत बड़ा हब व केंद्र है जिसका इतिहास मुगलों के जमाने से चलता आ रहा है |
2023 के इस मेले का उद्घाटन संध्या के 6:30 बजे बिहार के उपमुख्यमंत्री व पर्यटनमंत्री तेजस्वी यादव ने किया | इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया जिसमे ससुराल गेंदा फूल की श्रद्धा पांडे ने अपनी टीम के साथ प्रस्तुति दी |
पूर्णिमा के पूर्व संध्या 25 नवम्बर से यह आरम्भ हुआ जो 26 दिसंबर तक चलेगा | यह उद्घाटन बिहार के साइंस एंड टेक्नोलॉजी मंत्री सुमित कुमार सिंह की अध्यक्षता में आरम्भ हुई |
इस मेले को हरिहर क्षेत्र का मेला भी कहा जाता है | इस अवसर पर कला संस्कृति मंत्री जितेन्द्र कुमार राय , राजस्व और भूमि सुधार मंत्री आलोक मेहता , श्रम संसाधन मंत्री सुरेन्द्र राम , बिहार विधान परिषद् के सदस्य के साथ अत्यधिक संख्या में गणमान्य लोग भी मौजूद थे |
उद्घाटन के बाद उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सोनपुर मेला कितना पुराना है यह बताने की जरुरत नहीं है , यह मेरे पिता की कर्मभूमि भी है | हम मुंगेर गए थे जहाँ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने मुंगेर मेडिकल कॉलेज अस्पताल का शिलान्यास किया | वहां पापा से मेरी बात हुई तो उन्होंने पूछा - कहाँ जा रहे हो ? हमने कहा - सोनपुर मेले का उद्घाटन करने | इसबात पर उन्होंने कहा कि मेरी तरफ से भी शुभकामनाएं दे देना |
बहुत सारी बातो के बीच उन्होंने आगे कहा - मेला लम्बा चलनेवाला है | आप सभी इस मेले का अच्छे ढंग से लुफ्त व आनंद उठाइये साथ हीं इस मेले की भव्य व सुन्दर व्यवस्था के लिए पर्यटन विभाग के लिए मधुर शब्द बोलते हुए जिला प्रशासन सहित उन सभी लोग जो इस मेले की सुन्दरता में साथ दिया , उनको धन्यवाद देते हुए आगे कहा - सभी ने इतनी मेहनत से इस दिन की शुरुआत की है ताकि यह मेला सफलता पूर्वक बढ़ता रहे | इस मेले का अपना एक अलग इतिहास रहा है और हमने इसे हर बार और भी सजाया निखारा |
पर्यटन विभाग द्वारा सांस्कृतिक पंडाल सहित आर्ट एंड क्राफ्ट विलेज का भी निर्माण कार्य किया गया है साथ हीं पर्यटन विकास निगम द्वारा पर्यटन ग्राम में अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त कॉटेज का निर्माण कार्य भी हुआ है |
दरअसल सोनपुर मेला पहले हाजीपुर में लगता था , अब इसे सोनपुर में लगाया जाता है | इसका इतिहास मुग़ल काल के दौर से चलता आ रहा है | हम समय समय पर इसकी जानकारी अंकित करते रहेंगे | फिलहाल इतना कहना जरुरी है कि यह विश्वप्रसिद्द मेला जो बिहार में लगता है , इसे सुन्दरता प्रदान करने में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोई कसर नहीं छोड़ी |आरंभिक दौर कुछ और था लेकिन 2023 की मेले की सुन्दरता का दौर कुछ और है जो सबको लुभा रहा है |
निर्मल दिल , सहृदय व्यक्तित्व के धनी नीतीश कुमार ने बिहार में शराब बंदी कर एक इतिहास रचा है जिससे वहां की जनता नशे से मुक्त होकर खुशहाल जिंदगी जी रही है | इस जिंदगी के लिए उन्होंने बिहार में राजस्व की अत्यधिक कमी पर भी ध्यान नहीं दिया और लोगो के विषय में / उनके स्वास्थ्य के विषय में अलग सोंच रखे | बिहार में आगे और भी विकास होना बाकि है , इनकी सोंच है - बिहार की जनता को किसी अन्य प्रदेश में रोजी रोजगार के लिए जाना हीं न पड़े |क्यूंकि ऐसे ऐसे मेले लगते रहेंगे तो बिहार वालो को दूसरे स्टेट में काम हेतु जाने की जरुरत हीं नहीं पड़ेगी | बिहार का ऐसा ख़ास वर्ग जो मजदूरी करते हैं या फिर ऐसे हीं कार्य से जुड़े है , अन्य राज्य में जाकर अपने श्रम के बल पर उस राज्य को तेजी से आगे की तरफ विकसित कर रहे हैं बावजूद इनका हाथ खाली है और तबतक खाली रहेगा जबतक की कोई ठोस आधार नहीं मिलेगा |
ऐसे श्रम करनेवाले से विशेष कर बात की गई तो देखा गया कि इनकी कमाई का अधिकांशतः धन तो उसी राज्य में किराए के मकान और खाने में चला जाता है , पढ़ाई भी उतनी हीं महंगी है | ये मजदूर अगर बिहार में रहकर काम करे तो इनका ये सभी अतिरिक्त धन बच सकता है और ये खुशहाल जिंदगी जी पायेंगे तो ऐसे मेले का शुभारम्भ इंसान को रोजी रोजगार से जोड़ते हुए इंसान को उंचाई पर पहुंचाता है |
साथ हीं हम आपको एक बात और भी बताना चाहेंगे - कल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा दिए गए एक सन्देश पढ़ने को मिला जिसमे अंकित था - भारत के लोग विदेश में जाकर शादी शमारोह न करे , भारत में शादी करेंगे तो भारत का पैसा भारत में रहेगा |
मेरे ख्याल से हर राज्य का विकास बहुत हीं महत्वपूर्ण है आदमी के जीने के लिए इसलिए प्रधानमंत्री के इस सन्देश को अपने जीवन में उतारिये |
मेले को देखने से बहुत सारी जानकारी मिलती है | स्वावलंबी जिंदगी जीने का एक मौका मिलता है जहाँ लोग अपना स्टॉल लगाकर प्रदर्शन करते हैं | इस बार के मेले ने तो इतिहास रचा है जहाँ 6 थ्रियेटर और कीमती वह प्रदर्शन जो लोगो की सोंच से परे था , लगाईं गई है | ......... ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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