Tum Itana Bata Do - हिंदी कविता "तुम इतना बता दो" | Bhavyashri News
- Aug 12, 2023
तुम मुझे चाहो न चाहो इसका कोई गम नहीं लेकिन मै तुम्हें चाहूँ तमाम उम्र , अधिकार दे दो लश्कर बना डाला तुमने सावनी घटा का मुरझा गया गम पीते पीते उन जुल्फों को सहलाने की इजाजत दे दो पिता रहा हूँ...
Mai Kaun Hun Hindi Poem by M. Noopur | हिंदी कविता "मै कौन हूँ" ?
- Nov 29, 2022
अक्सर लोग मुझसे पूछते है मै कौन हूँ ? मैंने कहा - एक भारतीय हूँ |लोग संतुष्ट नहीं हुए मै बहुत परेशान हो गई मैने स्वयं से पूछा - इसी खोज में वर्षो निकल गए हमारे लोग मिलते रहे , बिछरते...
Sonch Hindi Kavita | M. Noopur Hindi Poem Sonch | हिंदी कविता "सोंच" - Bhavyashri News
- Jul 05, 2022
क्या सोंच रहे हो , मालूम नहीं किसे देख रहे हो , एहसास नहीं लेकिन एहसास मुझे है !तुम राहत पाने की खातिर बैठे हो यहाँ पर लेकिन तुम्हे क्या मालुम है ? तुम्हारे लिए यह जगह मौत का कुआँ है शायद !या फिर...
Tumse Pyar Hai - हिंदी कविता "तुमसे प्यार है" - Bhavyashri News
- Apr 13, 2022
हर किसी को मिलता नहीं सारा , फिर भी जान हथेली पर लिए जा रहे है और एक उम्मदी , विश्वास के संग जीए जा रहे है दिल पलाश है पर किसकी तलाश है समन्दर बीच रहकर भी क्यूँ इतना प्यास है ! मुहब्बत , रिश्तो के...
Mannat Hindi Poem by :- Manisha Noopur | मन्नत कविता - Bhavyashri News
- Jan 17, 2022
"मन्नत"तुमसे कुछ मांगने की चाह में सूर्यास्त होने से सूर्योदय तक जागती रही और वर्षो गुजार दिया इस सोंच में कि तुम मिलोगे एक दिन पर तुम नहीं मिले मै टूट गई , दिल टूट गया , मेरा विश्वास टूट गया पर...
Vairagya Hindi Poem by Rupesh Aaditya | हिंदी कविता "वैराग्य" | Bhavyashri News
- Jan 07, 2022
"वैराग्य"मंजिल दूर होती गई और सपने वीरान एक तुच्छ सी पगली पर मेरा दिल था कुर्बान मगर मै उन्मुक्त होकर गगन को चूमना चाहता हूँ टिमटिमाते हुए तारे से आज मै कुछ पूछना चाहता हूँ ! नयन से अश्क गिरकर...
मृत्यु सत्य है , जिंदगी है एक नकाब by :- Manisha Noopur
- Dec 17, 2021
मृत्यु सत्य है जिंदगी है एक नकाब जैसे चौराहे पर बिखर गया होअनकहे सवालो का जवाब ....... by :- Manisha Noopur
"ए इश्क तो है धोखा , कभी प्यार न करना" by :- Rupesh Aaditya | Bhavyashri News
- Dec 17, 2021
एतवार का कहर , है ये अँधा सफ़र किसे कहूँ मै अपना , खुद ने ली है जहर अगर वक्त हो तो , मुझे याद करना ए इश्क तो है धोखा , कभी प्यार न करना ! कभी खुद को समझाया , औरो ने भी बताया मै प्यार में था अँधा , किस्मत...
"मै हवा हूँ , हवा ही रहूँगा" by :- Rupesh Aaditya | Mai Hawa Hun , Hawa Hi Rahunga
- Dec 11, 2021
मै हवा हूँ , हवा ही रहूँगा तुझे पाने को तड़पता ही रहूँगा नजरो से चुराकर देखता ही रहूँगा मै हवा हूँ , हवा ही रहूँगा ! थिड़कते तेरे पैरो को देखता ही रहूँगा छनकते तेरे पायल को सुनता ही रहूँगा हिरणी...
Tumhari Pyas Hai Hindi Porm | तुम्हारी प्यास है कविता मनीषा नूपुर | Bhavyashri News
- Nov 25, 2021
"तुम्हारी प्यास है"तुम बुत हो हम जानते है फिर भी तुम्हें हीं खुदा मानते है मानते है क्यूंकि तुमने हीं किया हसरते पूरी एक दिन तो मिट के हीं रहेगी , मेरी तुम्हारी यह दूरीक्यूंकि मुझे भी बुत बनना...
Fariyaad Hindi Poem by Rupesh Aaditya | हिंदी कविता फ़रियाद | Bhavyashri News
- Nov 12, 2021
"फ़रियाद"टिमटिमाते ये तारे आज भी मुझसे कुछ कहती है ढलती हुई रात में मेरी नज़रों की दर्द को वो सहती है तेरा साथ अगर होता तो जिंदगी गुजर जाती सारी दुनियां की ख़ुशी अपनी गोद में आ जाती संभाले नहीं...
Mujhe Achchha Lagata Hai Hindi Kavita | "मुझे अच्छा लगता है" by Manisha Noopur |
- Oct 10, 2021
*सावन में भींगना , छतरी के नीचे छुप जाना बरसाती पहनकर दौड़ना मुझे अच्छा लगता है *बरसता के मौसम का क्या कहना यह मौसम रोमांटिक कहलाता है मस्ती मे मन को ढालना / साहित्य गढ़ना गर्म - गर्म...
कैसे कहूँ सबकुछ वही है" कविता मनीषा नूपुर | Kaise Kahun Sabkuchh Wahin Hai |...
- Oct 10, 2021
तस्वीर तुम्हारी देखकर हम हैरान हुए कैसे बताऊँ तुम्हें हम कितना परेशान हुए तुम वही थे , तुम्हारी सोंच वही थी चाहते , तमन्ना , ख्वाहिशें वही थी सिर्फ उम्र ढल सा गया है तुम्हारा , कैसे कहूँ ...
Dastak Dilon Par | हिंदी कविता - "दस्तक दिलों पर" by :- Manisha Noopur | Bhavyashri News
- Sep 28, 2021
"दस्तक दिलों पर"आओ झूठे अहम को छोड़ दे जो भ्रमित करे , ऐसे भ्रम को तोड़ दे अपने भारत को स्वच्छ , सुन्दर , इन्द्रधनुषी बनाए स्वाभिमान की रक्षा करे और जिंदगी को मोड़ दे छतीस ( ३६ ) बन हम क्यूँ अकड़ रहे है ?...
Aaina Tujhe Salam | हिंदी कविता "आईना तुझे सलाम" by :- Manisha Noopur | Bhavyashri News
- Sep 28, 2021
"आईना तुझे सलाम" आज अहले सहर जब मैंने आईना देखा , तो आश्चर्य का ठिकाना न रहा मेरी त्वचा कुछ मुरझाई सी नजर आई मैंने चेहरा धोया अंतर नगण्य सा दिखा अचानक मेरी परछाई मुस्कुरा दी और मै बचपन में लौट आई...
तरस में जीवन गुजर जाता तो अच्छा था .......... मनीषा नूपुर...
- Sep 25, 2021
तरस में जीवन गुजर जाता तो अच्छा था क्लेश इस बात का है कि - जिंदगी बहस में गुजर गई |
Kismat Ki Chabi | "किस्मत की चाबी कविता | Manisha Noopur Hindi Poem "Kismat Ki Chabi" | Bhavyashri News
- Sep 23, 2021
"किस्मत की चाबी"दर्द जब से हद से ज्यादा गुजर जाए , तो उसकी दवा क्या है ? बेवफा को इस दुनियां में पहचान लें , वो वफ़ा क्या है ? कौन है जो चलाता है संसार की बागडोर ?किस्मत की चाबी है उनके हाथ , चलता नहीं...
विलाप हिंदी कविता का | Vilap Hindi Kavita Ka | हिंदी दिवस पर कविता का...
- Sep 14, 2021
"विलाप हिंदी कविता का" मै कविता हूँ , मुझे कविता हीं रहना है , मुझे कविता हीं रहने दे मै गीत नहीं हूँ , मै गजल नहीं हूँ मै धड़कते दिलों की आवाज हूँ मुझमे साज मत डालो मै आवाज हूँ , मुझे आवाज हीं रहने दो...
"उफनता हुआ सैलाब" मनीषा नूपुर की कविता | Bhavyashri News
- Sep 11, 2021
"उफनता हुआ सैलाब" गम , हिमशिखा बनकर बहने को बेताब है नयनों में दर्द उफनता हुआ सैलाब है जब्ज नहीं हो पाएगी , अधरो पर जिंदगी सुनामी न ला दे तुम एकबार अपने कंधे पर इसे बरसाने की इजाजत दे दो...
Bhor Hindi Poem | मनीषा नूपुर कविता "भोर" | Bhavyashri News
- Sep 04, 2021
"भोर"दिल चाहता है तेरे घर के सामने , मै भी अपना घर बनाऊं समुन्द्र से मोती बीनकर उसे सजाऊ तुम मेरे करीब हो , यह मेरा भ्रम तो नहीं ! कि तुम साथ रहो , तन्हा प्यास तो नहीं गर तुम साथ - साथ हो , तो डरने की...
Kash Tum Karib Hote | मनीषा नूपुर कविता "काश ! तुम करीब होते" | Bhavyashri News
- Aug 29, 2021
"काश ! तुम करीब होते" मन ने ये सोंचा था ! तुम मेरे करीब रहो पर ऐसा हो न सका , तुम दूर हो गए मन ने ये भी सोंचा था - मै सिर्फ तुमसे प्यार करूँ पर ऐसा भी हो न सका और हम किसी के हो गए मन ने सोंचा था - तुम्हें...
Ummid Par Tika Hai Shajar | कविता "उम्मीद पर टिका है शजर" | Bhavyashri News
- Aug 28, 2021
"उम्मीद पर टिका है शजर"उम्मीद पर टिका है शजर , पल - पल बेहोश पर एहसास मन कहता है - कुछ खो गया है दिल के करीब से और मेरा विश्वास रुखसत हो गया जब्ज होकर मन पागल / बेचैन है , तेरी सतरंगी जहाँ में ऐसा क्या...
Sarthi Sath Nibhana | मनीषा नूपुर की कविता "सारथी साथ निभाना" | Hindi Kavita Sarthi...
- Aug 19, 2021
"सारथी साथ निभाना"सोंच नहीं हिम्मत देती कि अंजुरी फैला दे हर डगर तन्हा पर गई मै , मुझे थाम लो ऐ शहर जिंदगी अब खुद पर हीं बोझ बन गई है रातों की नींद भोर में सिमट गई है भूखा मन आज सुखी रोटी को बेताब...
Raftaar | Hindi Poem Raftaar | Manisha Noopur Kavita Raftaar | रफ़्तार कविता | Bhavyashri News
- Aug 19, 2021
"रफ़्तार" कभी - कभी जिंदगी ठहर जाती है और वक्त फिसल जाता है दामन से गति स्नेह - स्नेह , उम्र बुढ़ापा दे जाता है हम बौखला उठते है प्यासे जबकि समंदर तो कभी पास था , पाने के लिए और सावन अंगराई भरती...
Intajaar Hindi Poem | Hindi Kavita Intajaar | Manisha Noopur Kavita "इंतज़ार" | Bhavyashri News
- Aug 17, 2021
"इंतजार"एतवार टूटता रहा हम जुड़ते गए खामोशियों के साथ और जीते रहे क्लेश को गले लगाए आज भी तड़प जाती है जिंदगी , मौत के लिए मिलता नहीं कहीं भी चिराग नेह का जिसमे सेक सके हम मुट्ठी भर अपनी पीड़ा ये...
Hindi Poem Tapish | Tapish Kavita | तपिश कविता by Manisha Noopur | Bhavyashri News
- Aug 16, 2021
"तपिश"तुम्हारे शब्द मुझे तोड़ते हैं टूटकर बिखर जाती है "मै" बार - बार , फिर जोड़ते है दर्द /क्लेश / पीड़ा , चाहत समेटे मन में कभी तुम्हारे पास होती तो , कभी दूर , बहुत दूर शब्दों की थपेड़ो से जो मारा है...
Sirf Tum Hindi Poem | Kavita Sirf Tum | Manisha Noopur Kavita सिर्फ तुम | Bhavyashri News
- Aug 13, 2021
"सिर्फ तुम"भावनाएं बदलने पड़े जिंदगी मरू बनी मान्यताओं पर प्रश्न चिन्ह लगा ? जवाब बस इतना तुम्हें पाना है पार होकर भी सवालों का घेरा भारी पड़ा तुम समन्दर , सावन तुम , प्यासा मन तड़प गया तुम्हें पी...
Manthan | Hindi Poem Manthan | Manisha Noopur Kavita Manthan | Bhavyashri News
- Aug 12, 2021
"मंथन" तुम्हें चाहा है मैंने इतना सच मानों जितना गहरा समुन्द्र है इन्द्रधनुषी आसमान से भी ऊँचा मेरा प्यार है शायद ! यकीन नहीं तुम्हें , पर एतवार करो जैसे सूरज का उगना / अस्त होना चाँद - सितारों का...
Tadap Ye Din Rat Ki | Hindi Kavita Tadap Ye Din Rat Ki | मनीषा नूपुर की कविता तड़प ये दिन रात...
- Aug 11, 2021
"तड़प ये दिन रात की" सोंचा था मैंने भी अपनी प्रेयसी को बेलेन्टाइन डे पर लाल गुलाब दूँ लेकिन सोंच विखर गए तार - तार होकर सामने टीटू बाघिन को लोगों ने मार डाला और घसीटते हुए अपने साथ ले गए पुलिस चौकी...
O Sathi Re Hindi Poem | Manisha Noopur Kavita O Sathi Re | ओ साथी रे कविता | Bhavyashri News
- Aug 10, 2021
"ओ साथी रे" प्यार तो बहुत था दिल में लुटाने के लिए पर ! आया हीं नहीं कोई पास पाने के लिए किसको याद करूं , किससे फ़रियाद करूं कहाँ पर जाकर जज्जबात अपनी बयां करूँ हमसफ़र राह में मिला अपने ठिकाने के...
Hindi Poem Klesh | क्लेश कविता | Manisha Noopur Hindi Poem Klesh
- Aug 09, 2021
"क्लेश"कोई तो बरसे रंग ऐसा , जो मेरा हो खुशियों से सजा - धजा , जग मेरा हो निफिक्र होकर रहे , उमंगो को भरकर अपने बच्चों के संग , तरंगो में सोकर नींद उड़ी है , चैन उड़ा हैजो कटा है , वृक्ष / जंगल मेरा तन पे...
Pahali Nazar Hindi Poem | Mnisha Noopur Kavita "Pahali Nazar" | कविता "पहली नज़र" | Bhavyashri News
- Aug 08, 2021
"पहली नजर" सूर्य की पहली किरण की तरह जब तुम मेरी जिंदगी में आये तो ऐसा लगा ! जिंदगी भर का दर्द समेट पाउंगी तुम्हारे साथ लेकिन जज्बात , कमजोर बना देती है इंसान को जाना तो लगा !हर सपने में छुपे ,झूठ की...
Sarhad Ke Is Par Ya Us Par | Hindi Poem Sarhad Ke Is Par Ya Us Par | कविता "सरहद के इस पार या उस पार"...
- Aug 06, 2021
"सरहद के इस पार या उस पार"साँसे , सजा ए मौत बन रही है , दिल का रिश्ता धुंआ - धुंआ है और घर जल रहा है अपने हीं चिराग से यह कैसी त्रास्दी कि ? अपने हीं लहू से अवनी लहुलुहान है स्त्री अपनी शक्ति के आगे...
Kab Tak Hindi Poem | Manisha Noopur Kavita Kab Tak | Bhavyashri News
- Aug 05, 2021
कब तक !गाँठ पड़कर जुड़ते गए और टूटते रहे हम रात - दिन तपिश / क्लेश / पीड़ा को समेटे चाहत के समंदर में डूबा मन लेकिन बंदिशों की आड़ में कैद मैं पहरे लगा गए प्यार पर भी , जो सिर्फ मेरा है क्यूँ नहीं हम...
Hakikat Hindi Poem | कविता "हकीकत" | Manisha Noopur's Poem Hakikat | Bhavyashri News
- Aug 05, 2021
"हकीकत" एक कड़वा सच है "मौत" जो जिंदगी को बेनकाब कर जाती है और हर सपने को लहू - लुहान फिर भी ! बचा रह जाता है एक ख्वाब , हर किसी की आँखों में काश ! जिंदगी कुछ पल और मेहमान बन जाती तो हर इंसान जी पाता ,...
Aah ! Hindi Poem | आह ! कविता | Manisha Noopur Poem Aah | Bhavyashri News
- Aug 04, 2021
आह !मच्छली का मच्छलियों को खा जाना कल तक भ्रम था , मेरे लिए पर आज जब करीब से देखा तो एहसास हुआ ! इनके दर्द का रिसते लहू / क्लेश व पीड़ा का लेकिन कितनी अजीब बात है ! छोटी मच्छालियाँ नहीं मार सकती...
Kash ! Thahar Jate Poem | Hindi Poem Kash ! Thahar Jate | काश ठहर जाते कविता एम० नूपुर | Bhavyashri News
- Aug 02, 2021
काश ! ठहर जाते शून्य पड़ गए हम समेटते - समेटते फिर भी ! तुम पूरे न हुए निकल गए दूर कितने , खुशियों की तलाश में जिंदगी अभी बाकी है , समेट लायेंगे दुनियां तुम्हारे लिए चाहत मुड़कर देखा नहीं , सूर्य...
Manisha Noopur Hindi Poem Kashish | Kashish Poem | हिंदी कविता कशीश | Bhavyashri News
- Aug 02, 2021
-: कशीश :-पास होकर भी , हम दूर है कहीं तो मजबूर है !कभी एक थी मंजिल अपनी फिर क्यूँ ? रुक गए सफ़र , राह में चलते - चलते कहीं तुम रुके , कहीं मैं रिश्तों के ताने - बानों में और ! मिल न सकी मंजिल कहीं एक बार टूट...
Dhadkan Hindi Poem by Manisha Noopur | धड़कन कविता | Bhavyashri News
- Jul 28, 2021
सूर्य की पहली किरण की तरह , मेरी जिंदगी में आना साथी दो कदम नहीं , तुम जीवनभर साथ निभाना पलकें बिछाएं बैठे है हम , तुम्हारे इंतज़ार में यहीं पर मिलेंगे , हम पहली मुलाक़ात में मन यह सोंचता है ! काश !...
Manisha Noopur Hindi Poem | Hindi Kavita Kuchh Pal | मनीषा नूपुर की कविता कुछ पल के लिए |...
- Jul 21, 2021
-: कुछ पल :-तुम्हारी आँखों में सतरंगी तूफ़ान जब भी देखा तो ! समन्दर के उफान को पत्थरों से टकराने का एहसास सा हुआ चाहत नीलाम होते भी देखा तो , एक आह सी उठती क्लेश / पीड़ा भी नजर आयी जब भी तुम्हें देखता...
Priyatam Hindi Poem by Rupesh Aaditya | प्रियतम हिंदी कविता | Bhavyashri News
- Jul 05, 2021
काश ! तुम्हारे बसेरे का ठिकाना पता होता तो , तुम्हारे गोद पर सोने को दौड़ा हुआ मै आ जाता पर दिन आती नहीं , जो तन्हा रात गुजर जाता और बेरुखी सी सवाल का , जवाब मुझे मिल जाता गुजर गए कुछ दिन , तेरी...
Tadap Ye Din - Rat Ki Hindi Poem by :- Manisha Noopur "तड़प ये दिन - रात की .... Bhavyashri News
- Jun 25, 2021
जिंदगी में हर दर्द , आज बेजान सा क्यूँ है ? पतझड़ / रेगिस्तान भी शर्मसार सा क्यूँ है ? कोरोना से त्रस्त आँधियों की दौर में , आदमी की कीमत ख़ाक है जहाँ बिक रही है हर सांसे , गिरवी के बाद है जिंदगी में...
बेकल तुम भी , बेकल हम भी ............. डर लगता है !
- Jun 15, 2021
क्या सोंच रहे हो तुम , मालुम नहीं ! किसे देख रहे हो , एहसास नहीं लेकिन एहसास मुझे है तुम थोड़ी राहत पाने की खातिर बैठे हो यहाँ पर लेकिन तुम्हें क्या मालूम ? तुम्हारे लिए यह जगह , सुरक्षित नहीं ...
Difference Between Human and Animal . आदमी और जानवर में क्या फर्क है |
- May 28, 2021
आदमी और जानवर में क्या फर्क है , यह पंक्ति मनीषा नूपुर द्वारा लिखा गया है |
Trasadi Kavita . Hindi Poem Trasadi by Manisha Noopur . हिंदी कविता त्रासदी
- Apr 19, 2021
त्रासदी एक हिंदी कविता है जो मनीषा नूपुर के द्वारा लिखी गई है |