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नवरात्रा के शुभारम्भ होने के क्रम में रामानंद सागर द्वारा निर्मित सीरियल "रामायण" में रावण की भूमिका निभाने वाले अभिनेता अरविन्द त्रिवेदी का मंगलवार की रात दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया , वे 82 वर्ष के थे |
मंगलवार की रात कांदिवली स्थिति अपने घर पर हीं 9 बजकर 30 मिनट पर उन्होंने अंतिम साँस लेते हुए दुनिया को अलविदा कहा | मृत्यु की पुष्टि इनका भतीजा कौस्तुभ त्रिवेदी ने किया है |अंतिम संस्कार बुधवार को मुंबई में किया गया |
ख़ुशी और गम की दुविधा में अटके पड़े 3 वर्ष से वे दुःख के घेरे में कैद थे और सूचना के आधार पर हम आपको बता दे कि - इनकी आत्मा मृत्यु की बाट जोह रही थी , क्यूंकि इनके अंग ठीक से काम नहीं कर पा रहे थे , जिससे की वे काफी परेशान थे |उनके फैंस भी इस बात से दुखी थे | ऐसा नहीं कि उनकी मृत्यु से लोग दुखी नहीं हुए है , बल्कि कुछ लोगों का तो यह भी मानना है कि - जब शरीर का अंग हीं काम करना बंद कर दे , तो उस आत्मा को नई शरीर की तलाश होती है , जो अब उन्हें मिल पायेगा |
अरविन्द त्रिवेदी एक ऐसा नाम , चेहरा व किरदार थे , जो मरकर भी सदैव जिन्दा रहेंगे लोगों के मन में , दिल में और इतिहास में | ये तब तब याद आयेंगे जब रामायण की चर्चा होगी |
इन्होने गुजराती फिल्मों में लगभग 40 वर्षो तक काम किया | 300 से भी ज्यादा फिल्म करने का नाम अंकित है | सामाजिक व पौराणिक फिल्मों में इनकी सशक्त भूमिका देखी जा सकती है | ऐसा नहीं कि ये सिर्फ फिल्मों में हीं अभिनेता के रूप में ख्याति अर्जित किये , बल्कि ये राजनीति में भी काफी सक्रीय थे और 1991 से लेकर 1996 तक संसद के सदस्य रहे |
साबरकांठा निर्वाचन क्षेत्र से ये चुने गए थे | साथ हीं सेंसर बोर्ड फॉर फिल्म सर्टिफिकेट के पद पर भी कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में आसीन थे |
इससे पूर्व भी इनके मरने की झूठी खबर फैली थी , इस अफवाह से अरविन्द त्रिपाठी बहुत हीं दुखी हुए थे और बाद में तो उन्होंने इसपर अपनी प्रतिक्रिया भी दे डाली | कहा था - अभी मै जिन्दा हूँ , मुझे मत मारो |
बहुत दुःख होता है वगैर जाने समझे किसी की मृत्यु की झूठी खबर को उछाल देना , जबकि इंसान जिन्दा है | थोड़ी सी व्यू और धन कमाने के लिए लोग चर्चित चेहरे को मृत्यु की सैया पर सुला देने की बात कहते हुए शर्म महसूस नहीं करते | यह एक दुर्भाग्य है , खैर ..... |
इसबार फिर नवरात्र की दसमी की तैयारी में महीनों से लगे कारीगर रामायण की पुतला बनाते नजर आ रहे थे | वो भी क्या दिन हुआ करता था ! जब अरविन्द त्रिवेदी अपनी आँखों से रावण को जलते हुए देखा करते थे या फिर रामायण में राम के हाथ स्वयं की मृत्यु | इसे इक्तफाक कहा जा सकता है कि - माता रानी के आगमन पर वे स्वर्गलोक के लिए रवाना हो गए |
अभी लगातार फिल्म दुनियां के दो सेलेब्रिटी धरती को अलविदा कहा , जिसमे तारक मेहता का उल्टा चश्मा में नट्टू काका के किरदार निभाने वाले घनश्याम नायक की भी मृत्यु कैंसर की चपेट में आने के कारण हो गया , ये 67 वर्ष के थे | ये काफी दिनों से गले के केंसर से परेशान थे और ये भी तारक मेहता का उल्टा चश्मा का एक प्रमुख पात्र निभाने वाले सीरियल के रौनक हुआ करते थे , जो अब नहीं रहे | इनकी भी एक बात सदैव याद रखी जाएगी , जब वे जेठालाल से अपनी पगार बढ़ाने के लिए बोला करते थेऔर इनके अंग्रेजी बोलने का क्या कहना !
अरविन्द त्रिवेदी के निधन की खबर से इनके फैंस के साथ - साथ रामायण में राम की भूमिका निभाने वाले अरुण गोविल , माँ सीता के रूप में दीपिका चिखलिया और श्री लक्ष्मण के रुप मे सुनील लहरी को भी गहरा सदमा लगा है |
तीनों ने अरविन्द त्रिवेदी को याद करते हुए सोशल मीडिया पर श्रधांजलि अर्पित की है , जिसमे हम आपको श्री राम बने अरुण गोविल के ट्विट को अंकित कर रहे है |
इन्होने लिखा - अध्यात्मिक रूप से रामावतार का कारण और सांसारिक रूप से एक बहुत हीं नेक , धार्मिक , सरल स्वभावी इंसान और मेरे अतिप्रिय मित्र अरविन्द त्रिवेदी जी को आज मानव समाज ने खो दिया | निःसंदेह वो सीधे परम धाम जायेंगे और भगवान श्री राम का सानिध्य पायेंगे |
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्विट किया - हमने श्री अरविन्द त्रिवेदी को खो दिया है , जो एक टैलेंटेड एक्टर के साथ- साथ जनसेवा के प्रति भी जुनूनी थे | भारतीयों की पीढ़ियों के लिए उन्हें रामायण टीवी सीरियल में उनके काम के लिए याद किया जाएगा | ॐ शांति |
जाने वाले चले जाते है , मगर वहीं उनकी यादें सदैव धरती पर जिन्दा रहती है , आनेवाली पीढ़ी के लिए प्रेरणा बनकर | अरविन्द त्रिवेदी के जाने से पुरे भारतवर्ष दुखी हुए , क्यूंकि रामायण जैसे सीरियल में रावण का किरदार निभाकर वो काफी भारी पड़े , जिसे इतिहास भुला नहीं पायेगा |कबीर की एक पंक्ति हर इंसान के लिए बहुत हीं मायने रखने वाला है , इस पर हर किसी को गौर करना चाहिए - कबीरा जब हम पैदा हुए जग हँसे हम रोये , ऐसी करनी कर चलो हम हँसे जग रोये | भव्याश्री परिवार की तरफ से इन्हें भावभीनी श्रधांजलि | ....... ( न्यूज़ / फीचर :- आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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