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इन दिनों बॉलीवुड में कोरोना का आक्रमण इस कदर फैलता जा रहा है , जिससे सेलेब्रिटी पर भी इसका सीधा असर पड़ रहा है | इस माह में कई सेलेब्रिटी कोरोना से आहात हुए हैं और कितनों ने दुनियां को अलविदा कहा |
एक बार फिर बॉलीवुड से बहुत हीं दुखद व दिल दहला देने वाली सूचना सामने आई है | जिससे पुरा देश व उनके चाहने वाले शोकाकुल है | 90 के दसक के अतुलनीय मशहूर संगीतकार जोड़ी नदीम - श्रवण , जिन्होंने बॉलीवुड की फिल्मों में अनगिनत गानों में संगीत देकर सफलता के चरम पर पहुंचाया | फिल्म के गीत व फिल्मों के सफल होने में संगीत का बहुत बड़ा हाथ होता है , उन्हीं हाथों में से एक था जोड़ी , नदीम - श्रवण का | जो आज बिखर गया |
एक नाम श्रवण को , मृत्यु ने अपने आगोश में सुला लिया | वे कोरोना संक्रमित थे और कुछ हीं दिन पूर्व उनको मुंबई के एस० एल० रहेजा अस्पताल में भर्ती कराया गया था | 22 अप्रैल को 10 बजे हार्ट अटैक और मल्टीपल ऑर्गन फेलियोर से उनकी मौत हो गई , वे 66 वर्ष के थे |
यह जोड़ी फिल्म "आशिकी" से रातों - रात फेमस हो गई थी | फिल्म :- दीवाना , साजन , धड़कन , दिल है की मानता नहीं , राजा हिन्दुस्तानी , फूल और कांटे , राजा , अंदाज , बरसात , कसूर , जान तेरे नाम , बेवफा , हम है राही प्यार के , रंग , सड़क , सिर्फ तुम आदि जैसी सुपरहिट फिल्मों को संगीत देकर अपनी कामयाबी को आसमान में पहुंचाया था |
श्रवण राठौर के बेटे संजीव राठौर ने मीडिया को बताया - "पापा कुछ समय पहले हमें छोड़कर चले गए" हार्ट अटैक ने उनकी जान ले ली | उनके शरीर के कई अंगो ने काम करना बंद कर दिया था | वैसे सूचना के आधार पर बीते सोमवार की रात को डॉक्टर ने उनका डायलिसिस शुरू कर दिया था | डॉक्टर ने कहा था की , श्रवण की बिगड़ती सेहत में आने वाले 72 घंटे बहुत जोखिम भरा व नाजुक साबित होंगे और यहीं नाजुक स्थिति ने जिंदगी पर बेवफा होने का मुहर लगा दिया |
किसी शायर ने लिखा है :- जिंदगी तो बेवफा है एक दिन ठुकरायेगी , मौत महबूबा है अपने , साथ लेकर जायेगी |
और यहीं सच है कि जो आया है उसे तो हर हाल में जाना हीं पड़ता है क्योंकि शरीर अमर नहीं होता | अब ! श्रवन भी इस मायाजाल से बहुत ऊपर सफ़र कर चुके हैं | पता नहीं कैसी दुनियां है वो , जहाँ इंसान की जिन्दा रहने पर पहुँच नहीं होती और वहां अपनो का काफिला , जमावाड़ा एक साथ दिखता होगा
नदीम - श्रवण 1991 से 1993 तक लगातार तीन बार फिल्म फेयर पुरस्कार जीतकर शंकर - जयकिशन और लक्ष्मीकांत - प्यारेलाल जैसे उम्मदा संगीतकार के पास स्वयं को खड़ा किया , जो एक इतिहास बन गया | आने वाली हर पीढ़ी इन्हें याद रखेगी |
श्रवण राठौर के निधन पर उनके म्यूजिक पार्टनर नदीम सैफी मीडिया से बात करते कई दफा फूट - फूट कर रो पड़े | नदीम सैफी ने कहा कि मैंने अपने छोटे भाई को खो दिया |
इन दोनों की जोड़ी 70 के दसक में बनी भोजपुरी फिल्म "दंगल" जिसमे प्रेमा नारायण , सुजीत कुमार व इफ़्तेख़ार आदि थे , के गीत की संगीत से आरंभ की थी | हिंदी फिल्म की बात करे तो इन्होने "मैंने जीना सिख लिया" से शुरुआत कर उसके बाद रातों - रात स्टार बनते चले गए |
इन दिनों नदीम लन्दन में रहते है और वे श्रवण की मृत्यु की खबर सुनकर जज्बातों को पटल पर रख दिया | जोड़ी बिखरने के बाद , साथ गुजारा हुआ हर पल अब मन के एक एल्बम में सिमट गया | ...... ( न्यूज़ / फीचर :- भव्याश्री डेस्क )
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