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आखिर ऐसा क्या हुआ की बीते 24 घंटे में हीं हल्दीराम जो कि भारत के एक मशहूर मिठाई और स्नैक्स बनाने की कंपनी है सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लग गया | मिठाई या स्नैक्स के खराब होने या इससे सम्बंधित बाते न होकर उस पैकेट पर लिखे भाषा से विवाद गहारता जा रहा है |
यह विडियो 2:20 सकेंड का है जिसमे आप देख सकते है - एक पत्रकार हल्दीराम के स्टॉल पर उनके कर्मचारी से बाते करती हुई सिर्फ इतना पूछ रही है - नौवरात्र में बेचे जा रहे इस आहार पैकेट पर उर्दू में क्या लिखा है ? बात बस इतनी थी जिसमे पत्रकार संतुष्ट होना चाह रही थी , परन्तु कर्मचारी इनके सवाल से झल्ला उठी |
पत्रकार को देश का चौथा स्तम्भ माना गया है और इन्हें सवाल पूछने की छूट है | जिस तरह कोई अधिवक्ता अदालत में सच को सच साबित करने के लिए बहुत सारे ऐसे सवाल कर बैठते है जो उन्हें नहीं करना चाहिए , परन्तु सच पर से झूठ का पर्दा हटाने के लिए उन्हें ऐसा करना पड़ता है | पत्रकार भी जनता की आवाज है जो सच्चाई को सामने लाने के लिए किसी भी सवाल को देश के सामने रखने की जुर्रत कर सकते है |
बीते मंगलवार की रात को पत्रकार पुनीत कुमार सिंह ने सुदर्शन न्यूज़ की एक विडियो को ट्विट किया और लिखा - हल्दीराम के आउटलेट में घुसकर सुदर्शन न्यूज़ की गुंडागर्दी | यकीन मानिए यह सब पुलिस की मौजूदगी में हो रहा है #haldiram
विडियो देखने के लिए इस टाइटल पर क्लिक करे :-
अभी तक इस विडियो को लोग लाखो की संख्या में देख चुके है और यह तेजी से वायरल होता जा रहा है |
सुदर्शन टीवी की रिपोर्टर अपने हाथ में हल्दीराम की एक पैकेट लेकर वहां उसके स्टाफ से सवाल कर रही है कि - व्रत के पैकेट में उर्दू में क्या लिखा गया है ? दुकानदार भी एक महिला हीं है और पत्रकार के सवाल से उनके पसीने छुट रहे है | पत्रकार लगातार इस बात पर जोर दे रही है कि - मुझे बताइये इस पैकेट पर उर्दू में क्या लिखा हुआ है ?
कर्मचारी बोलती है - आप खुद पढ़ लीजिये | इस पर पत्रकार बोल पड़ती है - मुझे उर्दू नहीं आता , आप बताइए |
पत्रकार ने इतना तक कहा कि - नवरात्र के दौरान व्रत करने वाले हिन्दुओं को आप धोखा दे रहे है | इतना सुन हल्दीराम कि कर्मचारी बोलती है - आपको जो करना है कीजिये मैडम | हल्दीराम ऐसे ट्रेडम को एंटरटेन नहीं करता , हम आपके सवालो का जवाब देना जरुरी नहीं समझते |
अब यह विडियो सोशल मीडिया पर उछाल का केंद्र बना हुआ है | कोई रिपोटर की आलोचना कर रहा है तो कोई दुकानदार की | कोई लिख रहा है कि - यह उर्दू नहीं अरबी टेक्स्ट है , क्यूंकि इसके प्रोडक्ट मिडिल ईस्ट में भी एक्सपोर्ट किये जाते है , इसलिए इसमे कोई भेदभाव नहीं |
अब आप इस विडियो को देखकर सारा माजरा समझ गए होंगे | बात तो साफ़ है - किसी भी पैकेट पर जहाँ बात सार्वजनिक हो तो हिंदी / अंग्रेजी का इस्तेमाल किया जाता है | अभी नवरात्रा का समय है और ईद का भी , ऐसे में इस पैकेट पर विवाद गहराना जाहिर है | जिन्हें उर्दू नहीं मालूम उन्हें कैसे पता चलेगा कि इसपर क्या लिखा है ?
मैंने कुछ लोगो से इसपर प्रतिक्रिया लेना चाहा तो कई लोगो ने कहा - लगता है हल्दीराम के सर पर अब राजनीति में उतरने का शौक मंडरा रहा है , इसलिए उन्होंने हिन्दू - मुस्लिम के बीच उर्दू भाषा का इस्तेमाल खाने के पैकेट पर किया है जो उचित नहीं |
भारत में हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है और
इंग्लिश अंतर्राष्ट्रीय भाषा , इन दोनों भाषा को लगभग सभी लोग समझते है |
ऐसे में पत्रकार या ग्राहक जिस भाषा को नहीं समझेंगे उसे समझने का उनका हक़
बनता है | हल्दीराम के कर्मचारियों को यह सोंचना चाहिए और सवालो से विचलित न
होते हुए मीठे रूप में किसी को भी अपनी बातो से प्रभावित कर संतुष्ट करना
चाहिए | कर्मचारी द्वारा इस तरह मुंहतोड़ जवाब देना कंपनी के इमेज को हीं
नहीं खराब करता , बल्कि कंपनी के भारी नुकसान का भी कारण बन सकता है |
......... ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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