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मुझे केवल 5 मिनट बोलने की अनुमति दी गई जबकि चंद्रबाबू नायडू को अपनी बात रखने के लिए 20 मिनट का समय दिया गया | असम , गोवा और छतीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने 10-12 मिनट तक बाते रखी | मैंने अपना विरोध दर्ज कराया और बाहर आ गई |
ममता बनर्जी ने यह बातें मीडिया के सामने कही | उन्होंने कहा - मै और बोलना चाह रही थी परन्तु मुझे बोलने नहीं दिया गया | ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री पर एनडीए के सहयोगी के प्रति पक्षपात का आरोप लगाते हुए सभी क्षेत्रीय दलो का अपमान बताया | ममता बनर्जी का कहना था कि यह माइक तब बंद हुआ जब वे पश्चिम बंगाल को मिलनेवाले सेन्ट्रलफंड नहीं मिलने का मुद्दा उठाया था |
उन्होंने कहा - आपने मुझे क्यूँ रोका ? आप भेदभाव कर रहे हैं | विपक्ष के तरफ से केवल मै हीं यहाँ प्रतिनिधित्व कर इस बैठक में हिस्सा ले रही हूँ | मेरी सोंच है कि केंद्र और राज्य के बीच सहयोग की भावना को बढ़ावा देना चाहिए | उन्होंने नीति आयोग को समाप्त कर योजना आयोग को पुनः बहाल करने की अपनी मांग को दोहराया | कहा - नीति आयोग के पास कोई वित्तीय शक्तियां नहीं है , यह कैसे काम करेगा ? इसलिए फिर से योजना आयोग को आरम्भ कीजिये या नीति आयोग को वित्तीय शक्तियां दीजिये |
यह नीति आयोग की 9वीं गवर्निंग काउन्सिल की बैठक थी जिसमे 27 जुलाई को तमाम मुख्यमंत्री दिल्ली में उपस्थित हुए | बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे थे |
( नीति आयोग और योजना आयोग में अंतर क्या है ? हम आपको दूसरे फीचर में बताएँगे फिलहाल इस बैठक में आगे क्या हुआ हम उसकी जानकारी दे रहे हैं |)
इस बैठक में विपक्ष की एक मात्र पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हीं शामिल हुई | 7 राज्य के मुख्यमंत्री नीति आयोग को इग्नोर करते हुए शामिल नहीं हुए जिसमे पंजाब , तमिलनाडु , कर्नाटक , तेलंगाना , केरल , हिमाचल प्रदेश , झारखण्ड शामिल है |
आपको बता दे - अरविंद केजरीवाल अभी जेल में है परन्तु उनका प्रतिनिधित्व करने के लिए कोई भी सदस्य इस मीटिंग में शामिल नहीं हुआ |
वहीं एनडीए के सहयोगी व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी व्यक्तिगत कारण से इस बैठक में शामिल नहीं हो सके |
ममता बनर्जी के आरोप व दावे का विस्तार पूर्वक खंडन करते हुए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि ममता बनर्जी की बातें पूरी हो चुकी थी | उन्हें उतना समय मिला जितना निर्धारित था और हर टेबल के सामने मौजूद स्क्रीन पर समय दिखाया जा रहा था | ममता बनर्जी के दावे को झूठा करार देते हुए कहा - उन्हें मीडिया के सामने झूठी कहानी बताने के बजाय सच बताना चाहिए था | हमें ख़ुशी है कि ममता बनर्जी मीटिंग में शामिल होकर अपनी बाते रखी | उन्होंने कहा कि वे विपक्ष की तरफ से बोल रही है | उनका आरोप कि माइक बंद कर दिया गया था , यह दुर्भाग्यपूर्ण है |
आरोप , प्रत्यारोप की बाते यहीं नहीं थमी | नीति आयोग के सीईओ बी० वी० आर० सुब्रमण्यम ने तर्क देते हुए कहा - हमने सम्मान के साथ उनकी बाते सुनी | मीटिंग में सभी को 7 मिनट का समय दिया गया था | ममता बनर्जी का समय पूरा होने के बाद रक्षामंत्री ने सिर्फ समय को लेकर इशारा किया था जबकि ममता बनर्जी और भी समय लेना चाह रही थी पर बाते वहीं समाप्त कर कहा - अब नहीं बोलूंगी |
ममता बनर्जी को कोलकाता के लिए फ्लाइट लेनी थी इसलिए वह चली गई लेकिन उनके जाने के बाद भी उनके मुख्य सचिव मीटिंग में मौजूद थे | ममता बनर्जी लंच से पहले समय देने और अपनी बाते रखने का अनुरोध किया था | बैठक में अल्फ़ावेटिकल क्रम से सभी को समय मिलता है फिर भी उन्हें उनके समय पर हीं बोलने का समय निर्धारित किया गया और गुजरात से पहले रक्षामंत्री ने उन्हें बुलाया |
सभी का समय टेबल पर लगे स्क्रीन पर दिखता है जो आपको समय बताती है | 7 से आरम्भ होकर 6 , 5 , 4 , 3 , 2 , 1 बताते हुए 0 पर रुक जाती है | ऐसे में जब इनका समय समाप्त हुआ तो रक्षामंत्री ने सिर्फ समय समाप्त होने का इशारा किया था |
संसद भवन हो या फिर कोई अन्य बैठक , कहीं न कहीं बातो का उलझना तय है | बात समझना और समझा देना नेतागण को तो खूब आता है तो फिर इस बात को कैसे और कितना बढ़ाया जाए , भारत के 140 करोड़ जनता को सब समझ में आता है | पांचो ऊँगली बराबर नहीं फिर भी भारत एक मुठ्ठी में बंधा है और यही हमारी ताकत है | ........... ( न्यूज़ / फीचर :- भव्याश्री डेस्क )
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