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ब्रिटेन के इतिहास में लम्बे समय तक शासन करने वाली महारानी एलिजाबेथ के निधन ने उनके चाहने वालो को बहुत तड़पाया | 96 वर्षीय एलिजाबेथ की मृत्यु ने 8 सितम्बर को इनके प्रशंसको के लिए काला दिन बना दिया जहाँ अब वे हर साल याद की जायेंगी |
8 सितम्बर को इनका निधन हुआ | प्रोटोकॉल के अनुसार इनका अंतिम संस्कार करने की तैयारी की जा रही है | इनकी पार्थिव शरीर को इनके पति फिलिम्प्स के बगल में हीं दफनाया जायेगा जहाँ की मिट्टी एक दूसरे से मिलकर एक बार फिर संग होने का परिचय देते हुए मिलेगी |
6 फ़रवरी 1952 में इन्होने ब्रिटेन का शासन संभाला था , उस वक्त इनकी उम्र 25 साल थी | अपने पिता किंग जॉर्ज़ के निधन के बाद इन्होने शासन को संभाला , साथ हीं 14 अन्य आजाद देशो की भी महारानी बनी | ये सभी देश कभी न कभी ब्रिटिश हुकूमत के अधीन थे |
दो दिन पूर्व ब्रिटेन के 15 वें प्रधानमंत्री लीज ट्रस को इन्होने शपथ दिलवाई थी |
पुरे सम्मान व शाही परंपरा के अनुसार 10 वें दिन 19 सितम्बर को इनका अंतिम संस्कार किया जाएगा | अंतिम संस्कार से जुड़ी परंपरा 12 दिनों तक चलने वाली है |
स्कॉटलैंड के बाल्मोरल कैसल से इनका पार्थिव शरीर लंदन लाने की तैयारी में है | वेस्टमिन्स्टर ऐबे में इनका अंतिम संस्कार होना है | 4 दिनों तक इनके पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि हेतु यहीं पर रखा जाएगा | मिलिट्री परेड के साथ राष्ट्रीय शोक 12 दिनों तक रहेगा जिसमे गन सैल्यूट से 96 दफा फायर करके इनके जीवन के 96 साल को याद करके इन्हें सम्मान दिया जायेगा |
नए राजा के तौर पर महारानी को श्रद्धांजलि देने हेतु ब्रिटेन के नए किंग देश के सामने टीवी पर अपने शोक व सन्देश को संबोधित करेंगे | महारानी के पुत्र प्रिंस चार्ल्स नए किंग बन गए हैं , अब ये प्रिंस की जगह किंग चार्ल्स के नाम से जाने जायेंगे | महारानी के निधन के 24 घंटे के अन्दर लन्दन स्थित सेंट जेम्स पैलेस में सेरेमोनियल बॉडी के बीच आधिकारिक तौर पर इन्हें राजा घोषित किया जायेगा |
70 साल के शासन में महारानी की छवि पर कोई दाग नहीं लगा और यही सबसे बड़ी बात है कि जैसे आये थे दुनिया में खुद को संभाला , प्यार बाँटा , सम्मान दिया और लिया और फिर दुनिया को कहा अलविदा | यहीं तो एक संपत्ति है जो विदाई में साथ चलती है और विदाई के बाद भी एक इतिहास लिखा जाता है |
एक इतिहास बेदाग़ छवि की महारानी एलिजाबेथ के लिए लिखी जायेगी जो सदैव एक उदाहरण के रूप में दुनिया में दोहराई जायेगी और उदहारण हीं एक प्रेरणा बनकर लोगो को इसी पथ पर चलने का सन्देश देगा |
भारतवर्ष के परिवार की तरफ से आपको श्रद्धांजलि | आपकी शान में भारत सरकार ने एक दिन का शोक सम्मान का आदेश जारी किया है जिसमे लोग आपको खूब याद करेंगे | आप बहुत याद आयेंगे , क्यूंकि 3 बार आपने भारत की यात्रा की है | शाही मेहमान बनी और 1961 में गणतंत्र दिवस की परेड में भी शामिल होकर शोभा बढ़ाई |
सजता रहा है , सजता रहेगा हमारे हाथो से छवि आपकी | इन्द्रधनुषी रंग बनकर सावन भी बरसा करेगा गुलाबी सहर की तरह जहाँ आपके नाम की धुन सुनाई देगी जो कहेगा - महारानी एलिजाबेथ मरी नहीं जिन्दा है लोगो के दिलो में प्रेरणा के रूप में एक इतिहास बनकर | ......... ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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