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प्यार का परवान चढ़ने से पूर्व ऐसे दीवानों को अपनी गलती क्यूँ नहीं सूझती ?
कसमे वादे प्यार वफ़ा सब बाते हैं बातो का क्या ? यह लाइन किसी फिल्म के गाने की है , परन्तु शायर ने बहुत खूब प्यार के इस सच्चाई को शब्दों में ढाल दिया | प्यार को प्यार हीं रहने देते तो शायद अच्छा था , परन्तु प्यार को शादी के बीच बाँध देने की स्थिति में उत्पन्न भ्रम जब सच्चाई बनकर सामने खड़ी हुई तो उसे बदनामी से नहाना पड़ा|
उत्तरप्रदेश के हमीरपुर जिले में फेसबुक पर प्यार हुआ | प्रेमिका ने 8 माह बाद शादी का प्रस्ताव युवक के सामने रख दिया , जिसपर युवक ने भी शादी के लिए स्वीकृति भर दी |
लड़की शादी करने के लिए 600KM तय कर लड़के के घर पहुंची तो उसका ख्वाब इस कदर टूटा की वह अकबका गई और अपने आशिक को खरीखोटी सुनाना आरम्भ किया |
यह घटना बीते गुरुवार की है , आजमगढ़ की रहने वाली यह लड़की मझगंवा निवासी अनिल कुमार से फेसबुक पर दोस्ती कर बैठी और यह दोस्ती धीरे धीरे कब प्यार में बदल गया , पता नहीं चला |
इस दौरान चैटिंग और विडियो कॉल के जरिये 8 महीने तक बात होती रही | शादी के लिए लड़के की हरी झंडी पाकर लड़की अनिल कुमार के घर पर देर रात पहुँच गई |
सामने जब अपने प्रेमी को देखा तो उसका कद छोटा था और वह दिव्यांग था , यह देखकर लड़की ने अपना आपा खो दिया | लड़की ने घर के अन्दर तो अपना गुस्सा दिखाया हीं प्रेमी के घर के बाहर भी जमकर हंगामा मचाई | वहीं प्रेमी पर धोखाधड़ी का आरोप भी लगाया , कहा - तुमने दिव्यांग होने की बाते छुपाई | लड़की ने कहा - अनिल विडियो कॉल पर हमेशा चेहरा हीं दिखाया करता था जिससे वह कभी जान नहीं पाई कि उसे धोखा मिल रहा है |
सड़क पर हो रहे हंगामा की सूचना पाकर पुलिस प्रेमी के दरवाजे पर पहुंची और झगड़े के कारण की जानकारी ली | पुलिस को बात समझते देर न लगी और वे लड़की के घर वालो को आने की सूचना दे दी | लड़की के घर वाले सूचना पाकर शुक्रवार की सुबह राठ पहुँच गए और अपने साथ लड़की को लेकर घर चले गए |
जानकारी के आधार पर आपको बता दे कि , राठ कोतवाली के इंस्पेक्टर दिनेश सिंह ने बताया कि - सोशल मीडिया पर इन दोनों ने प्रेम किया था | जब लड़की ने अपने प्रेमी का कद छोटा देखा तो परेशान हो गई | फिलहाल पुलिस ने लड़की को उनके परिवार वालो को सौप दिया है |
स्थिति चाहे जो भी उत्पन्न हुई , सच्चाई देखने के बाद उस लड़की को अपने प्रेमी के दरवाजे पर इस कदर हंगामा कर उसे बेइज्जत नहीं करनी चाहिए थी और पुलिस को पहुँचने पर मजबूर करने से बेहतर था की वह खामोश अपने घर लौट जाती या विवाह करके अपने प्यार को एक प्यार के नाम से सजा देती | ऐसा करने की अगर हिम्मत नहीं तो फिर दोस्ती के रूप में हीं प्यार को सजा रहने देती , क्यूंकि प्यार किया नहीं जाता , प्यार हो जाता है |
प्रेमी पूरी तवाह स्वस्थ और धनवान होता तो वह विवाह के लिए तैयार हो जाती , परन्तु लड़के में कमी पाकर वह अपने प्यार व भावनाओं को टुकड़ो में बांटकर तेज़ाब डाल दिया |
यह कैसा प्यार ? प्यार - रंग / रूप , हाईट और धन नहीं मांगता | प्यार तो सिर्फ सहानुभूति / अनुभूति और दो विचारधारा मिलने का हीं नाम है | मगर इस प्रेमिका के तो भाव हीं अलग थे , इस प्यार को हम क्या नाम दे ?
जब प्यार किया तो प्यार निभाना भी सीखिए , प्यार कभी कभी त्याग भी मांगता है | क्यूंकि प्यार तो मन व दिल का वह सकून है जो शब्दों की भाव व स्पर्श से तन व मन दोनों को पुलकित करता है | मगर ये कैसी आंधियां उठी की प्यार के इस वेग को बदनामी की चादर ओढ़ाकर शांत कर गया |
प्रेमी अनिल कुमार खाली हाथ रह गए | इनकी माँ ने बड़े हीं जतन से इन्हें पाला होगा | कोई फर्क नहीं पड़ा इस प्यार में , परन्तु एक प्रेमिका की नजरो में सिर्फ शरीर के कम पड़ जाने से प्यार क्यूँ कम पड़ गया ?
प्रेमी अनिल कुमार से जब लड़की ने प्यार का इजहार किया और बात शादी तक पहुंची तो लड़की तक इस सच्चाई को सामने लाना चाहिए था | अनिल कुमार को अपने बौना होने की बात वीडियो पर हीं सही मगर लड़की को दिखानी चाहिए थी | बहुत सारी लड़की या लड़के ऐसे दिलवाले होते है जिन्हें फर्क नहीं पड़ता और प्यार शायद इसी का नाम भी है |
परन्तु मुठ्ठीभर लोगो को छोड़ दिया जाए तो यह जीवन की सच्चाई है कि - शरीर के कम पड़ जाने से लोग व परिवार वालो को बहुत फर्क पड़ता है | इस बात को हर हाल में स्वीकार करना पड़ेगा , जिस कमी को अनिल कुमार ने नजरअंदाज कर उस लड़की को सच्चाई से अवगत नहीं कराया |
एक बार फिर मेरा मन सोंचने पर मजबूर हुआ , इस प्यार को क्या नाम दे हम ? .......... ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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