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सात फेरो का बंधन अधूरा रहा , दूल्हा दरवाजे से बिना दुल्हन लिए खाली हाथ लौटा | साथ हीं लड़की पक्ष से कुछ बारातियों को भी बंधक बनाया गया |
बीते रविवार को उत्तरप्रदेश में आगरा के मुड़ी जहाँगीरपुर गाँव में एक बारात आई | वरमाला का रश्म निभाया गया | बाराती खाना - खाने के प्रति रुझान ले रहे थे | सभी लोग अपनी - अपनी जरुरत और समस्या के समाधान में लगे थे की अचानक बारातियों के पास उड़ती हुई खबर पहुंची कि दुल्हन बेहोश हो गई है और यह सच भी था , लड़की बेहोश हो गई थी |
जल्दीबाजी में लड़की को यमुनापुर के नर्सिंग होम में लाया गया . जहाँ जांच के दौरान डॉक्टर ने कहा कि - लड़की ने विषाक्त पदार्थ का सेवन किया है | यह सुनकर और जानकर बारातियों के बीच घबराहट उत्पन्न होने लगी और दुल्हे पक्ष से आये हुए बाराती बने मेहमान , अपनी बारात वापस ले जाने की बात कहने लगे और उस लड़की से विवाह करने से साफ़ इंकार कर दिया , साथ हीं बारात वापस ले जाने की तैयारी में लग गए |
बारात राजस्थान के सहपऊ से मुड़ी जहांगीरपुर आई थी | लड़की द्वारा कुछ विषाक्त पदार्थ खाने की सूचना पाकर अधिकांश लोग लौट गए | परन्तु लड़की वाले ने दर्जन भर से अधिक बारातियों को बंधक बना लिया और विवाह करके जाने देने की जिद्द करते हुए दुल्हन बिदा करने से पहले न जाने देने का दबाव बनाने लगे |
लड़की पक्ष का कहना था कि - दुल्हन को ठीक होते हीं विवाह करा दी जायेगी | फिर दुल्हन को लेकर बारात की विदाई हो ! लेकिन लड़के ने शादी करने से हीं इंकार कर दिया | लड़के का यह कहना था कि - जब लड़की को शादी नहीं करनी थी , तो फिर रिश्ता क्यूँ तय किया ? इस बात को लेकर दोनों पक्ष में तना - तनी शुरू होते हुए बात आगे बढ़ती चली गई | दुल्हन पक्ष ने सभी को रोकने का प्रयास किया , परन्तु कुछ तो निकल गए और कुछ को बंधक बना लिया गया |
इस बात की जानकारी पर , खंदौली पुलिस मौके पर पहुंची | दोनों पक्ष से बात की | पुलिस को , दोनों पक्ष ने बताया कि - पंचायत की गई है और उसमे तय हुआ है , शादी नहीं होगी | दोनों पक्ष एक दूसरे द्वारा दिया गया सामान वापस करेंगे | दूल्हा अपना अंतिम निर्णय सुनाकर वापस अपने घर लौट गए और उनके परिवार के कुछ लोग अभी रुके हुए हैं , सामान लेन देन करने के लिए |
पुलिस ने दुल्हन के बारे में भी जानकारी ली है | पता चला कि लड़की की हालत पहले से बेहतर है | दुल्हन ने ऐसा क्यूँ किया ? यह एक बड़ा सवाल है ! पुलिस ने भी यह जानने का प्रयास नहीं किया | उनका कहना है कि - जब दोनों पक्ष हीं करवाई नहीं चाहते थे और उन्होंने आपस में हीं समझौता कर लिया है , तो फिर दबाव किस पर डाली जाए |
लड़की का वरमाला के बाद , विषाक्त पदार्थ खा लेना , बुजदिली है | वहीं लड़के का बिना शादी किये घर लौटने का निर्णय बिल्कुल सही था | जीवन की डोर में ऐसी लड़की का दामन बंधना चाहिए , जो पूर्ण रूप से अपने पति , ससुराल के प्रति निष्ठा , भावना व समर्पण कर परिवार का सदस्य बनें | विषाक्त चीज खाने से बेहतर था , कि शादी से हीं इंकार कर देती | लड़के व बारातियों को खाली हाथ वापस तो नहीं जाना पड़ता |
लड़के के मन पर क्या गुजरा होगा ? यह महसूस किया जा सकता है ! वहीं हर लड़का इंतना समझदार नहीं होता , जो अपना निर्णय सुनाकर वापस घर लौट जाए , जहाँ लड़की वाले शादी करने के लिए अंतिम अवस्था तक तैयार है | लड़का ने पास की प्रतिष्ठा को नहीं देखा , दूर खड़ी जिंदगी को देखा , जिसमे कई जिंदगी का बचाव हुआ और सभी धोखा खाने से बच गए |
झूठ की नीवं पर जिंदगी संभाले नहीं संभलती | इसलिए हमेशा सच का साथ दीजिये | लड़का हो या लड़की , शादी से पूर्व अपनी मन की बातों को शेयर करे | अगर शादी के दिन , विषाक्त चीज खाने की हिम्मत जुटाया जा सकता है तो उससे बेहतर है , रिश्ता तय होते वक्त हीं शादी से इंकार कर देना |
इस कोरोना काल की महामारी से लोग परेशान है और लॉकडाउन से त्रस्त है जिंदगी | ऐसे में अपने घर के चिराग ( लड़का ) की खुशियों को बुझता हुआ देख , उस परिवार पर क्या गुजर रहा होगा ? जिस लड़के की शादी के लिए बारात निकाली गई , छनिक ख़ुशी मिली नहीं कि मायूस होकर बारात वापस लौट आया |
सोंचिये और अपने मन को समझाइये और फिर कदम बढाइये .......... | जिंदगी के अहम् मोड़ / फैसलें पर कदापि लड़खराइये नहीं ! ....... ( न्यूज़ / फीचर :- भव्याश्री डेस्क )
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