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अमेरिका में स्वतंत्रता दिवस पर शिकागो में फ्रीडम डे परेड पर गोलीबारी हुई जिसमे 6 लोगो की मौत हो गई और 31 लोग घायल भी हुए है |
4 जुलाई की सुबह 10 बजे परेड आरम्भ हुआ | फायरिंग के बाद इस पर रोक लगी | परेड देखने सैकड़ो की संख्या में लोग वहां मौजूद थे , पुलिस ने लोगो को घटना स्थल से दूरी बनाये रखने का निर्देश दिया |
परेड के दौरान हमलावरों ने स्टोर की छत से अंधाधुंध गोलियां चलाई |
प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि - अचानक लोगो के चीखने की आवाज सुनाई पड़ी | लोग अपनी जान बचाने की खातिर भागना शुरू किये | लोग शूटर है ... शूटर है चिल्ला रहे थे और गोलियां बरस रही थी |
अमेरिकी जनगणना के आंकड़ो के अनुसार हाईलैंड पार्क में लगभग 30 हजार लोग रहते है जो काफी हाई प्रोफाइल क्षेत्र है | इस स्थान पर पुलिस टीम तैनात कर दी गई है |
इनदिनों अमेरिका में आये दिन गोलीबारी का मामला सामने आता दिखाई पड़ रहा है | एक्सपर्ट का मानना है कि - इसका जिम्मेदार हिंसक विडियो भी है | एक रिसर्च में दावा किया गया कि - जिन बच्चो ने गन बैलेंस वाली विडियो गेम को देखा या खेला है उसमे से 60% बच्चे तुरंत गन चलाना चाहते है जिसके लिए वो फायरिंग करने के लिए स्टोर से बंदूके खरीद लेते है |
अमेरिका में सैकड़ो ऐसे स्टोर और दुकाने है जिसमे बंदूके बेची जाती है | इसे खरीदने के लिए एक फॉर्म में नाम , पता , जन्मतिथि और नागरिकता की जानकारी देनी होती है जिसकी न्यूनतम उम्र 18 साल और हैण्डगन खरीदने की न्यूनतम उम्र 21 साल होनी चाहिए | यह बाते अमेरिका के "द गन कंट्रोल" एक्ट के मुताबिक़ है |
हाईलैंड पार्क के सिक्योरिटी चीफ क्रिस ओ नील के अनुसार पुलिस संदिग्ध हमलावर की तलाश में थी | हमलावर 18 से 20 वर्ष का युवक था , रंग गोरा , बाल लम्बे , सफ़ेद या नीले टीशर्ट पहन रखा था | पुलिस को उस स्थान पर से एक गन भी प्राप्त हुआ |
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस घटना पर गहरा दुःख जताते हुए कहा कि - मै इस निर्मम हिंसा से स्तब्ध हूँ | हालाकि अमेरिकी पुलिस ने शिकागो हाइवे पर उसे गिरफ्तार किया , इस अपराधी का नाम रॉबट है और यह खुद को एक म्यूजिशियन बताया है |
अमेरिका में बन्दुक से हुई हिंसा के आंकड़ा का पन्ना पलटा जाए तो 50 वर्षो में 15 लाख से ज्यादा लोगो की मौत हुई है |
विडियो गेम की बातो को बच्चे अनुकरण करने
की तुल पकड़ लेते है और उनकी कोशिश रहती है कि स्वयं को उस जगह खड़ा कर दिया
जाए | मगर उनका कोमल मन यह नहीं जान पाता कि इसका अंजाम क्या होगा ? इसपर
सरकार , कानून और परिवार को ध्यान देना जरुरी है | ....... ( न्यूज़ / फीचर
:- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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