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इंसान जिससे प्यार कर लेता है , उसके दुनियां से बिछर जाने के मर्म से बेजान सा दिखने लग जाता है , बिछरने वाला कोई इंसान हो या फिर कोई भी जीव | हम बात कर रहे है एक्ट्रेस दीपिका कक्कड़ की , जिन्होंने सीरियल "ससुराल सिमर का" से अपनी अच्छी खासी पहचान बनाई है |
इनका डॉगी जिसका नाम कडल था , पिछले साल से बीमारी के आगोश में लिपटा रहा | उसे अस्थमा व कैंसर जैसे रोग ने घर कर लिया था | उसका ट्रीटमेंट मुंबई के Pet हॉस्पिटल में चल रहा था | दीपिका और शोएब उसके बिछरने से बहुत हीं दुखी है | सोशल मीडिया पर इनका भाव तेजी से वायरल हो रहा है , जिसमे दोनों काफी दुखी / मायूस व जानहीन नजर आ रहे है | अपनी व्यथा और वेदना न छुपाये छुप रही है इनसे और न बताने से घट रही है |
दीपिका और शोएब अपने डॉगी के साथ अक्सर सोशल मीडिया पर विडियो व तस्वीर शेयर किया करते थे | अब सुना पड़ गया उनका घर , सोशल मीडिया का प्लेटफ़ॉर्म , उनका मन व मन का वह भाव जिसमे अपनी डॉगी को गोद में लेकर बेटे की तरह सहलाते व सवांरते थे | इनके डॉगी का नाम कडल था जो अब नहीं रहा इस दुनियां में |
दीपिका का कहना है कि - उसका उपचार चल रहा था , परन्तु पूरी तरह से ट्रीटमेंट नहीं चल सका | जबकि इन दोनों ने डॉगी को मुंबई के बेस्ट डॉक्टरों से दिखाया और उपचार करवाया था | पिछले दो हफ्तों से उसकी तबियत और बिगड़ गई , फिर भी वह आसपास खेला करता था , तो उसकी मौजूदगी मन को ख़ुशी प्रदान करती रही | दो दिन पहले से उसे ज्यादा तकलीफ हुई , तो डॉक्टर के पास लेकर जाना हुआ , जहाँ उसे नेब्यूलाइजर वगैरह दिया गया | बहुत सकूँ से उसने आखिरी रात हमारे साथ नींद ली |
शोएब मुंबई के पेट हॉस्पिटल को लेकर बाते करते नजर आ रहे है | उन्होंने कहा कि - इस समय मै उस बारे में बात नहीं करना चाहता | वहीं दीपिका ने कहा है कि - वह उस हॉस्पिटल की सच्चाई बतायेंगी कि - जो उनके साथ पेट जोन में हुआ वो किसी और के साथ न हो |
मरने से पूर्व डॉगी की तबियत बहुत खराब थी | डॉक्टर के पास गई तो उन्होंने बता दिया था कि - अब वह ठीक नहीं हो सकता |
इनके मर्म को देखकर ऐसा जान पड़ा जैसे इनका शकुन छीन गया हो इनसे | परिवार का एक सदस्य अगर बिछर जाता है तो ऐसा हीं खालीपन हर किसी को महसूस होता है | दीपिका , शोएब को देखकर इस बात का एहसास किया जा सकता है कि - मुहब्बत / प्यार व स्नेह और जज्बात का सिर्फ एक हीं भाषा है और वह भाषा है इंसानियत और अपनापन का , जो एक दूसरे को करीब होने का अनुभव करा जाता है | अनुभव जब टुकड़ों में बिखर जाता है तो मन भी उतना हीं खंडित हो जाता है , जिसे जोड़ पाना किसी भी कड़ी के साथ संभव नहीं | ..... ( न्यूज़ / फीचर :- भव्याश्री डेस्क )
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