Breaking News
कोरोना काल के दौरान निलंबित हुए वरिष्ठ आईपीस आधिकारी पुरुषोत्तम शर्मा को मिलनेवाले पेंशन से हर माह कटेंगे 50 हजार रुपये , यह 50 हजार रुपया उनकी पत्नी प्रिया शर्मा को दिए जाने का फैसला मध्यप्रदेश हाई कोर्ट की जबलपुर बेंच ने सुनाया है |
न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने आदेश दिया है कि यह राशि हर महीने की 10 तारीख को उनकी पत्नी को गुजाराभत्ता के रूप में दिया जायेगा |
सरकार पुरुषोत्तम शर्मा को हर महीने 1 लाख 12 हजार रुपया पेंशन के रूप में सौंपती है | अब उन्हें इस पेंशन से 50 हजार रुपये की कटौती झेलनी पड़ेगी | कोर्ट ने पुरुषोत्तम शर्मा को 1 लाख रुपये की लिटिगेशन कास्ट भी भरने को कहा है |साथ हीं गृह विभाग के मुख्य सचिव को आदेश दिया है कि पेंशन अधिकारी को इस आदेश की प्रति प्रदान की जाए ताकि जुलाई महीने से हीं 10 तारीख को प्रिया शर्मा को भुगतान प्राप्त हो सके |
पुरुषोत्तम शर्मा 1986 बीच के आईपीस अधिकारी है | ये डीजी के पद तक देश को अपनी सेवा दी | अपनी योग्यता के अनुरूप पोस्टिंग नहीं मिलने के कारण इन्होने सरकार से स्वेच्छिक सेवानिवृति की मांग भी की थी |
2020 कोरोना काल के दौरान का पन्ना पलटेंगे तो आपको याद आयेगा पुरुषोत्तम शर्मा का वह विडियो जिसमे वे अपनी पत्नी की जबरदस्त पिटाई कर रहे हैं | यह विडियो काफी वायरल हुआ था जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया | तब उन्होंने अपने बचाव में केन्द्रीय प्रशासनिक न्यायधिकरण ( कैट ) में याचिका दायर कर मई 2022 में पुनः अपने पद को हासिल किया |
पुरुषोत्तम शर्मा के बेटे ने हीं अपनी माँ से मारपीट करने का आरोप इनपर लगाया था | विडियो देश के सामने प्रस्तुत हुआ | मध्यप्रदेश के स्पेशल डीजी के पद पर आसीन पुरुषोत्तम शर्मा को पद से हटाया गया था और ये आईपीस अधिकारी घरेलु हिंसा करने के आरोप में बदनाम हो गए | खाकी बदनाम हो गया जिसका सबूत देश के सामने मौजूद है |
इनपर दूसरी महिला से भी संबंध होने की बात सामने आई | पुरुषोत्तम शर्मा एक महिला न्यूज़ एंकर के फ्लैट में थे , उस वक्त उनकी पत्नी भी वहां पहुंची और चुपके से विडियो बना लिया | न्यूज़ एंकर उस वक्त आपत्तिजनक कपड़े में थी| विडियो वायरल होने पर शर्मा क्रोधित हो गए जिसके बाद उन्होंने अपनी पत्नी से मारपीट की | मारपीट का दृश्य सीसीटीवी में रिकॉर्ड हो गया जिस विडियो को उनके बेटे पार्थ गौतम ने देश के सामने लाकर अपने पिता की असलियत को उजागर कर दिया | उस वक्त मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी और मुख्यमंत्री थे कमलनाथ , उसी वक्त मध्यप्रदेश में हाई प्रोफाइल हनीट्रैप का मामला भी उजागर हुआ था जिसमे पुरुषोत्तम शर्मा का नाम जुड़ा जिसके बाद शर्मा व बीजेपी के बीच विवाद ने भी गहरा रूप लिया | बेटे द्वारा शिकायत किये जाने पर सरकार ने एक्शन लिया और मामला बढ़ता चला गया |
बेटा जब बड़ा हो जाता है तो वह अपनी माँ का रक्षक बनकर उनपर होनेवाले अत्याचार का बखूबी सामना करता है और ऐसा हीं प्रिया शर्मा के बेटे पार्थ शर्मा ने भी किया और अपनी माँ के साथ होनेवाले अत्याचार भरा विडियो और फोटो को गृहमंत्री , राज्य के डीजीपी , मुख्य सचिव और बड़े अफसरों के पास भेजकर अपने पिता पर सख्त करवाई की मांग की थी जिसके बाद 29 सितम्बर 2020 को राज्य शासन द्वारा शर्मा जी निलंबित कर दिए गए | जिस निलंबन को पांच बार बढ़ाया गया था | बार - बार कैट से गुहार करने के बाद उनका निलंबन समाप्त करने का आदेश दिया जिसके बाद शासन ने कैट के आदेश को हाई कोर्ट तक पहुँचाया फिर हाईकोर्ट ने शासन की अपील को ख़ारिज करते हुए शर्मा जी को राहत दी और पुनः बहाल करने का निर्देश दे दिया |
खाकी को रक्षक माना गया है परन्तु जिनके साथ उन्होंने सात फेरे लिए और अग्नि के समक्ष कसमे खाई , उस वादे को क्यूँ भूल गए ? ऐसे बड़े पद पर आसीन रक्षक हीं भक्षक हो जाए तो सामान्य महिला की जिंदगी का निपटारा भला कैसे होगा ! किसी महिला को पिट देना या पत्नी को पीटना , उनपर अत्याचार करना कदापि बहादुरी नहीं कहा जा सकता |
कुछ घटना तो उभरकर सामने आ जाता है वहीं कुछ प्रताड़ना घर के चहार दिवारी में कैद होकर मौन सिसकता रह जाता है | महिला हिम्मत जुटा ही नहीं पाती और न हीं उनके बच्चे उनका साथ देते हैं | बच्चे को डर लगता है अपने भविष्य से या फिर लोग क्या कहेंगे ! मगर आज इस घटना ने कई महिलाओं की हिम्मत को बढ़ाया होगा | साल जरुर गुजर गया मगर आज की तारीख में प्रिया शर्मा अपनी जिंदगी अपने अनुसार जी पाएंगी | महिलाओं को अपने अन्दर हर हाल में हिम्मत जुटाना हीं पड़ेगा और खटखटाना पड़ेगा कोर्ट का दरवाजा , कानून और संविधान सभी के लिए बराबर है |
अब चलते चलते एक बात लिखना भी लाजमी होगा - हमारी टीम पुरुषोत्तम शर्मा की निजी जिंदगी के विषय में कुछ नहीं जानती | महिला न्यूज़ एंकर से उनका कैसा संबंध रहा इसपर हमारी कोई टिप्पणी नहीं | कोरोना काल के दौरान अधिकांशतः लोग मानसिक स्थिति से विछुप्त थे ऐसे में वक्त ने किस स्थिति में करवट बदली और अंजाम क्या हुआ ये हम वक्त पर हीं छोड़ते है मगर सच यहीं है कि जो विडियो सामने आया तो प्रश्न खड़ा हुआ और कोर्ट ने अपना आदेश सुना दिया | ........... ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
रिपोर्टर