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बीते रविवार को कानपुर में एक चौका देने वाला हादसा दिल को दहला गया , जब एक पिता ने अपने बेटे और बहु को कमरे में बंदकर आग लगाने की धमकी दी|बहु घबराकर पुलिस को अपने बचाव में घर बुलाया |
कानपूर की यह घटना श्याम नगर सी ब्लाक की है जहाँ आर के दूबे नामक 60 वर्षीय व्यक्ति अपने बेटे और बहु से मात्र 300 रुपये के लिए लड़ बैठे यह कहते हुए कि - बिजली का बिल जमा करना है |
पैसे न मिलने पर बेटे और बहु को कमरे में बंद कर दिया और आग लगाकर फुकने की धमकी दे दी | अचानक अपने घर पर पुलिस को देखकर दूबे घबराते हुए अपनी लाइसेंसी डबल बैरल बन्दुक लेकर पुलिस पर फायरिंग करते हुए छत पर जा पहुंचा और लगातार फायरिंग करता रहा |
कमरे में बंद बेटे बहु घबरा रहे थे , मगर दूसरी तरफ पुलिस के आ जाने से आश्वस्त भी थे | यह घटना दोपहर के करीब 1 बजे की है | दो घंटे में हीं यह सरफिरा व्यक्ति 40 राउंड फायर कर बैठा | दूबे के पास से पुलिस को 50 कारतूस और 40 खोखे बरामद हुए हैं |
पुलिस को देख दूबे विचलित हो गया था | पुलिस को पड़ोसी की छत पर चढ़ा देख अपनी बचाव में गोलिया दागनी शुरू कर दी | असल में दूबे पर काबू पाने के ख्याल से पुलिस आसपास के घर से उनके घर पर जाने की तरकीब सोंच रहे थे जिसे देख दूबे ताबरतोड़ गोली चलाई |
पड़ोस के मकान के छत पर खड़े इन्स्पेक्टर अमित भड़ाना दूबे की गोली से बाल - बाल बचे | दूबे ने अमीत भड़ाना पर हीं निशाना साधा था , परन्तु गोली रेलिंग के शीशे से जाकर टकरा गई और अमीत भड़ाना बाल बाल बचे | चेकरी थाना व PRV की गाड़ियों पर भी गोली के निशान देखे गए |
DCP पूर्वी प्रमोद कुमार अपने हथियार से एक भी गोली नहीं चलने दी | सारे पुलिसकर्मी सिर्फ दूबे को पकड़ने में लगे थे | प्रमोद कुमार ने किसी भी तरह उसे बातो में उलझाकर , समझाकर उनके दिमाग पर काबू पाया और उसकी बन्दूक को छिनते हुए उसे गिरफ्तार किया |
पत्नी ने अपने पति के बचाव में कहा कि - ये मानसिक रूप से बीमार है | परन्तु जानकारी के आधार पर 60 वर्षीय आर के दूबे शेयर मार्केट का काम करते है | इनके घर में इनकी पत्नी किरण दूबे साथ रहती है | सिद्धार्थ उनका बड़ा बेटा है और भावना उनकी बड़ी बहु | इनकी बेटी भी इनके साथ रहती है , जबकि इनका छोटा बेटा राहुल और बहु जयश्री इनसे अलग रहते हैं |
अब सवाल यह है कि - जब आर के दूबे की मानसिक स्थिति सही नहीं तो फिर इनके पास लाइसेंसी बन्दुक रहना चाहिए क्या ? पत्नी किरण दूबे ने अपने पति का बचाव कर अपराधी बनी , इसलिए अब उनपर भी करवाई होने की संभावना है |
आर के दूबे ने पुलिस को ललकारते हुए कहा कि - मै विकास दूबे से भी खूंखार हूँ , कुछ भी कर सकता हूँ , सबके सब मारे जाओगे | विकास भी दूबे था , मै भी दूबे हूँ |
फिलहाल आर के दूबे पर FIR दर्ज की गई है और पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है | 300 रुपये को लेकर घरेलु विवाद ने पुलिसकर्मियों का इतना समय बर्बाद कर दिया | साथ हीं वे सभी मानसिक रूप से परेशान भी हुए |
3 पुलिसकर्मी घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती है , इसका जुर्माना कौन भरेगा ?
गौर करने वाली बात है कि - आर के दूबे को पकड़ने में 6 थाने की पुलिस फ़ोर्स मौके पर पहुंचकर सिद्धार्थ दूबे और भावना दूबे को सुरक्षित घर से बाहर निकाला |
लोग छोटी छोटी उलझन को बढ़ाकर पुलिस तक दस्तक देते हैं | इन उलझनों को घर में सुलझाया जा सकता था | 300 रुपये का मामला कितने सारे पुलिसकर्मी के अनमोल 3 घंटे को परेशान कर डाला | याद रहे पुलिस बचाव के लिए होती है , मगर ऐसी स्थिति हीं घर में न उत्पन्न होने दे | लाइसेंसी बन्दुक सुरक्षा के लिए होता है न कि खिलौने की तरह |
समय रहते इंसान को चेतना चाहिए | ऐसी घटना घर में पहली दफा नहीं हुआ होगा , ऐसे में हर किसी को अपने बचाव के लिए सोंचना जरुरी है | किसी के घर में मानसिक बीमार आदमी हो तो उनका ईलाज कराकर अपने घर और समाज की रक्षा करना जरुरी है | ........ ( न्यूज़ / फीचर :- भव्याश्री डेस्क )
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