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पाकिस्तान में रविवार को एक बड़े चर्च के पादरी की गोली मारकर हत्या कर दी गई | उनके साथी गंभीर रूप से घायल हुए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है , जहाँ उनकी स्थिति काफी नाजुक बताई जा रही है |
इस घटना को उस वक्त अंजाम दिया गया , जब पादरी जिनका नाम "विलियम सिराज" है और उनके साथी "प्रिस्ट" दोनों कार पर सवार थे और पेशावर के मुख्य बाजार से गुजर रहे थे | अपराधी ने कार के सामने अपनी बाइक खड़ी कर दी और बाइक के पीछे बैठा व्यक्ति बाइक से उतरते हुए कार के बहुत करीब जाकर दोनों पादरी पर गोली चलाई और भागने में कामयाब रहे |
सूचना के आधार पर - गौर करने की बात है कि यह घटना पेशावर के मेन बाजार पर जाने वाली सड़क पर हुई | यहाँ काफी चहल - पहल थी और कुछ हीं दूरी पर पुलिस भी मौजूद थी | बावजूद यह कैसे संभव है कि - एक अपराधी अपराध को अंजाम देते हुए फरार हो जाए और किसी का नजर भी उसकी तलाश न करे |
विलियम सिराज की तो मौके पर मौत हो गई | उनके साथी प्रिस्ट को अस्पताल में भर्ती कराया गया है , जहाँ वो नाजुक स्थिति में है |
इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए चर्च ऑफ़ पाकिस्तान के सीनियर बिशप आजाद मशान ने दुःख जताते हुए अपना निशाना सीधा इमरान खान सरकार पर लगाते हुए कहा कि - इमरान सरकार इसाई समुदाय के लोगो की हिफाजत करने में नाकाम रही है |
2013 में भी पेशावर में एक चर्च पर धमाकेदार सुसाइड बम अटैक हुआ था जिसमे कई लोग मारे गए | आज तक इस घटना की साजिश रचने वाले का पर्दाफाश नहीं किया गया |
रविवार को हुई इस घटना के बाद इसाई संगठन के लोग सड़को पर विरोध प्रदर्शन के लिए उतरे तो उन्हें रोकने की कोशिश की गई | इसाई संगठन में इसलिए भी आक्रोश है कि - पुलिस ने इस घटना पर अपना कोई ब्यान नहीं दिया और न हीं लोगो को आश्वस्त किया | हमलावर आखिरकार कौन था ? जो पादरी पर गोली चलाने की हिम्मत जुटाया और घटना को अंजाम देकर अब तक फरार है | इस घटना को लेकर पुलिस में अबतक कोई हलचल नहीं देखा जा रहा है |
विदेशी मीडिया में इस घटना को प्रमुखता से स्थान मिला और इस बात का दुःख भी है |मीडिया रिपोर्ट्स ने कहा है कि - पेशावर ऐसा शहर है जिसकी सीमाएं अफगानिस्तान से लगती है और यहाँ "तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान" का दबदबा है | हाल के दिनों में भी TTP ने सिक्यूरिटी फोर्सेस पर भी हमले को अंजाम दिया | पिछले महीने पाकिस्तान सरकार और TTP के बीच सीज फायर टूट गया था |
पाकिस्तान में इसाई संगठन ने शोक व्यक्त किया है और इस घटना पर कड़ी निंदा करते हुए कहा कि - अबतक किसी संगठन ने रविवार को हुए इस जघन्य अपराध की जिम्मेदारी नहीं ली है |
इस हमले में मृत पादरी सिराज की अंतिम यात्रा में शामिल हुए लोग काफी दुखी और दर्द से भरे हुए देखे गए | यह देश के लिए बहुत हीं शर्मसार करने वाली घटना है |
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इस विषय पर क्या सोंचते है और क्या रुख और करवाई करेंगे ? यह बात अभी सामने नहीं आ पाई है | मगर पाकिस्तान में हुए इस निंदनीय अपराध के लिए उन्हें सख्त कदम तो उठाना हीं पड़ेगा | ताकि किसी भी समुदाय के लोगो पर अपराधी अपराध को अंजाम न दे और अपराधियों को सख्त सजा मिले | देश के प्रधानमंत्री को अपनी जनता व किसी भी धर्म / समुदाय को संतुष्ट करना होगा और सुरक्षा की जिम्मेदारी लेनी होगी | अन्यथा दुनियां के लिए रविवार को हुई इस घटना की निंदा ठीक नहीं | ......... ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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