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अनीश अवधिया और अश्विनी दूबे की सड़क हादसे में बेरहमी से कुचले जाने से मौत | अपराधी एक अमीर पिता का नाबालिक बेटा है , जिसकी उम्र 17 साल 8 महिना है | परन्तु इनका स्टाइल बच्चो जैसा नहीं जिसके कारण वे अपराधी बने | खासकर इस अपराध में बच्चे का हाथ कम और पिता का ज्यादा कहा जा सकता है | एक नाबालिक बेटा लगभग 2 करोड़ की गाड़ी लेकर वगैर लाइसेंस सड़क पर शराब पीकर चलाता हो और पिता को कोई फर्क नजर नहीं आये तो ऐसे पिता को दोस्त कहा जाए या दुश्मन !
अश्विनी दूबे पुणे में पिछले 6 साल से रहती हैं , ये जबलपुर की रहने वाली है ,बीते जनवरी माह में इन्होने अपना 24वां जन्मदिन मनाया था वहीं अवनीश अवधिया मध्यप्रदेश के उमरिया जिले के वीरसिंहपूर के रहने वाले थे | दोनों IT इंजीनियर थे और अच्छे मित्र भी | ये दोनों रात के करीब 2 बजे कल्याणी नगर से किसी पार्टी से लौट रहे थे तभी नाबालिक नशे में धुत करीब 200KM प्रति घंटे की रफ़्तार से कार चलाता हुआ इनके बाइक को पीछे से इस कदर धक्का मारा कि गाड़ी पर बैठी लड़की उछलती हुई कई फीट ऊपर से नीचे धरती पर टकराई और अवनीश पास के हीं दूसरे कार से जा टकराया |इस सड़क दुर्घटना में ये पूरी तरह जख्मी हुए और दोनों की घटना स्थल पर हीं मौत हो गई |
नाबालिक की कार को स्थानीय लोगो ने पकड़ लिया | वो पकड़ा इसलिए गया क्यूंकि टक्कर मारने से कार का एयरबैग खुल गया था जिसके कारण उसको आगे कुछ भी दिखाई नहीं पड़ा जिससे कार को रोकना इनकी मज़बूरी पर गया | जैसे हीं कार रुकी लोगो ने इन्हें धर दबोचा |
यह एक्सीडेंट पुणा शहर में हुआ जिसमे 6 आरोपी को गिरफ्तार किया गया , ये सभी 7 जून तक न्यायिक हिरासत में रहेंगे | इसमें आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल शामिल है |
पुणा के कमिश्नर अमितेश कुमार इस घटना से काफी दुखी होते हुए स्पष्ट शब्दों में कहा - इस मामले में पुलिस का पक्ष रखने के लिए स्पेशल काउंसिल नियुक्त किये जायेंगे इसलिए कि 2 पुलिस अफसर पर आरोप है कि वे पोर्श कार से कुचले गए 2 जिंदगी को येरवडा पुलिस स्टेशन के अफसर घटना स्थल पर पहुँचने के बाद भी इस घटना की सूचना कंट्रोल रूम को क्यूँ नहीं दी ? इनके खिलाफ करवाई होने की संभावना है |
यह घटना 18 मई की रात की है | घटनास्थल पर हीं दोनों की मौत हो गई | पुलिस कमिश्नर ने कहा है कि इस मामले में गहरी छानबीन की जायेगी क्यूंकि सबूतों के साथ छेड़छाड़ हुई है ताकि नाबालिक को बचाया जा सके |
पुलिस ने आरोपी के पिता , बार मालिक , मनेजर के खिलाफ FIR दर्ज करवाया साथ हीं धारा 420 भी अंकित किया गया है | पुलिस कमिश्नर ने आगे कहा है कि हमारे पास नाबालिक का पब से शराब पीते हुए CCTV फूटेज उपलब्ध है ऐसे में हम सिर्फ ब्लड सेम्पल रिपोर्ट पर निर्भर नहीं रहेंगे और पुलिस अधिकारी पर भी करवाई की जायेगी क्यूंकि उन्होंने कानून को हाथ में लिया |
हद तो तब हो गई जब नाबालिक के दादा सुरेन्द्र अग्रवाल ने 23 मई को यह दावा किया कि जिस वक्त घटना हुई , कार उनका पोता नहीं बल्कि ड्राईवर चला रहा था | पोते के साथ बैठा दोस्त ने भी इस बात को स्वीकार किया साथ हीं मजबूरन ड्राईवर को भी इस बात को स्वीकार करना पड़ा कि नाबालिक कार नहीं चला रहा था |
पुलिस ने विशाल अग्रवाल का मोबाइल जब्त कर लिया है | अन्य डिटेल्स और जानकारी निकालने की कोशिश की जा रही है | दूसरी तरफ RTO ने उस कार का रजिस्ट्रेशन 12 माह के लिए रद्द कर दिया है | वैसे भी जिस कार ने 2 जिंदगी को बेरहमी से लील गया , वो इस कदर क्षतिग्रस्त है कि उसे देखनेवाले अवाक रह गए | करोड़ो के इस गाड़ी का नाबालिक ने क्या हाल कर दिया ! एक कहावत है - बन्दर क्या जाने नारियल का स्वाद | देखा जाए तो कई एक सर्विस करनेवाले बाइक तक नहीं खरीद पाते और यहाँ करोड़ो की गाड़ी को इस कदर ............ !
हंगामा तब बड़पा जब जुबेनाइल जस्टिस बोर्ड ने इस नाबालिक द्वारा किये गए जघन्य अपराध के बाद इन्हें 75 हजार रुपये का बॉड भरवाते हुए सड़क सुरक्षा पर 300 शब्दों का निबंध लिखने का सजा सुनाकर उसे जमानत दे दी | इस फैसले का पुरे देश ने विरोध किया , पुणे के लोगो ने हड़ताल भी की वहीं महाराष्ट्र सरकार ने बोर्ड से पुनः विचार करने को कहा |
बोर्ड ने 22 मई को फिर से आरोपी को पूछताछ के लिए बुलाया चूकि अपराध क्रूरता से की गई है | कार महंगी है , लड़का शराब पिता है , उसकी हड़कत और व्यवहार बच्चो सा नहीं , इस बात पर संज्ञान लिया गया और जमानत का फैसला रद्द कर इसे 5 जून तक के लिए किशोर सुधार गृह भेज दिया गया है |
इस हादसे में मृत दोनों इंजीनियर के घरवालो ने कहा - यह हादसा नहीं ह्त्या का है इसलिए अपराधी को कड़ी सजा मिलनी चाहिए | इस हादसे को अपनी नजर से देखनेवालो ने कहा - शराब पीकर 200KM प्रति घंटे की रफ़्तार से यह लड़का कार चला रहा था जैसे लगा किसी फिल्म की शूटिंग हो | ऐसे लापरवाह और अय्याशी लड़के को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए तभी ऐसे बच्चे को सबक और सिख मिलेगी | साथ हीं ऐसे नालायक बच्चे के परिवार वाले भी बच्चो को सचेत करेंगे |
याद रहे जिंदगी नहीं मिलती दूबारा | यह अपराधी और अपराधी के परिवार वाले को सोंचना होगा नहीं तो करोड़ो की सम्पति होते हुए भी कानून द्वारा मिली सजा को भुगतने के लिए सलाखों के अन्दर जाना हीं होगा | न्याय सभी के लिए एक सा होता है , वह राजा हो या रंक | ....... ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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