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अखिल भारतीय बेरोजगार किसान संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज दूबे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर किसानो को नकली खाद , बीज और दवा देने वाली कंपनी के खिलाफ कड़ी करवाई की मांग करते हुए रोष प्रगट किया |
मनोज दूबे ने सरल शब्दों में कहा है कि - राजनेताओं के संरक्षण के कारण हीं फर्टिलाइजर कंपनियां मनमानी करती है जिससे किसान परेशान है | किसान वर्ग लागातार प्राकृतिक आपदा से जूझते हुए खाद , पानी , बिजली के अभाव में बर्बादी के कगार पर पहुँच रहे हैं | नकली खाद , बीज व दवा की समस्याओं से जूझ रहे किसान अपनी पीड़ा से आहत हुए जा रहे हैं |
उन्हें आगे कहा कि - कोटा संभाग में इस वर्ष कृषि विभाग द्वारा 2332 खाद , बीज और दवा के नमूने लिए गए थे जिसमे से 42 नमूने जांच में फेल हुए | कोटा की बड़ी खाद उत्पादक कंपनी चम्बल फर्टिलाइजर एंड केमिकल भी इस दौर में शामिल है | वहां के स्थानीय राजनेता को सिर्फ मासूम किसानो के वफ़ा से मतलब है | उन्हें हर बार अपने शब्दों के मायाजाल में फंसाकर उनसे वोट ले लेते है और चुनाव जीतने के बाद उनके शब्दों में दीमक लग जाता है या फिर वे गहरी निंद्रा में सो जाते है | ऐसे हीं राजनेता वोट लेने से पूर्व घरियाली आंसू बहाकर किसानो की ममता को खरीद लेते हैं उसके बाद मलाई व राबड़ी खाने में संलिप्त हो जाते हैं | वे भूल जाते है कि किसकी दी हुई थाल में मलाई का स्वाद चख रहे है , होश नहीं रहता |
राजनेता क्यूँ नहीं इन कंपनियों के खिलाफ आवाज उठाते है | ऐसे राजनेता हीं विरोध के लायक है जिनके खिलाफ आवाज उठाने से उनपर गाज गिरता है |
मनोज दूबे ने गंभीर होते हुए कहा है कि - अगर राजनेता किसानो का दर्द नहीं समझेंगे और नकली खाद , बीज , दवा बनाने वाली कंपनियों के खिलाफ आवाज नहीं उठाएंगे तो कोटा की गाडेपान स्थित चम्बल फर्टिलाइजर एंड केमिकल फेक्ट्री के बाहर उग्र आन्दोलन का रूप बहुत जल्द देखा जा सकता है | हम किसानो को इस कदर परेशान नहीं होने देंगे |
आजादी के 75 वर्ष पुरे होने पर एक तरफ हम अमृत महोत्सव का जश्न मना रहे हैं , दूसरी तरफ किसानो के आँखों से गिरता दर्द भरा आंसू उन्हें दिखाई नहीं देता | आखिरकार राजनेताओं की कैसी बेवसी व लाचारी है और क्यूँ ? मजदूरों और किसानो का विरोध सबसे ज्यादा भाजपा सरकार के खिलाफ है | पिछले 8 वर्षो में ना तो करोड़ो बेरोजगार को रोजगार मिला और न हीं किसानो की आय हीं दुगुनी हुई साथ हीं मजदूरो का शोषण भी जारी है |
इतना के बाद भी आखिरकार किस अधिकार से भाजपा नेता प्रदेश में किसान रैली निकाल रहे हैं ! प्रदेश में युवाओं , बेरोजगारों , मजदूरो व भाजपा की निकाली गई यात्रा को ये सभी नकार दिए | हर तरफ इनकी यात्रा फीका रहा , कुर्सियां खाली दिखी | ऐसे भुक्तभोगी अब भाजपा की चिकनी बातो के झांसे में नहीं आएगी |
सरकार चाहे किसी भी पार्टी की बने , उनका पहला उदेश्य यही होना चाहिए कि हर संभव वे बेरोजगार , कमजोर व किसानो को राहत देकर उनके चेहरे पर मुस्कराहट देकर सकूं लायें |
सोयी है सरकार तो मजदूर किसान वर्ग अपने अधिकार के लिए मिलकर आवाज उठाएंगे और उनकी आवाज को हम बुलंद करेंगे क्यूंकि उनकी सेवा के लिए हम सदैव खड़े है | उनकी राहत व ख़ुशी हीं मेरा पहला मकसद है | ......... ( न्यूज़ / फीचर :- भव्याश्री डेस्क )
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