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भारत के महान कथक नर्तक और शास्त्रीय गायक बिरजू महारज का निधन आज 17 जनवरी को हो गया , जो देश के लिए कला के क्षेत्र में एक अपूर्णीय क्षति है |
रविवार को रात में खाना खाने के बाद वे अंताक्षरी खेल रहे थे तभी उन्हें हार्टअटैक आया | हार्टअटैक आने की वजह से उन्हें देर रात दिल्ली के साकेत अस्पताल ले जाया गया , जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया | उनकी मृत्यु सोमवार की अहले सुबह हुई है | इस बात की जानकारी उनके रिश्तेदारों द्वारा ANI न्यूज़ एजेंसी को दी गई |
पंडित बिरजू महारज कुछ दिन पहले हीं किडनी की समस्या से परेशान थे और फिलहाल वे डायलिसिस पर थे |
इनका असली नाम बृजमोहन मिश्रा था और 4 फ़रवरी 1937 को लखनऊ के कथक नृत्य परिवार में उनका जन्म हुआ था | बिरजू महाराज के पिता व गुरु अच्छन महाराज व चाचा शम्भू महाराज और लच्छु महारज भी मशहूर कथक नर्तक थे | बचपन में हीं वे अपने पिता के साथ नृत्य शुरू कर गुरु महारज बन गए थे |
पंडित बिरजू महाराज को 1983 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था | इसके साथ हीं संगीत नाटक एकेडमी पुरस्कार और कालिदास सम्मान से भी उन्हें नवाजा गया | काशी हिन्दू विश्वविद्यालय और खैरागढ़ विश्वविद्यालय द्वारा उन्होंने डॉक्टरेट की उपाधि भी प्राप्त की थी |
साल 2016 में उन्हें बाजीराव मस्तानी के गाने "मोह मोह के धागे" को कोरियोग्राफी के लिए भी फिल्मफेयर पुरस्कार दिया गया था |
बिरजू महाराज ने फिल्म - देवदास , डेढ़ इश्किया , उमराव जान और बाजीराव मस्तानी जैसी फिल्मो में कोरियोग्राफी किया एवं सत्यजीत रे की फिल्म "शतरंज के खिलाडी" के लिए म्यूजिक भी दिया |
बिरजू महारज दिल्ली के D-2 शाहजहाँ रोड स्थित सरकारी आवास में रहते थे | इस रोड पर आमतौर पर सराकर के बड़े बाबु लोग हीं शुरू से अभी तक रहते आये है | इस फ्लैट को सरकार ने उन्हें आवंटित किया था | उनके सरकारी फ्लैट में तीन ड्राइंग - डायनिंग रूम और तीन बेडरूम है | इस फ्लैट के आगे एक छोटा सा बगीचा है | इस आवास को सरकार ने उन्हें कला के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए दिया था |
इस आवास में सत्यजीत रे , पंडित रवि शंकर , संजय लीला भंसाली , यश चोपड़ा , कमल हसन एवं माधुरी दीक्षित जैसी कई हस्तियाँ का आना जाना लगा रहता था |
हलाकि इस सरकारी आवास को सरकार द्वारा 31 दिस्मबर 2020 तक उन्हें खाली करने के लिए नोटिस भी भेजा गया था , जिससे वे परेशान हो गए थे | जिसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने इस नोटिस पर रोक लगा दी थी | इस फ्लैट में वे पिछले 50 साल से रह रहे थे |
पंडित बिरजू महारज की 83 साल की उम्र में निधन से भारतवर्ष के लोग गमगीन है और देशभर के कलाकार नम आँखों से उन्हें श्रधांजलि अर्पित कर रहे हैं | इनके निधन से आज भारतीय संगीत की लय और शुर मौन हो गई है और कथक डांस के भाव शून्य हो गए |
पंडित
बिरजू महारज के निधन पर भव्याश्री परिवार के तरफ से भावविनी श्रधांजलि ,
भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे | .....( न्यूज़ :- रुपेश आदित्या ,
एम० नूपुर की कलम से )
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