Breaking News
"द कश्मीर फाइल्स" बहुत जल्द 200 करोड़ का आंकड़ा पार करने वाली है | 12 करोड़ की लागत से बनी इस फिल्म का अभी तो शुरूआती झलक है , वैसे यह आंकड़ा सिर्फ भारतवर्ष का है | इससे पूर्व भारत के अलग देशों में भी इसे रिलीज किया गया और वहां भी इसे काफी लोकप्रियता मिली | इस फिल्म को कई सारे राज्य में टैक्स फ्री किया जा चूका है जिसमे हरियाणा राज्य भी शामिल है |
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने अपने राज्य में इस फिल्म को मुफ्त में दिखाने का एलान कर दिया है जिसे लेकर विवेक अग्निहोत्री ने नाराजगी जताते हुए हरियाणा CM से फिल्म को मुफ्त में न दिखाए जाने का अनुरोध किया है |
विवेक अग्निहोत्री ने एक पोस्टर शेयर करते हुए पोस्ट किया जिसमे लिखा था - "चेतावनी " #thekashmirfiles को खुले और मुफ्त में दिखाना एक तरह का अपराध है | प्रिय @mlkhattar जी मै आपसे इसे रोकने का अनुरोध करता हूँ |राजनीति नेताओं और रचनात्मक व्यवसाय और सच्चे राष्ट्रवाद का सम्मान करना चाहिए और समाजसेवा का अर्थ है क़ानूनी और शांतिपूर्ण तरीके से टिकट खरीदना" |
विवेक अग्निहोत्री का इतना लिखना था कि यूजर्स मीठी मीठी बातकर मजे लेने लगे |
राजिव निगम ने लिखा - भाई का कहना है कि , कश्मीरी पंडित और फिल्म अपनी जगह है बिजनेस अपनी जगह , बिजनेस से खेलवाड़ नहीं |
प्रभाकर कुमार मिश्रा ने लिखा - क्यूँ , आपने तो कहा था कि पैसा कमाना आपका उद्देश्य नही है | अधिक से अधिक लोगो तक इस सच्चाई को पहुँचाना हमारा काम है |अब जब अधिकांश लोग तक सच्चाई पहुँचाने के लिए हरियाणा सरकार ने घोषणा जारी की तो विवेक अग्निहोत्री को खुश होना चाहिए |
अब जितनी मुंह उतनी बाते | विवेक पाल सिंह ने यहाँ तक लिख दिया कि -जिनके लिए आपने फिल्म बनाई अब वो भी आपके फिल्म का प्रचार कर रहे है वह भी फ्री में |
इस फिल्म की जितनी तारीफ़ हुई अब उतना हीं लोग इस फिल्म को फ्री में दिखाने की बाते या फिर अपनी कमाई से धन को बाँट देने की बात करते हुए नजर आ रहे हैं | यूजर्स भी लिख रहे है - फिल्म निर्माता के सभी सदस्यों से अनुरोध करता हूँ कि - फिल्म से अर्जित धन कश्मीरी पंडितों को उनके पुनर्वास के लिए दिया जाए , इनका नाम है शकील |
सारी तथ्यों के आधार पर हम इतना कहना चाहेंगे - कुछ तो लोग कहेंगे लोगो का काम है कहना | मगर यह तो विवेक अग्निहोत्री का भाग्य और इस फिल्म का लक है कि यह सुपरहिट बनता जा रहा है |
मुझे याद आ रहा है वह दौर जब फिल्म बनाने के बाद विवेक अग्निहोत्री को प्रमोशन के लिए दर दर भटकना पड़ा , बावजूद कई मंच पर उन्हें जगह नहीं मिला | उस वक्त सिर्फ मीडिया का कलम दौरा था प्रमोशन के लिए और फिर दर्शको ने भरपूर साथ दिया | वहीं सरकार ने भी इस सच्चाई को देश के सामने लाने के लिए दर्शको की सुविधा हेतु टैक्स फ्री कर दिया |
विवेक अग्निहोत्री से आखिर क्यूँ फ्री में फिल्म दिखाने या पैसो की बंटवारा की बात लोग करने लग गए ? अगर यह फिल्म नहीं चलती तो उनके नुकसान का हर्जाना कौन भरता |जब हम नुकसान का हर्जाना नहीं भर सकते तो फिर किसी भी तरक्की पर बोलने का हक़ नहीं |
हाँ इतना जरुर है कि - विवेक अग्निहोत्री ने निर्भीक होकर सच का पर्दाफाश किया और देश में ऐसी हीं फिल्मे बननी चाहिए | साथ हीं बुझ रहे इतिहास पर से बारी बारी धुल हटनी चाहिए |
जैसे कि - तान्हाजी , गंगुबाई काठियावाड़ी और टीवी पर प्रसारित होने वाली अहिल्या , ये सब लोग व बच्चे देखेंगे तो उनका मानसिक विकास होगा और हमारा देश आगे बढ़ेगा | आजकल के अधिकांशतः निर्माता / निर्देशक व कलाकार अश्लीलता से भरी बाते व दृश्य देखाना हीं अपनी कलाकारी मानते है | कलाकारी तो द कश्मीर फाइल्स में नजर आ रही है जो इतने उम्र के होने के बाद भी मिथुन चक्रवर्ती और अनुपम खेर ने फिल्म को लाजवाब बना दिया जिनकी भूमिका से भावविहल हो दर्शक रो पड़े |
कोई भी फिल्म पैसे और ट्रेंड में चल रहे कलाकार से नहीं चलती | विषय दमदार हो तो दर्शक दौड़ पड़ते है सिनेमाघर में | ......... ( मनोरंजन की दुनियां :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
रिपोर्टर