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अमर जवान ज्योति का विलय नेशनल वार मेमोरियल में विलय हुआ | यह निर्णय किसी को पसंद आया तो किसी को नापसंद |
दिल्ली में 50 साल से इण्डिया गेट के पहचान बनी "अमर जवान ज्योति" का आज आखिरी दिन था | आज एक समारोह के दौरान इनकी लौ को वार मेमोरियल में मिला दिया गया है | इसमे एक बड़ा फैसला भी केंद्र सरकार ने लिया , जिसमे गणतंत्र दिवस के समारोह की शुरुआत 24 जनवरी से हुआ करता था , अब 23 जनवरी से होगा |
भारत सरकार ने पिछले साल यह घोषणा की थी कि - हर साल 23 जनवरी को नेताजी सुभाषचंद्र बोस के जन्मदिवस को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाएगा | संस्कृति मंत्रालय ने अधिसूचना जारी करते हुए लिखा था - भारत के लोग नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 125वीं जयंती वर्ष में महान राष्ट्र के लिए उनके अतुल्य योगदान को याद करते है | इसलिए भारत सरकार ने नेताजी की 125वीं जयंती 23 जनवरी 2021 से आरम्भ करने का निर्णय लिया है , ताकि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उनका सत्कार किया जा सके |
अमर जवान ज्योति के विलय की बात पर विवाद खड़ा हुआ | इस बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जा बड़ा ट्विट सामने आया - ऐसे समय में जब पूरा देश नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 125वीं जयंती मना रहा है , मुझे यह बताते हुए ख़ुशी हो रही है कि - ग्रेनाईट से बनी उनकी भव्य प्रतिमा इंडिया गेट पर स्थापित की जायेगी | यह उनके प्रति भारत के ऋणी होने का प्रतिक है | जबतक नेताजी सुभाषचंद्र बोस की भव्य मूर्ति पूरा नहीं हो जाती , तब तक उनकी एक होलोग्राम प्रतिमा उसी स्थान पर मौजूद रहेगी |
मै नेताजी की जयंती 23 जनवरी पर होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण करूँगा |
यह प्रतिमा इण्डिया गेट पर 6 दसक से खाली पड़ी एक छतरी में लगाईं जायेगी | इससे पूर्व इस छतरी पर किंग जॉर्ज v की छतरी लगी थी , जिसे 1968 में हटा दिया गया |
आपको
एकबार फिर याद दिला दे कि - अमर जवान ज्योति का विलय नेशनल वार मेमोरियल
में एक समारोह के दौरान किया गया जिसकी अध्यक्षता एयर मार्शल बलभद्र राधा
कृष्ण ने की और गणतंत्र दिवस आयोजन का आरम्भ 24 जनवरी की जगह 23 जनवरी से
की जायेगी | ......( न्यूज़ / फीचर :- भव्याश्री डेस्क )
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