Breaking News
कानपुर के कारोबारी के बेटे कुशाग्र हत्याकांड के पीछे का राज छनकर सामने आया तो रौंगटे खड़े हो गए , एय्याशी भारी पड़ा मासूम प्यार पर |
यह घटना एक ऐसे मासूम बच्चे की है जो 10 वीं का छात्र था |इसे पढ़ाने के लिए रचिता नाम की लड़की जिसके माँ - पिता इस दुनियां में नहीं आती थी | कुशाग्र एक अच्छे घराने का सरल सुलझा व्यक्तित्व का धनी था | टीचर से उसके समबन्ध भी बहुत अच्छे थे साथ हीं कुशाग्र के माता - पिता भी टीचर को बेटी की तरह प्यार करते थे | प्यार इतना ज्यादा गहरा था कि रचिता के विवाह के लिए ये दम्पति कन्यादान कर विवाह में 30 / 32 लाख रुपये तक खर्च करने का मन बना लिया था | इस बात की जानकारी रचिता को बखूबी थी क्यूंकि अक्सर बातो के क्रम में कुशाग्र के माता - पिता बोला करते थे - तुम किसी बात की चिंता मत करना , हम है तुम्हारे लिए |
कानपूर कुशाग्र किडनेपिंग व हत्याकांड मामले में प्रभात शुक्ला , शिवा और तीसरा ट्यूशन टीचर रचिता का नाम आया है |
30 अक्टूबर को कुशाग्र कोचिंग जाने के लिए घर से निकला | रास्ते में प्रभात शुक्ल मिला , प्रभात शुक्ल ने कुशाग्र को इशारा दिया गाड़ी रोकने के लिए | कुशाग्र स्कूटी रोक दिया , प्रभात ने उससे लिफ्ट माँगा और कहा - मेरी गाड़ी खराब हो गई है मुझे घर तक पहुंचा दो चूकी कुशाग्र प्रभात को पहले से जानता था | रचिता ने पुरे परिवार को प्रभात शुक्ला से परिचय करवाया था | रचिता और प्रभात एक दूसरे से प्यार करते है और शादी करने वाले है यह सभी को पता था |
कुशाग्र उसे लिफ्ट दिया , गाड़ी चल पड़ी | प्रभात उसे अपने घर ले गया फिर अन्दर भी घर देखने के बहाने बुला लिया | कुशाग्र को क्या पता था घर के अन्दर उसके साथ क्या होनेवाला है और उसकी जिंदगी अब दरवाजे से बाहर नहीं आएगी |
कुशाग्र उस घर में 39 मिनट जिन्दा रहा होगा फिर प्रभात उस घर से निकलकर बाहर आया इसबीच इन तीनो ने प्लानिंग करके फिरौती के रूप में 30 लाख रुपये का डिमांड पत्र लिखा और शिवा के द्वारा जो कुशाग्र का दोस्त है के हाथ से कुशाग्र के घर के अन्दर फेकवा दिया जिसमे लिखा था - बच्चे को कुछ नहीं होगा , एक हाथ से पैसा दो बच्चा दरवाजे के सामने खड़ा मिलेगा | कुशाग्र की गाड़ी भी किसी ने दरवाजे के बाहर खड़ा कर दिया था |
पत्र जैसे हीं परिवार वालो को मिला , परिवार वालो ने पुलिस को खबर कर दी जबकि पत्र में पुलिस को न बताने का हिदायत भी लिखा था बावजूद परिजन ने यह सोंचा कि इनदिनों जो माहौल देखा जा रहा है उसके आधार पर उनकी पैनी दृष्टि ने पुलिस को सूचित करने का निर्णय लिया |
पुलिस आयी , पत्र पढ़ने के बाद उसने CCTV फूटेज खंगालना शुरू कर दिया | जिस वक्त घर से कुशाग्र निकला था वहां से कोचिंग सेंटर होते हुए प्रभात शुक्ला के घर के पास का विडियो देखा गया | जिस घर में प्रभात कुशाग्र को लेकर गया था उस घर से 39 मिनट के बाद सिर्फ प्रभात शुक्ला बाहर निकला | पुलिस ने उस घर का दरवाजा तोड़ा तो अन्दर का दृश्य देखकर चकित रह गई | कुशाग्र के हाथ - पाँव बंधे थे और उसकी हत्या हो चुकी थी | पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया |
अपने बेटे की ह्त्या की खबर सुनकर परिजनों के पैरो तले मानो धरती हीं सरक गई , वह मानने को तैयार हीं नहीं हुए कि इसमे रचिता का हाथ हो सकता है मगर साक्ष्य और सबूत दोनों पुलिस के पास मौजूद थे |
रचिता के वो मोबाइल जिसमे 16 दिनों में एक गुमनाम व्यक्ति से 51 बार बात हुई थी | 22 बार गुमनाम व्यक्ति ने रचिता को कॉल किया और 29 बार रचिता ने | यह गुमनाम व्यक्ति कौन है ? पुलिस पता लगा रही है |
पूर्व में तो अफवाह यहाँ तक उड़ा कि रचिता और कुशाग्र के सम्बन्ध ठीक नहीं थे मगर इस बात से सच्चाई छुप नहीं सकती थी | पुलिस ने दोनों के मोबाइल को खंगाला जिसमे कुछ भी ऐसा नहीं मिला जिससे शक की दीवारें खड़ी हो |
प्रभात शुक्ला के पकड़े जाने के बाद उसे वर्दी की ऐसी थप्पड़ पड़ी कि सच्चाई सामने आ गया | ये तीनो ने मिलकर कुशाग्र का किडनेपिंग किया और फिरौती में मांगे थे 30 लाख रुपया | प्रभात और रचिता दोनों ने कार के शो रूम में गाड़ी खरीदने के लिए डाक्यूमेंट्स जमा किये थे और कहा - अगले सप्ताह लेकर जायेंगे | इसी 30 लाख रुपये से शादी करनी थी , गाड़ी खरीदने थे और उसके बाद हिमाचल प्रदेश जाना था | हनीमून मनाने तक की सारी व्यवस्था इन्होने कर ली थी |
इनदोनो का सपना आसमान छू रहा था मगर पास में पैसे नहीं थे | रचिता ट्यूशन क्लास से अपना घर और जीविका चलाती रही | प्रभात भी बहुत सामान्य पैसे कमाने वाला था ऐसे में वह सपना कैसे पूरा करता इसलिए गलत रास्ते पर चल पड़ा और कुशाग्र को पैसा वाला देखकर फिरौती माँगने की लालच मन में समा गया | अब ये दोनों जेल के अन्दर हीं हनीमून मनायेंगे | कानून इन्हें अभी क्या सजा देती है कहना मुश्किल है |
3 नवम्बर को कानपुर में कैंडिल मार्च निकाला गया जिसमे इन तीनो को फांसी देने की बात कही गई साथ हीं प्रभात के पिता जो कि होमगार्ड में है उनकी गिरफ्तारी की मांग की गई | इसके साथ हीं प्रभात शुक्ला के घर पर बुलडोजर चलाने की बाते भी सामने आ रही है |
मालुम हो कि इनदिनों उत्तरप्रदेश सरकार ऐसे लोगो को छोड़ती नहीं और अंजाम क्या होगा सोंचती नहीं | यह सोंचना घरवालो को होगा कि ऐसे लालची बच्चे या परिवार के किसी भी सदस्यों के पाप को पनपने न दिया जाए नहीं तो सर से छत को गिर जाने में देर नहीं लगेगी और न हीं ऐसे परिवार को समाज का कोई सदस्य साथ देगा इसलिए मोहमाया की जाल से स्वयं को मुक्त करते हुए परिवार को अच्छी सलाह और परवरिश दें और गलत का साथ कदापि न दे और न उसे पोषित करे |
कोई लड़की जो किसी ऐसे लड़के से प्यार करती है जो शादी से पहले हीं किसी से फिरौती माँगने या क़त्ल करने की बात सोंचता है तो ऐसे में तीसरी दृष्टि को खोलांचा चाहिए और वहीं अपने रास्ते मोड़ ले | आज रचिता झूठी मोहब्बत की खातिर सबकुछ खो दिया है | रचिता ने एक ऐसे परिवार को खोया जिन्होंने उसे बेटी बनाया था , विवाह में लाखो रुपये खर्च करने वाले थे | भाई और बेटे के रूप में कुशाग्र जैसा एक प्यारा स्टूडेंट मिला बावजूद झूठा प्यार का पलड़ा क्यूँ भारी पड़ गया ? न माया मिली न राम , सोंचिये , ठहरिये और सदैव सुमार्ग की तरफ बढ़िये यही जीवन का सही उदेश्य और सफ़र होगा | ........... ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
रिपोर्टर