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13 नवम्बर को उग्रवादी हमले में 5 जवान शहीद हुए , जिसमे एक कर्नल भी मौजूद थे | कर्नल विपल त्रिपाठी को आज अंतिम विदाई दी गई , ये रायगढ़ जिले के रहने वाले थे | पूरा शहर इनके सम्मान में उमड़ पड़ा , लोग इनके पार्थिव शरीर के साथ खड़े होकर फूल बरसाते रहे और भारत माता की जय के नारे लगाते हुए भावविहल हो पड़े | विपल अमर रहे ऐसे नारे शहीदों के सम्मान में दिया जाता है , जहाँ उनके शव को तिरंगे में भी ससम्मान लिपटाकर उन्हें अंतिम विदाई दी जाती है | भारत के बेटे को भारत की गोद में समर्पित करने का यह उद्देश्य , जब तिरंगे में लपेटकर भारत माता को समर्पित किया जाता है |
इनके पार्थिव शरीर को रामलीला मैदान में अंतिम दर्शन के लिए लाया गया था | अंतिम दर्शन के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी वहां पहुंचे और पुरे सैन्य सम्मान के साथ इन्हें अंतिम विदाई दी | कर्नल विपल त्रिपाठी के साथ उनकी पत्नी और उनके बेटे भी शहीद हुए | यह घटना चुरा चांदपुर जिले के सिंघट में घटी थी | मामला मणिपुर के असम राइफल के काफिले पर उग्रवादी हमला कारण बन गया |
मणिपुर में म्यांमार बॉर्डर से सिर्फ 2 किलोमीटर दूर तक इस जगह पर पहुंचना आसान नहीं था | यह चारो तरफ पहाड़ और जंगलो से घिरा रास्ता है , जहाँ के रास्ते बहुत हीं कठिनाई भरे है , इसी जगह शहीद हुए जवान ने अपनी जान की बाजी लगा दी | 13 नवम्बर को कर्नल अपनी दूसरी यूनिट के लिए जा रहे थे , जहाँ उन्हें टार्गेट किया गया | चार - पांच गाड़ियों का काफिला था , जिसमे एक गाड़ी पर वे स्वयं अपने परिवार के साथ बैठे थे | जहाँ हमला हुआ वह मणिपुर की राजधानी इन्फौल से 150 किलोमीटर दूर पर है और हम पहले हीं बता चुके है कि यह म्यांमार बॉर्डर से महज 2 किलोमीटर की दूरी पर है जहाँ उग्रवादियों ने इनपर हमला बोला |
खबर मिलते हीं रिइन्फोर्सेमेंट पार्टी अपनी सेना को लेकर वहां पहुँच गई , मगर अफ़सोस बहुत देर हो चुकी थी | इनके पांच वर्ष के बेटे जिन्होंने अभी दुनियां को देखना आरम्भ हीं किया था , ऐसे मासूम बच्चे जो उग्रवादियों के नाम से कोसों दूर रहे , वे बच्चे भी उनकी चपेट में आ गए |
घात लगाये बैठे उग्रवादीगण को पूर्व निर्धारित समय का पता था कि कर्नल कितने बजे अपने घर से निकलेंगे और उस रास्ते पर उन्होंने बारूद बिछा दिया और उसे पत्तों से ढक दिया | जैसे हीं ब्लास्ट किया गया , कर्नल वहां रुके , उन्हें सोंचने का समय भी नहीं मिला और उनपर UBGL और स्माल आर्म्स का इस्तेमाल किया गया | उग्रवादियों का यह हमला बहुत बड़ा था , अफ़सोस की इनके परिवार को टार्गेट किया गया ! यह बहुत हीं निंदनीय है , जहाँ ये उग्रवादी झाड़ी में छुपकर जवानों को अपना टार्गेट बनाते हैं |
सूचना के आधार पर , वहां कुछ आँखों देखा हाल लोगों ने बताया कि - करीब 10 बजे वहां 16 / 17 लोग मौजूद थे , जिन्होंने इस घटना को अंजाम दिया |
कर्नल विपल त्रिपाठी , उनकी पत्नी और बेटे के पास उनकी माँ अपनी सुधबुध खोती हुई नजर आयी | यह एक दुर्भाग्य भरा पल कहा जा सकता है , जहाँ जन्म दिए एक जवान बेटे को एक माँ को अंतिम विदाई देनी पड़ी | इसके बाद सिर्फ कल्पना के सिवा कुछ हाथ नहीं , बस अपने बेटे की फौलादी उद्देश्य व देश के लिए मर मिटने की चुनौती भरा पल को उन्होंने स्वीकारते हुए गले लगाया | कहने को तो - यह इनका पुत्र था , मगर विपल त्रिपाठी पुरे भारतवर्ष के पुत्र थे | ऐसे पुत्र और भाई जब जागते है , तो पूरा भारत निफिक्र होकर जीते और रात में सोते है | उनकी यह कुर्बानी भारतवर्ष के लोग अपनी अंतिम सांसों तक याद रखेगा | उनके भाई लेफ्टिनेंट कर्नल अनय त्रिपाठी ने अपने भाई व भाभी को मुख्याग्नी दी | मुख्याग्नी से पूर्व उन्हें सैलूट दिया गया और असम राइफल के जवानों ने अपने कमान्डेंट को गॉड ऑफ़ ऑनर दिया |
वहीं शहीद हुए राइफल मैन सुमन स्वार्गियरी का अंतिम संस्कार भी किया गया | सुमन स्वार्गियरी की पत्नी जूरी स्वार्गियरी ने अंतिम यात्रा से पूर्व अपने पति को सैलूट दिया | अपने गोद में 3 वर्ष के बेटे को लिए अन्दर की उमड़ती हुई सिसकियों को काबू में करती हुई अपने गम को पीया | अबोध बच्चे को यह खबर भी नहीं कि यह पल अपने सर से पिता के हाथ का साया उठ जाने की घरी है | इनके शव को भी तिरंगा में लिपटाकर उनकी पत्नी को सौंप दिया गया | सेना के जवानों ने उन्हें कंधा देते हुए श्रधांजलि अर्पित की |
साथ हीं इनके साथ शहीद हुए जवानों के घर में भी मातम छाया | इसकी निंदा करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि - सैनिकों और उनके परिवार का बलिदान भुलाया नहीं जाएगा | PM नरेन्द्र मोदी का यह ट्विट्ट जिसमे उन्होंने लिखा - हमले की मै निंदा करता हूँ | इसमे शहीद हुए जवानों और परिवारों के सदस्य को कभी भुलाया नहीं जा सकता | दुःख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं , शोक संतप्त परिवारों के साथ है |
वहीं केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी हमले पर आक्रोश जताया है और कहा है कि - पूरा देश हमारे बहादुर सुरक्षा बलों के लिए खड़ा है | हमारे वीर जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा |
वहीं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने भी दुःख जताते हुए मणिपुर में हुए हमले को लेकर प्रधानमंत्री पर निशाना साधा है | साथ हीं कांग्रेस की महा सचिव प्रियंका गाँधी ने भी इस हमले पर अपना दुःख प्रगट किया और कहा कि - उनके बलिदान को हमेशा याद रखा जायेगा | साथ हीं प्रियंका गाँधी ने कहा कि - आतंकियों की इस कायराना हड़कत के खिलाफ पूरा देश एकजुट है , जय हिन्द | ....... ( न्यूज़ / फीचर :- भव्याश्री डेस्क )
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