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पुणे पोर्श केस की जांच क्राइम ब्रांच के हाथ सौंपी गई | इस मामले में लापरवाही बरतनेवाले 2 पुलिस अधिकारी सस्पेंड कर दिए गए | इन्स्पेक्टर जगदाले और ASI टोदकरी मौके पर पहुंचे थे , इन्होने इस घटना की जानकारी कंट्रोल रूम को नहीं दी | इनपर आरोप है कि आरोपी को थाने में स्पेशल ट्रीटमेंट वैल्यू दिया गया था |
इस घटना के बाद जिला प्रशासन शहर के 32 पब बार पर करवाई कर दिया जो नियम को फ्लो नहीं करते | करवाई के खिलाफ पब बार के 2500 कर्मचारियों ने अपना मोर्चा खोल प्रदर्शन करना आरम्भ किया | इनकी तख्तियों पर लिखा था - 60000 कर्मचारी बेरोजगार हो जायेंगे , हमारा घर कैसे चलेगा आदि हर तख्ती पर मज़बूरी दर्ज थी |
यह प्रदर्शन पुणा स्टेशन के समीप राजाबहादुर मिल्स क्षेत्र में इकठ्ठा होकर आरम्भ किया | वहीं प्रदर्शन में शामिल महिला का कहना है कि जो लोग पब नियमो का उलंघन कर रहे हैं , उनके खिलाफ एक्शन लिया जाना चाहिए | प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा - 2 पब की गलतियों का खामियाजा हम क्यूँ भुगते ?
नाबालिक ने 90 मिनट में 48 हजार रुपये की शराब गटक ली थी | यह घटना 18 मई की रात 10:40 बजे की है | इसने कोजी पब में 48 हजार रुपये का बिल चुकाने के बाद 12:10 बजे ब्लैक क्लब मेरियट होटल गया था फिर 2 बजे रात वह अपनी गाड़ी को 200KM प्रति घंटे की रफ़्तार से चलाते हुए बाइक पर सवार 2 यंग आईटी इंजीनियर को धक्का मारते हुए थोड़ी दूर जाकर तब रुका जब दबाव से उसके गाड़ी के आगे का एयरबैग खुल गया और उसे कुछ दिखाई नहीं पड़ रहा था तभी पब्लिक ने उसे पकड़ लिया |
पब्लिक ने आँखों से देखा - पीछे बैठी इंजीनियर लड़की अश्विनी दूबे जोरदार टक्कर के बाद कई फीट ऊपर उछलती हुई दूर गिरी वहीं बाइक चला रहे उनके मित्र इंजिनियर अनीश अवधिया भी दूसरे कार पर जा गिरे , बेहद चोटिल होने के कारण दोनों की घटना स्थल पर हीं मौत हो गई | यह दृश्य देख वहां की जनता ने जब आँखों देखा हाल सुनाया तो देश में हलचल मच गया वहीं पुणेवाले लोग आन्दोलन पर उतरे और आरोपी को सजा देने की मांग कर बैठे |
यह मांग कोर्ट द्वारा नाबालिक को 75 हजार रुपये का बॉन्ड व 300 शब्द का सड़को पर आलेख लिखवाकर जमानत दे देने के कारन हुई परन्तु प्रदर्शन के बाद पुनः दूसरे दिन हीं उसे पूछताछ के लिए फिर कोर्ट में आना पड़ा और पूछताछ के बाद उसे किशोर बालगृह में भेज दिया गया |
उधर मृत बेटी के परिवार वालो ने बेटी की अर्थी उठाने के वक्त कहा - इसे डोली पर ससुराल भेजना था मगर यह हमारा दुर्भाग्य है कि इस उम्र में अर्थी उठाना पड़ रहा है | इस घटना से दोनों परिवार और इनके चाहनेवाले बेकल और बेहाल है साथ हीं पुरे देश की जनता के आँखों में भी आंसू आ गए | इसे सिर्फ अकाल मौत नहीं कहेंगे , इसे एक अमीर लापरवाह पिता के बददिमाग अय्याशीखोर औलाद के बदसलूकी का नतीजा कहा जा सकता है जिसे न अपनी फ़िक्र थी और न हीं सड़क पर चलनेवाले लोगो की तभी करोड़ो की गाड़ी के पचखड़े उड़ा दिए | खैर ......... यह तो धन से ख़रीदा जा सकता है मगर इन दोनों बच्चो की जिंदगी क्या वापस आ सकती है ! तमाम उम्र इनकी मौत परिवार को दर्द देता रहेगा |
नाबालिक का ब्लड टेस्ट कराया जा चूका है | इनपर मोटर वाहन अधिनियम की धारा 185 , शराब पीकर गाड़ी चलाना , गैर इरादतन हत्या और मोटर वाहन अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज किया गया है |
नाबालिक के पिता विशाल अग्रवाल और दादा ने कहा कि कार मेरा ड्राईवर चला रहा था जो सरासर गलत साबित हुआ | 24 मई को विशाल अग्रवाल सहित सभी 6 आरोपी को 7 जून तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है | हिरासत के वक्त लोगो का भीड़ इकठ्ठा हुआ और रास्ते में उसपर इंक का छिड़काव किया गया | पुलिस को समझते देर न लगी और उन्हें सुरक्षित ले गई |
अब पुलिस का पक्ष रखने के लिए अब स्पेशल काउन्सिल नियुक्त किये जायेंगे |
कानून के रखवाले व ईमानदारी के वर्दी पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार के व्यक्तित्व में और भी निखार ला दिया , पुरे भारत की तरफ से उन्हें सैल्यूट | ऐसे पुलिस अफसरों की हीं देश की जरुरत है , तभी गलती करनेवाले भयभीत रहेंगे और गलती करने व होने से बचे व बचायेंगे |
एक कहावत है - गेंहू के साथ घुन भी पिस जाता है , इस केस में ऐसा हीं हुआ | अपने पोते को बचाने के क्रम में दादा ने झूठ बोला कि उस वक्त गाड़ी उनका पारिवारिक ड्राईवर चला रहा था | परन्तु सच यह है कि उनपर अपने फैमिली ड्राईवर का मोबाइल छिनकर उन्हें अपने घर में बंधक बनाने का आरोप लगा इसलिए 25 मई को नाबालिक आरोपी के दादा को भी गिरफ्तार कर लिया गया है |
बच्चे देश के भविष्य है , उन्हें नहीं पता जिंदगी क्या है ? पैसे की अहमियत क्या है और देश में वो क्यूँ आये और उन्हें क्या बनना है ? मगर इन फूल से बच्चो को सींचने वाले माली को सोंचना होगा कि इनकी जिंदगी में तेज़ाब नहीं खाद डालना जरुरी है तभी इनका ग्रोथ होगा और ये समझ पायेंगे कि जिंदगी क्या चीज है और जिंदगी पैसो से नहीं खरीदी जा सकती | ........... ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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