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जहाँ एक तरफ सोशल मीडिया लोगों को सुविधा दे रही है , वहीं कुछ मनचले अज्ञानी बच्चे अपनी करतब दिखाने के लिए सोशल मीडिया का गलत रूप से सहारा भी ले रहे है |
सबसे पहले हम आपको उस सूचना से परिचित करा दे , जिसके लिए हमने कलम उठाया है | यह है पश्चिम बंगाल की हुगली जिले का एक दर्दनाक तस्वीर , जहाँ दशहरा के मौके पर तीन दोस्त मिलकर वीडियो शूट कर रहे थे और यह दर्दनाक हादसा इनके हीं कैमरे में कैद होकर दर्द का आलम लाइव बयाँ कर रहा है ,जो काफी दर्दनाक और सदमे से जुड़ा हुआ है |
तेज रफ़्तार से जा रही ट्रेन के धक्के से एक किशोर की मौत हो गई | रेलवे लाइन के पास ये तीनों दोस्त दशहरा के दिन नए कपड़े पहनकर एंजॉय करते हुए विडियो बना रहे थे | तेज रफ़्तार से आ रही ट्रेन की हड़कत भी इन्हें सुनाई नहीं पड़ी , ये इतने मग्न थे और प्लेटफ़ॉर्म नंबर 3 के पास से तेज गति से गाड़ी गुजरी , जिसमे एक दोस्त गाड़ी के धक्के से दर्दनाक मौत का शिकार हो गया | इसकी उम्र 14 वर्ष थी और इसका नाम किशोर धीरज पाटिल था | सोंचा जा सकता है कि - ये तीनों गाड़ी के हॉर्न से कितने बेखबर थे |
नाबालिक किशोर की मौत ने आज सबका मन मायुस कर दिया | दुर्गा पूजा की महादशमी के दिन हुगली के भद्रेश्वर रेलवे स्टेशन के पास की यह घटना है | Tik Tok जैसी शॉट विडियो बना रहे इस बच्चे की मौत की खबर पहली घटना नहीं कहा जा सकता है | पूर्व में भी ऐसी बहुत सारी घटनाएं घटी और आने वाले कल में भी घटती हीं रहेगी | जैसा कि आज के कलयुगी बच्चे के बढ़ते हुए कदम को देखकर यह कहना शायद गलत न होगा कि - ऐसे बच्चे बहुत जल्द उन उंचाई पर पहुंचना चाहते है , जिस प्लेटफ़ॉर्म पर उन्हें बॉलीवुड का सितारा नजर आ रहा होता है | जिसमे एक नाम हम कहना चाहेंगे बहुचर्चित निर्देशक रोहित शेट्टी का |
रोहित शेट्टी जो भी स्टंट करते या करवाते है , वो पूरी सुरक्षा के साथ की जाती है | उनके पास बल भी है , दल भी है और सोंच भी है जिससे खतरा का बचाव किया जाता रहा है | जो पर्दे पर दिखाई पड़ती है और ढाई घंटे में जो फिल्म समाप्त हो जाती है , इस फिल्म को बनाने में कई वर्ष भी गुजर जाते है | इतना आसान नहीं है एक चौदह वर्ष के बच्चे को एक साधारण मोबाइल लेकर रोहित शेट्टी जैसा स्टंट कर पाना | यह खतरा है , जिसे बच्चे , बच्चे के माँ- पिता और समाज को समझना होगा | नक़ल कीजिये , मगर इसके लिए अकल को समेटना होगा , नहीं तो जिंदगी दांव पर लगते देर नहीं होगी |
आज एक बच्चे की इसी नक़ल ने अपनी जिंदगी का अंत कर लिया | इनके दो दोस्त आकाश पांडे और दीपू मंडल बच गए हैं | यह हादसा इनको कितना सबक और सीख दे पाएगी , यह तो कहना मुश्किल है | मगर इतना जरुर कहा जा सकता है कि - यह हादसा इनकी आँखों में सदैव तैरता रहेगा , जब तक इनकी सांसों की गति बनी रहेगी | हर दिन इनके मस्तिष्क पर एक साथी के खो जाने असर इन्हें बेचैन करेगा |
ये बच्चे देश के भविष्य है , इनके पास अभी उतनी समझ नहीं | इन्हें हम सबको मिलकर रोकना होगा , ताकि ये गलत कदम उठाकर आगे न बढ़े | 14 वर्ष की उम्र धन कमाने के लिए नहीं होता | खासकर उन परिवार से हम कहना चाहेंगे कि - बच्चों के हाथ में मोबाइल मत दीजिये , यह खतरे की घंटी है | ठीक उस तरह जैसे की आ बैल मुझे मार | जिस तरह बाल विवाह को रोका गया उसी तरह बच्चो के हाथ से भी मोबाइल छिनना पड़ेगा और यदि इसपर ध्यान नहीं दिया गया , तो आने वाला कल कहीं भविष्य के लिए आंसू न बन जाए ! ....... ( न्यूज़ / फीचर :- भव्याश्री डेस्क )
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