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किसी भी महत्वपूर्ण कार्य या व्यक्ति का चरित्र उसका जन्म , मृत्यु व प्रकृति का गुण के प्रति अपना भाव व्यक्त करना हो तो हम एक ऐसे तारीख की या तिथि को अंकित करते हैं ताकि साल में उसे यादगार दिवस के रूप में मनाया जा सके और हम उस महत्व को कभी भूल न पाए | तभी हम अपने आनेवाले पीढ़ी को इस दौर में शामिल कर सन्देश दे पायेंगे |
आज "नारियल" का महत्व समझने व समझाने का दिन है साथ हीं इसकी खेती के प्रति लोगो को जागरूक करने के लिए विश्व नारियल दिवस के रूप में मनाये जाने के लिए 2 सितम्बर इनके नाम समर्पित किया गया है |
2 सितम्बर को एशिया प्रशांत नारियल समुदाय का गठन किया गया था इसलिए यह यादगार दिवस है |
हिन्दू धर्म और संस्कृति का माने तो नारियल से काफी जुड़ाव है | इसका एक अलग हीं महत्वपूर्ण स्थान है | इसके महत्व को हम ऐसे समझ सकते है कि - शादी विवाह , जनेऊ या किसी भी शुभ कार्य व त्यौहार , पूजा में नारियल के बिना संपन्न कराने की हम कल्पना भी नहीं कर सकते | जैसे कि - किसी शुभ कार्य व पूजन में भगवान श्री गणेश को आमंत्रित करना सर्वोपरी माना गया है ठीक उसी तरह शुभ कार्यक्रम के पूजन सामग्री सूची में सबसे पहले नारियल का हीं नाम अंकित करना पौराणिक नियम में शामिल है , वह पंडित के द्वारा लिखी हो या फिर व्यक्ति स्वयं सूची बनाए |
नारियल जिसका विश्वभर में अपना एक अलग हीं पहचान व खासियत है | यह वह फल है जिसके खाने से आदमी का सिर्फ पेट हीं नहीं भरता बल्कि इसके मीठे स्वादिष्ट पानी पीने से प्यास भी बुझती है | इस अमृत रसपान के आनंद का क्या कहना ! इसका नजारा तो अधिकांशतः सी बीच पर हीं ज्यादा देखने को मिलता है | मन को ठंढक प्रदान करने के साथ हीं इसमें कई औषधीय गुण भी मौजूद है जिसे हम बारी बारी से जानेंगे | ............. फीचर ....... जल्द अपडेट हो रहा है |
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