Breaking News
एएसआई शम्भू दयाल की बदमाश ने चाकू मारकर हत्या कर दी | घायल अवस्था में उन्हें बीएल कपूर अस्पताल में लाया गया जहाँ डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया | यह घटना 4 जनवरी की शाम 8 बजे की है |
शम्भू दयाल का अंतिम संस्कार कर दिया गया है | उनकी अर्थी को कन्धा देने पहुंचे थे सीपी संजय अरोड़ा | अंतिम संस्कार में स्पेशल सीपी सागर प्रीत हुड्डा , DCP घनश्याम बंसल सहित कई वरिष्ठ अधिकारी वहां मौजूद थे |
शम्भू दयाल की हत्या क्यों और कैसे हुई ?
शम्भू दयाल एक महिला की शिकायत रिपोर्ट के बाद उस बदमाश को पकड़ने दिल्ली रेवाड़ी रेलवे लाइन के पास बसे झुग्गियों में गए थे | महिला ने बदमाश को पहचान लिया जिसका नाम अनिश है | शम्भू दयाल ने उसे पकड़ लिया और थाना ला हीं रहे थे कि रास्ते में हीं अनिश ने चाक़ू निकाली और शम्भू दयाल पर वार करने लगा |
बदमाश ने उन्हें पेट , कमर सहित कई अन्य जगह वार कर घायल किया | खून से लहुलुहान शम्भू दयाल अपना बचाव कर रहे थे मगर हमला अचानक हुआ था जिस अनहोनी से वे बेखबर थे और स्वयं को बचाने की कोशिश नाकाम हो गई | जबकि वहां लोग मौजूद थे , बचाव किया होता तो इस देश के रक्षक को दुनिया को अलविदा न कहना पड़ता |
आज अफ़सोस इस बात की है कि - एक रक्षक की रक्षा वहां मौजूद लोग न करके तमाशबीन बने रहे | फिर ऐसे में लोग पुलिस से अपनी रक्षा की कल्पना व गुहार क्यूँ करते हैं ?
जब पुलिस हमारी रक्षा के लिए है तो फिर आम नागरिक को भी उनकी रक्षा के लिए सदैव तैयार रहना उनका पहला कर्तव्य है , वह महिला हो या पुरुष | एक व्यक्ति भी अगर उनका साथ देता तो वे वेगैर हथियार भी उससे जीत जाते |
वहां लगे CCTV में सारी घटना कैद हुई | आरोपी को शम्भू दयाल झुग्गी बस्ती से पकड़कर ला रहे थे तभी अनिश ने मौका पाकर अपनी बचाव में उनपर वार कर दिया | शम्भू दयाल राजस्थान के सीकर के रहने वाले थे और उनकी पोस्टिंग दिल्ली में थी इसलिए वे मधु विहार इलाके में अपने परिवार के साथ रहते थे |
आम नागरिक को यह सोंचना पड़ेगा कि जिस गुंडे को पकड़ने शम्भू दयाल जैसे पुलिसकर्मी जनता की पुकार पर पहुँचती है तो उनकी निगरानी भी प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है | यह कैसे संभव हुआ कि नागरिक तमाशबीन बने रहे ? इसलिए आये दिन ऐसी घटनाएँ घट रही है और लोग पुलिस को समय पर न पहुँचने पर दोष मढ़ देते हैं |
ASI शम्भू दयाल आज इस दुनिया में नहीं मगर उन्होंने एक सवाल छोड़ दिया - उनकी हत्या में कसूर किसका है ? ......... ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
रिपोर्टर