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नवाबो का शाहर लखनऊ में एक 16 वर्ष के बेटे ने रौंगटे खड़े कर देनेवाले कारनामे कर आज एकबार फिर देश को सोंचने पर मजबूर कर दिया कि - औलाद का सुख या दुःख अंजुरी में किस तरह हम पा रहे हैं |
इस बेटे ने अपनी माँ के सर में गोली दाग दी जिससे मौके पर हीं उनकी मौत हो गई | यह घटना उत्तरप्रदेश के लखनऊ की यमुनापुरम कॉलोनी में गेमिंग की लत में बुत एक ऐसे बेटे की है जो दिन - रात पबजी गेम खेलने में हीं डूबा रहता था | अपनी माँ को महज इसलिए रास्ते से हटाया , क्यूंकि वे गेम खेलने के दौरान अक्सर रोकटोक किया करती थी | बेटे इस बात से खफा होकर अपने पिता की लाइसेंसी पिस्टल से हीं अपनी माँ के सर पर गोली दाग दी |
ह्त्या करने के बाद उसे रोकटोक करने वाला कोई नहीं था | अपनी छोटी बहन को डरा धमकाकर दूसरे कमरे में बंद कर दिया , वहीं एक कमरे में उनकी मृत माँ 40 वर्षीय साधना की लाश खून से लतपथ पड़ी थी |
इस बीच वे अपने 2 दोस्त को बुलाकर पार्टी का आयोजन शुरू किया | ऑनलाइन आर्डर कर अंडा कड़ी मंगवाया और फुकरे मूवी देखी | घर में सन्नाटा पाकर दोस्तों ने पूछा कि - आंटी कहाँ है ? तो लड़के ने जवाब दिया चाची के घर पर | पार्टी खत्म होने के बाद उसने अपने दोस्तों से भी अपनी माँ की लाश को ठिकाने लगाने की बात कही थी और 5 हजार रुपये देने का लालच भी दिया , परन्तु दोस्तों ने बात नहीं मानी और वे अपने घर चले गए |
3 दिनों तक लाश घर में पड़ा रहा और बेटा ऐश करने में मशगुल था | जब शव से बदबू आनी शुरू हुई तो उसने फ्रेशनर का भी छिड़काव किया , लेकिन इस पाप भरी बदबू को वह रोक नहीं सका और बदबू पड़ोसियों तक पहुँच गई जिसके बाद पड़ोसी ने उसके पिता को इस बात की सूचना दी जिसके बाद पिता ने घर पर फोन किया |बच्चे और पत्नी ने जब फोन नहीं उठाया तो उन्होंने ट्यूशन टीचर को घर पर जाकर देखने के लिए कहा |
इस घर में सिर्फ 3 लोग हीं रहा करते थे - 40 वर्षीय साधना , 16 वर्ष का बेटा और 10 वर्ष की बेटी और एक डॉगी भी घर का सदस्य था | साधना के पति कोलकाता में आर्मी ऑफिसर है | 40 वर्षीय साधना की मौत का जिम्मेदार रिवाल्वर नहीं था , जिम्मेदार है पबजी गेम जो बच्चो को बर्बादी का आलम सिखला रहा है और अभी से ह्त्या के रास्ते पर दौड़ लगाने हेतु धकेल रहा है |
16 साल के इस नाबालिक बच्चे ने घर के खुशियों पर तेज़ाब डाल दिया | 10 साल की एक बेटी अनाथ हो गई | यह घटना बीते रविवार की है - पिता का लाइसेंसी पिस्टल घर पर मौजूद था | माँ की बातो से क्षुब्ध होकर बेटे ने गोली चलाकर रिवाल्वर को बेड पर हीं छोड़ दिया |
मंगलवार की शाम को पुलिस घर पर पहुंची | सूचना के आधार पर - बाते यह भी छनकर आ रही है कि बेटे ने पिता को फोन किया और माँ की हत्या की जानकारी दी | उसके बाद फ़ौरन पिता ने पुलिस को फ़ोन कर सूचना दी | पुलिस जब घटना स्थल पर पहुंची और जानकारी ली तो बेटे ने बताया कि - बिजली मिस्त्री घर आया था , उसी ने माँ की हत्या कर दी | करीब ढाई घंटे की जांच के बाद पुलिस ने पूरी घटना को सामने लाकर खड़ा कर दिया और आरपी बेटे को हिरासत में ले लिया |
आज वह 16 वर्ष का बेटा पुलिस की गिरफ्त में कैद है | बच्चे की सोंच मासूम होती है तो कहीं हठी भी , बावजूद वह ज्यादा दूर तक साजिश नहीं गढ़ सकता | इसीलिए बेड पारी रिवाल्वर पर बच्चे के ऊँगली के निशान पाए गए |
कोई भी बच्चा किसी भी गेम की लत में या अन्य खेल की लत में एक दिन में सराबोर नहीं हो सकता | ऐसे में देखा जाए तो गलत रास्ते पर बच्चो की सोंच ज्यादा और जल्द आकर्षित होता है | मोबाइल में बच्चे क्या पढ़ रहे है और क्या देख रहे है या खेल रहे हैं ? घर के लोग ध्यान नहीं देते | ऐसे में आज के दौर में बच्चे गेम की तरफ भाग रहे है जिससे बच्चे की यह उम्र जहाँ वह अपने व देश के विकास के लिए सोंचेंते , वहां आज अधिकांशतः बच्चा गुमराह हो रहा है जिसमे 16 वर्ष का यह बच्चा भी आज कैदी बनकर ठहर सा गया है जो ठीक नहीं |
बच्चो की बालिक होने की उम्र तक उनकी दिनचर्या पर आरंभिक दौर से हीं परिवार के सदस्यों को ध्यान देना पड़ेगा , ताकि आनेवाले कल में यह घटना दूबारा न दोहराई जाए | ............ ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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