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सदियों से महिना व तारीख का अपना एक अलग हीं महत्व रहा है | लोग माह व तारीख को याद कर कभी रोमांचित होते है तो कभी पिछले पन्ने को पलटकर यादों में खो जाते हैं | माने तो इंसान के लिए अंक बहुत खास होता है तभी तो लोग जन्मदिन या कोई यादगार दिवस मनाकर उस अनमोल पल को कभी विदाई नहीं देते | वक्त भले हीं दामन से फिसल जाता है मगर सांसे जब तलक ठहरी है तारीख की डोर से यादें सदैव बंधा रहता है |
आज 25 जुलाई है , इस यादगार तारीख में कुछ ख़ास बातें जो लाये हैं हम आपके लिए | वैसे भारतवर्ष या दुनियाभर में बहुत कुछ ख़ास व ऐसा हुआ जिसे हम याद करते या याद रखते है परन्तु सभी को लिखना या बताना संभव नहीं होगा |
तो सबसे पहले हम बात कर ले उस पल का जब दुनियाभर में एक अद्भुत चमत्कार हुआ था और गोद भर गए निःसंतान दम्पतियों की तब जब विज्ञान और वैज्ञानिकों ने आज की तारीख में हीं चमत्कार दिखलाकर इतिहास रच दिया |
इसी तारीख को टेस्ट ट्यूब बेबी का जन्म हुआ था इसलिए हम सभी के लिए यह तारीख बहुत खास है | इंग्लैण्ड के ओल्डहेम शहर में पहली ट्यूब बेबी का जन्म हुआ , साल था 1978 और आईवीएफ शिशु का नाम है लुइ ब्राउन |
बेबी लुइ ब्राउन देर रात ओल्डहेम शहर के सरकारी अस्पताल में जन्म लेकर पूरी दुनिया में तहलका मचा दिया , उस वक्त इनका वजन था 2.5 किलोग्राम | यह दुनिया के माता - पिता व परिवार के लिए एक वरदान साबित हुई |
लुइ के विषय में जैसे हीं खबर पहुंची , ब्रिटेन के 5000 से ज्यादा निःसंतान दम्पति ने इस नई प्रणाली व चमत्कार का स्वागत करते हुए संतान प्राप्ति की इच्छा जाहिर की और माता - पिता बन गए | ऐसे विज्ञान और वैज्ञानिक को सैल्यूट जिन्होंने मासूम मन व चेहरे पर रौनक लाकर गति को आगे बढ़ाया | आज यह पद्धति दुनियाभर में प्रचलित है और हर दिन हजारो की संख्या में दम्पति कदम बढ़ा रहे हैं |
25 जुलाई भारत में महिलाओं की उपलब्धि का ख़ास दिन माना जाता है | प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने 25 जुलाई को भारत की प्रथम महिला राष्ट्रपति के रूप में शपथग्रहण कर इतिहास रचा इसलिए यह तारीख महिलाओं को रोमांचित कर उत्साह बढ़ाता है |
1984 का पन्ना पलटा जाए तो 25 जुलाई को 46 वर्षो से जॉर्डन और इजरायल के बिच चल रहा युद्ध समाप्त हुआ था |
1813 में कलकता में पहली बार नवकादौड़ प्रतियोगिता आयोजित की गई थी |
वैसे भारत में राष्ट्रपति की बात करे तो 25 जुलाई 1977 में ज्ञानी जैल सिंह ने भारत के सातवें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी |
रंगा स्वामी वेंकटरमण ने 25 जुलाई 1987 को हीं राष्ट्रपति पद पर आसीन हुए थे |
1992 में शंकर दयाल शर्मा भी नौवें राष्ट्रपति बने , वह तारीख थी 25 जुलाई और 1997 को के आर नारायणन भी इसी तारीख में भारत के दसवें राष्ट्रपति बने वहीं 25 जुलाई का इतिहास इस बात को भी याद दिलाता है और रूह काँप जाता है जब बात आती है साल 2001 की तो 25 जुलाई को हीं फूलनदेवी की नई दिल्ली में उनके सरकारी आवास पर कुछ नकाबपोश बंदूकधारियों ने उन्हें छलनी कर हत्या कर दी थी |
तारीख जो कभी हंसाता है तो कभी रुलाता है मगर यह यादगार है और इतिहास रचता है हमारे लिए , आनेवाली हर पीढ़ी के लिए ताकि लोग इसे पढ़े , समझे और तारीख को याद रखे | वक्त भले हीं गुजर जाता है मगर तारीख हमेशा जिन्दा रहता है याद बनकर तभी इसे यादगार दिवस के रूप में दुनिया मानती है | .............. ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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