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कोरोना का भयावह रूप जिसने इंसान का सुख - चैन , गति छीन लिया और लोगों को घर के चहारदीवारी में कैद होना पड़ा | फिर आया दूसरा लहर , इंसान ठीक से संभल भी नहीं पाया और जूझ गया | कितने लोगों को खोने का दर्द पूरी दुनिया भुगत चुकी है , अब तीसरी लहर जिसे ओमिक्रोन बेरियन नाम दिया गया |
हम भारत की बात करे तो इस वक्त 24 घंटे की स्थिति 1.14 लाख का आंकड़ा दर्ज करा रहा है | दुनियां की बात की जाए तो - कोरोना के तेजी से बढ़ते मामले 6 देशो में ज्यादा भयावह रूप दिखता नजर आ रहा है | अमेरिका की धरती पर सबसे ज्यादा केस फैलता नजर आ रहा है - यहाँ 7.51 लाख केस दर्ज किये गए | फ़्रांस में 2.61 लाख , इटली में 2.19 लाख , ब्रिटेन में 1.79 लाख और अर्जेंटीना के 1.9 लाख भुक्तभोगी बन चुके है |
दुनियांभर में अबतक 54.89 लाख से ज्यादा लोगों की जान भी जा चुकी है , जो एक दर्दभरा सन्देश का दस्तक दे रहा है |
अमेरिका में मौत की केस में 3% की कमी नजर आ रही है | परन्तु दुःख इस बात का है कि- हर दिन 5 लाख 85 हजार नए केस नजर के सामने दौड़ रहा है |
दुनियां में अबतक की स्थिति पर अगर नजर डाली जाए तो - संक्रमित 30 करोड़ लोग हुए , स्वस्थ हुए 25.74 करोड़ , सामने है 3.78 करोड़ और मौत के मामले में अगर नजर डाली जाए तो 54.89 लाख है |
पिछले दिनों कोरोना के बढ़ते मामले को देखकर सरकार ने और निजी संस्थान ने भी कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दी थी , जो कहीं - कहीं अबतक भी जारी है | यहाँ तक की बच्चे भी अपनी शिक्षा ऑनलाइन की और कर रहे हैं |
ओमिक्रोन बेरियेंट की स्थिति को देखते हुए कर्मचारीगण चाहते है - "वर्क फ्रॉम होम" |
दिल्ली , महाराष्ट्र , मध्यप्रदेश और पश्चिम बंगाल राज्य ने अभी से लोगों की ऐसी स्वतंत्रता जो जानलेवा है पर प्रतिबन्ध लगाने शुरू कर दिए है और लोगों से अपील की है कि - वे नियमों को सख्ती से अपनाये | बड़े शहरों से छोटे शहरों में कोरोना का प्रवेश बहुत जल्द देखा जा सकता है , जिसके अनुरूप लोगों को स्वयं पर ध्यान देना निहायत जरुरी है | सरकार का काम है नियम बनाना , मगर ! नियम पर चलना इंसान के हाथो में है |
जैसे - कर्मचारीगण की बात करे तो लगभग 63 फीसदी पुरुष और 37% महिलाएं वर्क फ्रॉम होम की इच्छा रखते हुए इसे अनिवार्य करने की अपील की है | सर्वे से यह साफ नजर आ रहा है कि - लोग घर में ज्यादा सुरक्षित महसूस कर रहे है | 3 में 2 कर्मचारी की ऐसी हीं मांग है |
तीसरी लहर का आंकड़ा और तेजी से बढ़ता दौर जाहिर कर रहा है कि - 3 माह के अन्दर आ सकती है लॉकडाउन की स्थिति , जिसकी शुरुआत हम अपनी नज़रों से देख रहे है |
हर इंसान स्वयं को और अपनो को सचेत करे और साथ हीं अपने समाज , राज्य और देश की सुरक्षा का ख्याल रखते हुए नियमों का पालन करे तो शायद लॉकडाउन की स्थिति को रोका भी जा सकता है |
याद रहे जिंदगी न मिलेगी दुबारा | बचिए और बचाइये अपने देश को / अपनी दुनियां को | .......( न्यूज़ / फीचर :- आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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