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बुधवार की शाम पकिस्तान के पंजाब राज्य के सादिकाबाद जिले में मंदिर की तोड़फोड़ का मामला सामने आया है | भोंग शरीफ गाँव के सिद्धि विनायक मंदिर में कुछ उपद्रियों ने घुसकर तोड़फोड़ की | इस घटना का विडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है | वहीं पाकिस्तान में अक्सर मंदिरों पर हमला होने की बात सामने एक सवाल छोड़ता रहा है |
बीते 4 अगस्त को भी ऐसा हीं हुआ , जब सिद्धि विनायक मंदिर में हमला हुआ , जिसमे मंदिर को नुकसान पहुंचा | वहीं भक्तगण के चेहरे पर मायूसियत और दर्द छलका |
इस हादसे के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि - उनकी सरकार मंदिर की मरम्मत कराएगी | प्रधानमंत्री इमरान खान का ट्विट जिसमे लिखा कि - रहिमन यार खान के भोंग में गणेश मंदिर पर हुए हमले की कड़ी निंदा करता हूँ | मैंने पहले हीं IG पंजाब को सभी दोषियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने के लिए कहा है | मामले में अगर पुलिस के किसी भी तरह की लापरवाही सामने आती है , तो उनके खिलाफ भी करवाई करने का निर्देश दिए गए हैं |
मंदिर में तोड़फोड़ के विरोध में गुरुवार को पकिस्तान में रहने वाले हिन्दूओं ने , रहीम यार जिले में इस घटना का विरोध प्रगट किया है और दोषियों के खिलाफ करवाई की मांग की है | वहीं भारत सरकार ने भी मंदिर पर हमले की बात से निंदा की |
मंदिर की तोड़फोड़ वाली विडियो देखने के लिए इस टाइटल पर क्लिक करे :-
भारत में विदेश मंत्रालय ने पकिस्तान उच्चायोग के एक अधिकारी को सूचित किया और इसपर कड़ी आपत्ति जताई है | पाकिस्तान के मुख्य न्यायधीश गुलजार अहमद ने गुरुवार को आदेश भी जारी किया है | मुख्य न्यायधीश को इस बात की जानकारी डॉक्टर रमेश कुमार बागवानी ने दी है | बागवानी पाकिस्तानी सांसद और पाकिस्तान हिन्दू परिषद् के संरक्षक है |
पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए पंजाब सूबे के मुख्य सचिव और इंस्पेक्टर जनरल ऑफ़ पुलिस को शुक्रवार को कोर्ट में पेश होने का हुक्म भी सुनाया है |
पाकिस्तान में आये दिन ऐसी घटनाए होती रहती है | पिछले साल दिसम्बर की बात करे तो - एक हिन्दू मंदिर में आग लगा दी गई थी | यह घटना करक जिले के टेरी गाँव की थी | यह स्थानीय मौलबी के अगुआई में मंदिर को नष्ट कर दिया था | इस मामले में कटरपंथी जमियत उल्लेमा ए इस्लाम पार्टी के नेता रहमद सलाम खट्टक सहित 30 लोगों की गिरफ़्तारी हुई थी |
एकबार फिर उसी दृश्य को पाकिस्तान में दोहराया गया है , जिसमे मंदिर में फिर से हमला बोला गया | अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है | मुस्लिमों की भीड़ ने तोड़ी है प्रतिमायें और काफी हिस्से में आग भी लगा दी | इस दौरान पुलिस मूक दर्शक बनी रही और भीड़ को नियंत्रित नहीं किया , बाद में पाकिस्तानी सेना को बुलाना पड़ा था | लाहौर से 90 किलोमीटर दूर रहीम यार खान जिले के भोंग शहर में भीड़ ने हिन्दू मंदिर पर हमला बोला | मुस्लिम मदरसे के कथित तौर पर अपमान के बाद यह हमला हुआ है | ऐसा आरोप लगाये गए कि - पिछले हफ्ते 8 साल के एक बच्चे ने मदरसे के पास पेशाब कर दिया था | जबकि यहाँ दसको से हिन्दू - मुसलमान शांति पूर्वक रहते आये हैं |
प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी "पाकिस्तान तहरीक ए इन्साफ" के सांसद डॉक्टर रमेश कुमार बागवानी ने हीं अपने ट्विट्टर पर इस घटना का विडियो शेयर किया और कानून प्रवर्तन एजेंसियों से वहां पहुंचकर मंदिर को तोड़फोड़ से बचाने की अपील भी की | उन्होंने कहा है कि - वहां की स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है , खासकर वहां की पुलिस की लापरवाही बेहद शर्मनाक है | धार्मिक सौहार्द बनाये रखना समय की जरुरत है , इसलिए चीफ जस्टिस को आगे बढ़कर इसपर करवाई करनी चाहिए |
पुलिस अधिकारीयों का कहना है कि - हिन्दू मंदिर के आसपास रेंजर्स को तैनात किया गया है | इस इलाके में लगभग 100 हिन्दू परिवार रहते है | पुलिस अधिकारी ने कहा - हमारी पहली प्राथमिकता कानून व्यवस्था को बनाये रखना है और अल्पसंख्यक समुदाय को सुरक्षा भी प्रदान करना है | खैर ..... अभी विवाद नियंत्रित है | आज कोर्ट में यह मामला तय किया जाना है |
पुलिस का दावा है कि - मुस्लिम मदरसे के कथित तौर पर अपमान के बाद यह हमला हुआ है |
बात मंदिर / मस्जिद / गुरुद्वारा या चर्च का हो , यह स्थान पवित्र माना गया है | जिसके साथ छेड़छाड़ करना इंसानियत को शर्मिंदा करता है | मदरसे पर किसी बच्चे का पेशाब कर देना , यह शर्मनाक जरुर है और उचित भी नहीं | परन्तु गौर करने की बात है - बच्चे का कोई मजहब नहीं होता , बच्चा तो स्वयं एक आस्था / विश्वास और पॉवर का एक रूप माना गया है , जिसे हिन्दू मजहब में भी बच्चों को भगवान के रूप में माना गया है | तो किसी बच्चे के पेशाब कर देने मात्र से मंदिरों की तोड़फोड़ कर देना और अपने हीं मुल्क में क्षति पहुँचाना , कितनी बुद्धिमानी है ?
पाकिस्तान में हिन्दू है तो मंदिर है , हिन्दुस्तान में मुस्लिम है तो मस्जिद है , जहाँ अधिकांशतः हिन्दुओं को भी जाते हुए देखा गया है और अपनी आस्था व भावना को ठीक उतने हीं पाक होकर इस स्थल पर पहुंचाते हैं | कहीं भी अंतर नहीं करते हिन्दू , मंदिर और मजार में , क्यूंकि दोनों की उंचाई बराबर है |
कहा गया है - ईश्वर और अल्लाह दोनों एक हीं है , वहां अंतर नहीं | फिर इस धरती पर इंसानी फिदरत क्यूँ उस पॉवर में अपना पॉवर और आक्रोश दिखलाते हुए , ऐसी हड़कते करके लड़ाई को हद से आगे बढाते हैं ? उन्हें अपने मन से सोंचना पड़ेगा कि - एक बच्चे की गलती से बड़े के द्वारा जो कदम उठाया गया है , वो कितना उचित था ? इंसान को तो दुःख पहुंचाया हीं है , साथ हीं अपने मुल्क को भी बदनाम किया और दावे के साथ ऐसा कहा जा सकता है कि - पाकिस्तान में रहने वाले मुस्लिम भाई - बहन को भी यह आतंक रास नहीं आई होगी | वे भी अपमानित महसूस कर रहे होंगे |
साथ हीं पकिस्तान के प्रधानमंत्री को भी आतंकियों के हड़कतों से बदनामी व कलंक झेलना पड़ गया | सभी को यह सोंचना जरुरी है - चाहे वह किसी भी मुल्क के हो ! कि देश का एक नागरिक का कदम लड़खड़ाता है तो बदनामी सीधा देश पर पड़ता है | वहीं देश का एक व्यक्ति पुरस्कार पाता है तो पूरा देश गौरवान्वित महसूस करता है | अब सोंचना सब को है कि - देश को शर्मसार किया जाए या गौरवान्वित , दोनों अपने हाथ में है | ..... ( न्यूज़ / फीचर :- आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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