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फिल्म की बात अगर छोड़ दे तो सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर शायद ऐसा पहली बार हुआ है , जब किसी महिला ने बेबी के जन्म लेने का विडियो शूट कर उसे सार्वजनिक किया है |
इस विडियो को बहुत सारे यूजर्स ने पसंद किया है तो वहीं बहुत सारे यूजर्स ने नापसंद किया और अपनी नाकारात्मक टिप्पणी परोस रहे हैं | साथ हीं विडियो बनाने वाले को इस दृश्य को दिखाए जाने का हर्जाना भुगतने के लिए उन्हें जान से मारने की धमकी भी मिल रही है | क्यूंकि यूजर्स की तरफ से अगर बोला जाए कि - एक कीड़ा पुरे घड़े की पानी को गन्दा कर देता है तो शायद अतिश्योक्ति न होगा |
क्यूंकि खुलापन की सीमा पार कर संस्कृति की धज्जी उखाड़ फेकना सभी को रास नहीं आता | संस्कृति की धज्जी जड़ से उखाड़ फेकने वाली का नाम है - इमोजेन हॉटर्न , इनकी उम्र 28 वर्ष है और ये ब्रिटेन की रहने वाली है | सोशल मीडिया पर फेमस चेहरे में से एक चेहरा इनका भी है | ये फैशन और ब्यूटी ब्लॉगर है |
सोशल मीडिया पर बेबी के जन्म देने की विडियो इन्होने स्वयं की डाली है जिसमे ये एक बच्ची को जन्म दे रही है | इस बच्ची के जन्म को उन्होंने अपने 425000 YouTube सब्सक्राइबर को दिखाया है | अब जब उन्हें नकारात्मक प्रतिक्रिया मिली और वहीं जान से मारने की धमकी भी मिली तो उनका कहना है कि - मुझे इया घटना को फिल्माने का कोई पछतावा नहीं है | इन्होने अपनी बेटी का नाम रेनेलिया रखा है और रेनेलिया के जन्म को फिल्माते हुए इन्होने सार्वजनिक कर दिया और कहती है "उनके लिए कोई बड़ी बात नहीं" | क्यूंकि वे हमेशा कैमरे के सामने रही है और उन्हें परफोर्मेंस करना पसंद है , इसलिए डिलेवरी का भी विडियो उनकी पसंद थी |
डिलेवरी के वक्त उनके पति भी उनके साथ मौजूद थे और डिलेवरी का विडियो पति ने हीं अपनी सहमती जताते हुए शूट किया | परन्तु पति ने दायरे की बात कही थी |
अब सवाल है कि - इस विडियो में दायरा होता तो इन्हें लोगो की नकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं झेलनी पड़ती और न हीं इन्हें जान से मारने की धमकी मिलती |
सोशल मीडिया - अच्छे सन्देश , नई सोंच , जानकारी और अपनी भावना को एक दूसरे से शेयर करने के लिए इजात किया गया था | परन्तु हर इजात के पीछे दो कारण का लगना सत्य है | कहीं अच्छाई पर बुराई हावी होता है तो कहीं बुराई पर अच्छाई भारी पड़ जाता है और इनदोनो के बीच पिस जाता है अपनी संस्कृति को सजाये रखने वाला इंसान |
इतना खुलापन भरा विडियो को इमोजन हॉटर्न दुनियां के सामने परोस देंगी , यह बाते जरुरी नहीं की सभी को ठीक लगे | इन्होने शायद थ्री इडियट्स या ऐसी हीं फिल्मे देखी होंगी और इनकी मंशा रही होगी सिर्फ चर्चित हो जाने का , इसलिए इन्होने अपनी अन्दुरुनी बाते जिसे गुप्त रखा जाता है उसे सार्वजनिक किया और फिल्म थ्री इडियट्स की जहाँ तक बात है तो इस फिल्म में दिखाए गए डिलेवरी को समझना इमोजन हॉटर्न जैसी महिला को समझना बहुत दूर की बात होगी |
इन्होने कहा है कि - आगे चलकर अगर ये विडियो मेरी बेटी को पसंद नहीं आया तो वो इस विडियो को हटा देंगी | मगर यूजर्स के नापसंद करने का इनपर कोई असर नहीं पड़ने वाला |
2019 में इनकी शादी हुई थी जिसे इन्होने लाइव फिल्माया था | साथ हीं इन्होने अपने पति के अंदरूनी संबंधो में सवाल जवाब को भी Youtube पर लाइव किया था |
खुलने का शौक है तो खुल जाइए , अब खुलने को बाकी बचा हीं क्या है ? परन्तु दुःख इस बात का है कि इनके जैसी खुले विचार वाली आधुनिकता की दौर में बह रहे इंसान के साथ ऐसे सभी मैसेज दुनियां तक पहुँच जाता है , जहाँ इसे अच्छा नहीं माना जाएगा | इसे हम इनकी नादानी कहे या फिर स्वतंत्रता की सीमा रेखा का पार हो जाना ! परन्तु कौन समझाए इन्हें - ड्राइंगरूम और बेडरूम का अंतर | इनके लिए दोनों का एक होना हीं स्वतंत्रता का नाम है | अब तो कुछ बाकी भी नहीं रहा इन्हें दिखाने के लिए |
अब इसके साथ हम आपको एक अहम् जानकारी दे रहे है जो बहुत कम लोगो को पता है | ये महिला ब्रिटेन की रहने वाली है और ब्रिटेन के हार्टफोर्डशायर में एक गाँव है जिसका नाम स्पीलप्लाटज़ है | 85 सालो से इस गाँव के लोग कपड़े नहीं पहनते जबकि गाँव के लोग पूर्णरूप से शिक्षित है | इनके पास किसी चीज की कमी नहीं ये संपन्न है , बावजूद बच्चे , बूढ़े महिला और पुरुष सभी बिना कपड़े के हीं रहते है | यह विश्वास करने की बात नहीं है , परन्तु यह सत्य है |
जानकारी के आधार पर हम आपको बता दे कि - इस गाँव की खोज इसुल्ट रिचर्डसन ने 1929 में की थी | खोज के बाद उन्होंने फैसला किया कि - चकाचौंध की दुनियां से दूर इसी गाँव में अपना जीवन बिताएंगे | इस गाँव में स्विमिंग पूल , क्लब और पब की भी व्यवस्था है | इस गाँव को देखने बहुत दूर दूर से लोग आते है लेकिन उन्हें भी इस नियमो का पालन करना पड़ता है |
कई सामाजिक संस्था ने इसका विरोध किया , लेकिन सभी के कदम ठहर गए और इस नियम को बदला नहीं जा सका | इस फीचर के विस्तार के विषय में हम आगे काफी कुछ बतायेंगे | फिलहाल हमारा मुद्दा था डिलेवरी को सार्वजनिक करने का |
अब चलते चलते इतना कहना शायद सही होगा कि -
जहाँ से हम चले थे , कहीं वहीं न आकर ठहराना पड़ जाए | यानी आरंभिक दौर में
लोगो के पास ज्ञान नहीं था | आज की तारीख में भी लोग क्यूँ स्वयं को बिना
वस्त्र के रहना मंजूरी देते है ! ........ ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या
, एम० नूपुर की कलम से )
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