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मुंबई के घाटकोपर इलाके में कई जगहों पर राजहंस पक्षी मृत पाए गए | जानकारी के आधार पर मुंबई में अमीरात विमान की चपेट में आने से लगभग 40 राजहंस की मौत हो गई | मृत पक्षियों को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया गया है |
वाइल्ड लाइफ संरक्षण को कुछ स्थानों पर पक्षियों के मृत पाए जाने की सूचना फ़ोन पर मिली थी | सूचना मिलते हीं उनकी टीम रात में हीं घाटकोपर इलाके में चारो तरफ उनके मृत शरीर के टुकड़ो को खोजना आरंभ किया | इलाके में चारो तरफ इनके टूटे हुए पंख , पंजे और चोंच के टुकड़े बिखरे मिले |
पक्षियों की मौत किस कारण से हुई , यह आश्चर्य का विषय था इसलिए इन्हें पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है |
BMC ने विमान सुरक्षित लैंड होने की जानकारी देते हुए पक्षियों के ह्रास व इस कदर हुई बेरहमी से हुई मौत पर दुःख प्रगट किया |
इंसान हो या कोई पशु - पक्षी / जानवर , सभी के अन्दर जान है और जहाँ जान है वहां दर्द होना स्वाभाविक है | किसी भी शरीर का इस कदर टुकड़ो में विभाजित होना , कितना दर्द दिया होगा महसूस करने की बात है !
इस सूचना को लिखते हुए मेरा मन / दिल भी काँप उठा और रोंगटे खड़े हो गए जो काफी दुःख दिया | यह घटना सोमवार की है जब रात के समय घाटकोपर में पंतनगर के लक्ष्मी नगर इलाके में अमीरात की एक विमान EK 508 रात 9:18 बजे लैंडिंग से पूर्व इनसे टकरा गई | विमान में थोड़ी क्षति हुई मगर लैंडिंग में रुकावट व परेशानी नहीं हुआ | किसी भी पैसेंजर्स के नुकसान होने की सूचना नहीं है |
सोमवार की रात कुछ शव पाए गए , वहीं मंगलवार की सुबह भी शव को एकत्रित किया गया | मुंबई और नवी मुंबई के किनारे वेटलैंड्स राजहंस का प्रसिद्ध इलाका / निवास स्थान है जहाँ ये पक्षी लाखो की संख्या में हर साल प्रवास करते है | दिसंबर से इनका आगमन आरम्भ होता है , अप्रैल / मई के बाद इनकी वापसी | इन्हें झुण्ड में देखने दूर - दूर से लोग आते है , खासकर अपने बच्चो को लेकर |
इससे पूर्व भी अप्रैल में कई राजहंस की मौत हुई | ऊँची इमारतों से निकलनेवाली चमकदार रौशनी , पक्षियों को अपनी तरफ आकर्षित करती है | इस घटना के बाद महाराष्ट्र के शहर और उद्योगिक विकास निगम द्वारा साइन बोर्ड हटा दिया गया था |
राजहंस एक सुन्दर लम्बी गर्दन नुकीली मजबूत शरीर वाला पक्षी है | इनके पैर की उंगलियों में एक झिल्ली होता है जिसका उपयोग ये तैराकी के लिए करते हैं | कुछ के चोंच बड़ी और चपटी होती है | कई प्रजातियाँ अपनी चोंच के रंग भी बदलते हैं | इनके दांत नहीं होते परन्तु चोंच में हीं आरी जैसा किनारा होता है | ये पूर्णरूप से शाकाहारी होते है | इनमे बहुत सारी खासियत है जिसका विस्तार हम अगले फीचर में देंगे |
फ़िलहाल इस दुखद घटना से हम सभी दुखी है , इनकी उड़ान ने हीं इनके उड़ने की क्षमता को विछिप्त कर मौत के आगोश में सुला लिया | ........ ( न्यूज़ / फीचर :- भव्याश्री डेस्क )
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