Mai Kaun Hun Hindi Poem by M. Noopur | हिंदी कविता "मै कौन हूँ" ?
- by Admin (News)
- Nov 29, 2022
अक्सर लोग मुझसे पूछते है
मै कौन हूँ ?
मैंने कहा - एक भारतीय हूँ |
लोग संतुष्ट नहीं हुए
मै बहुत परेशान हो गई
मैने स्वयं से पूछा -
इसी खोज में वर्षो निकल गए हमारे
लोग मिलते रहे , बिछरते रहे
मगर खोज की आंधियां नहीं थमी
मै उनसे संतुष्ट नहीं , वो मुझसे संतुष्ट नहीं
मै फिसलती रही हर घरी पड़ाव पर चढ़ने से पहले
और अनमोल वक्त निकलते चले गए
जहाँ मै कितनो की मदद कर पाती
उनकी , कुछ अपनी चाहतो को पूरी कर पाती
आज फिर एक बार किसी ने पूछा लिया
मै कौन हूँ ?
एक बार फिर मै स्वयं में स्वयं को ढूंढने लगी
इसी खोज में मैंने वर्षो गुजार दिया
अब जवाब मेरे पास है
इस सवाल का हल मेरे सारथी ने संवार दिया
मै एक संजीवनी हूँ
मै में , लोगो की जिंदगी में रौशनी भरने की क्षमता मौजूद है
मेरा हूनर उन्हें तपाकर उन्हें पारस बना सकता है
मै संतुष्ट हूँ मगर फिर एक उलझन तब सामने खड़ा हुआ
जब एक न्यूज़ पढ़ा
आज एयरफोर्स के एक ऑडिटर ऑफिसर का क़त्ल उनके बेटे ने कर दिया
उस वक्त तक उनसे किसी ने नहीं पूछा कि वह कौन है ?
एक पिता अपने पुत्र से नहीं पूछा और पालता चला गया
एक माँ ने नही पूछा और जन्म दे दिया
भारत ने या संसार ने कभी किसी से पूछा ही नहीं
आपके घर में जो पल रहा है
उनपर उनकी नजर क्यूँ नहीं पड़ती कि वह कौन है ?
कई घरो में पल रहा तालिबान है
लोग खामोश है .......... शेष जल्द अपडेट हो रहा है |

रिपोर्टर
Admin (News)