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बीते शनिवार को शाहजहांपुर में एक महिला को पति की हत्या करने के आरोप में फांसी की सजा सुनाई गई साथ हीं 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया वहीं महिला का प्रेमी भी चपेट में गिरा और मिली उम्र कैद की सजा साथ हीं 3 लाख रुपये का जुर्माना भी इन्हें भरना पड़ेगा |
यह केस 2016 का है जिसमे आरोपी महिला ने अपने बचाव में एक के बाद एक के बाद एक 22 वकील बदले | अन्तोगत्वा सच सामने आया , सूर्य की रौशनी के नीचे से बादल छट गया और NRI पत्नी रमणदीप कौर को अपर सत्र न्यायधीश पंकज कुमार श्रीवास्तव ने फांसी की सजा सूना दी |
शादी का बंधन कितना कमजोर पड़ा जहाँ अपने हीं हाथ मांग की सिन्दूर उजाड़ बैठी और मृग मरीचिका की खोज में स्वार्थ में संलिप्त आगे बढ़ती चली गई और कहीं किनारा न मिला |
1 सितम्बर 2016 रमनदीप कौर के पति सुखदीप सिंह के लिए काली भयावह रात बनी और इस प्रलय में एक बूढी माँ का सहारा छीन गया | सुखदीप सिंह एकलौते बेटे थे |
हम पिछला पन्ना पलट दे तो - सुखदीप सिंह उत्तरप्रदेश के रहने वाले थे | वे इंग्लैण्ड अपनी बहन के यहाँ कार्य की खोज में गए और वहीं ट्रक ड्राइविंग की नौकरी करने लगे |
इनकी मुलाक़ात इंग्लैण्ड में पैदा ली रमनदीप कौर से हुई | मुलाक़ात दोस्ती में बदली , प्यार हुआ फिर दोनों ने शादी कर ली | रमनदीप के परिवार वाले इस विवाह से खुश नहीं थे | शादी के बाद दोनों दुबई घूमने गए जहाँ गुरुप्रीत सिंह उर्फ़ मिठ्ठू से मुलाक़ात किया | करीब छे / सात दिन वे एक दूसरे से मिलते रहे इसी बीच रमनदीप कौर और गुरुप्रीत सिंह एक दूसरे के पास आ चुके थे | गुरुप्रीत सिंह का अक्सर लन्दन आना - जाना होता रहा जिसके बाद रमनदीप कौर से मुलाक़ात बढ़ती चली गई |
दोस्ती इतनी बढ़ी जिसके बाद शक का घेरा आगे बढ़ा और सुखदीप सिंह अपनी पत्नी रमनदीप कौर पर नजर रखनी शुरू कर दी | रमनदीप कौर शक की बात महसूस कर सारी बातें गुरुप्रीत सिंह की बता दी और कहा - कुछ दिन हम एक - दूसरे से दूर रहेंगे | मामला धीरे - धीरे शांत हो गया , इस बीच गुरुप्रीत इंग्लैण्ड आकर रमनदीप कौर से मिला और साजिश रचकर दुबई लौट गया |
कुछ दिन बाद पत्नी ने पति से कहा - दुबई घूमने चले | सुखदीप सिंह पत्नी की ख़ुशी की खातिर दुबई के लिए निकल गए | दुबई के जिस होटल में ये दोनों रुके थे वहां गुरुप्रीत सिंह का आना जाना लगा रहा | इसलिए सभी सामान्य था क्यूंकि गुरुप्रीत सिंह और सुखदीप सिंह दोनों बचपन के दोस्त थे |
इसीबीच गुरुप्रीत और सुखदीप दोनों 15 दिन के लिए भारत आने का प्लान बना लिए | चुनिन्दा जगहों पर घूमने के बाद सुखदीप सिंह अपने घर पहुंचे और गुरुप्रीत सिंह अपने घर मगर मिलना होता रहा |
अब गुरुप्रीत दुबई लौटने वाला था | सुखदीप स्वयं ड्राइव करके अपनी पत्नी के साथ उसे एयरपोर्ट पहुंचाया | लौटते वक़्त गाड़ी सुनसान जगह से होते हुए आगे बढ़ हीं रही थी कि साइड में बैठी रमनदीप कौर ने उनपर चाक़ू से वार किया | सुखदीप थोड़े जख्मी हुए मगर अपनी ताकत से बचाव कर लिया | पुनः मगरमच्छी आंसू गिराकर रमनदीप कौर ने अपने पति से माफ़ी मांग ली फिर दोनों घर पहुंचे | सुखदीप सिंह ने अपने जख्म पोछे और उपचार कर बेडरूम में चले गए |
किसी से भी रास्ते में घटी घटना का जिक्र नहीं किया मगर काल तो उनके सर पर मंडरा रहा था इसलिए की छत पर गुरुप्रीत सिंह आधी रात होने का इंतज़ार कर रहा था | वह तो एयरपोर्ट दिखावे के लिए गया था , उसे मालुम था कि रास्ते में गर ढंग से वार नहीं हुई तो वह बच जाएगा फिर उसे घर पर मारेंगे |
रात हुई , पत्नी ने बिरियानी बनाई और बिरियानी में हीं नशीली दवा मिला दी | दो कुत्ते के साथ घर के सभी सदस्य बेहोश हुए सिर्फ बड़ा बेटा खाना नहीं खाया था सो जगा रह गया | कभी - कभी वक़्त इंसान के न्याय में साथ दे देता है जिससे सबूत पापी के पाप को घेरकर साक्ष्य प्रस्तुत कर देता है |
सुबह हुआ , पत्नी चिल्लाई , परिवार के सभी सदस्य ऊपर उनके कमरे में पहुंचे जहाँ वह मृत पड़े थे | सड़क पर भीड़ लगी , मौके पर पुलिस भी पहुंची | पत्नी ने कहा - कुछ बदमाश घर में घुंसकर पति को जान से मार दिया | भीड़ का विडियो पत्नी बना रही थी तभी कुछ लोगो ने पुलिस वालो से कहा - इनके साथ विदेश से एक दोस्त भी आया था जो अब नजर नहीं आ रहा है |
पुलिस ने शक के आधार पर पत्नी को हिरासत में लिया और पूछताछ जारी की | इस महिला ने पहले तो पुलिस को बातो में खूब घुमाया फिर पुलिस की सख्ती में सहमी हुई सारी बाते उगलकर सामने रख दिया |
भारत आकर पति की हत्या क्यूँ ?
तो रमनदीप कौर ने कहा - भारत का कानून ढीला है इसलिए हत्या भारत में हीं की जाए , मैंने सोंचा था और फिर प्रेमी के साथ दोनों इंग्लैण्ड चले जाते | इस बीच गुरुप्रीत दिल्ली जा चूका था पुलिस ने उसे भी हिरासत में लिया |
वर्षो केस चली , 16 गवाह आदालत में पेस किये गए जिसमे रमनदीप कौर का एक बड़ा लड़का भी था जिसने आँखों से देखा था - अपनी माँ को प्रेमी के साथ मिलकर पिता की हत्या करते हुए | 9 साल के इस बेटे ने आदालत को बाताया कि आधी रात को मेरी मम्मा ने अंकल को कहा - फिनिश कर दो और फिर वह पापा का मुंह तकिये से ढककर सीने पर बैठ गई | अंकल के हाथ में हथौड़ा था , उन्होंने बड़ी तेजी से दो हथौड़ा पापा के सर पर मारा | पापा बेहोश हो गए , मम्मा ने कहा - यह अभी मरा नहीं और हाथ में रखी चाक़ू से पापा का गर्दन काट दिया |
सुखदीप सिंह लहुलुहान हुए , असहाय मासूम बेटा आँखों से देखता रहा मगर यहीं मासूम आँखों ने अपनी माँ को दिला दी फांसी की सजा | आदालत ने गवाह और वकील अशोक कुमार के तर्क को सही मानते हुए रमनदीप कौर को फांसी की सजा और गुरुप्रीत सिंह उर्फ़ मिठ्ठू को उम्रकैद की सजा सुना दी |
अब इस बात को भी हम स्पष्ट कर दे - रमनदीप कौर ने पुलिस को बताया कि पति का दाढ़ी रखना उसे पसंद नहीं था |
बूढी माँ ने कहा - हमें न्यायालय पर भरोषा था , देर हीं सही हमे न्याय मिल गया |
बहन ने कहा - भाई लौटकर नहीं आयेंगे मगर उन्हें न्याय मिला यह मेरे लिए मन की शांति की बात है |
एक फलता फूलता परिवार की बहू अपनी निम्न सोंच और स्वार्थ , साजिश के घेरे में आकर स्वयं की जिंदगी को श्मशान बना दिया और बच्चो की जिंदगी वीरान | अब सारे फूल बिखर गए बगान के वहां खुशबू की जगह पतझड़ ने रूप ले लिए और हांसिल कुछ भी नहीं हुआ | प्यार करने वाला जिंदादिल पति की हत्या कर खुद कलंकित हुई | विवाह जैसे पवित्र बंधन को दागदार किया और दोस्ती को भी कलंकित करने से चुकी नहीं | किसी को कुछ नहीं मिला , सभी के हाथ खाली रह गए | दो मासूम बच्चा नफ़रत की आग में सदैव जलता रहेगा | माँ ऐसी होती है ! यह विश्वास मन में बिठाकर जीता रहेगा |
गलत करने और साजिश रचने से पहले ठहरिये , जो जिंदगी मिली है उसे हीं संवारिये | टूटे हुए तारे को लूटने मत भागिए , वह हाथ नहीं लगेगा आप गिर जायेंगे | ........... ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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