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अमेरिका के सुप्रीमकोर्ट ने 50 साल पुराना फैसला को पलट दिया , यह मामला गर्भपात से जुड़ा है |
अदालत ने महिलाओं को 1973 में "रो बनाम वेड" मामले में मिली गर्भपात की संवैधानिक सुरक्षा ख़त्म कर दी है | इस फैसले के बाद देश की जनता दो हिस्से में बंट गई है | एक हिस्सा इसे एतिहासिक निर्णय बताते हुए स्वागत कर रही है तो वहीं दूसरा हिस्सा इसे स्वीकार नहीं कर पा रहा है |
1973 में "रो बनाम वेड" फैसले के बाद लीगल रूप से अमेरिका में लगभग 5 करोड़ महिला ने गर्भपात कराया था |
आखिर "रो बनाम वेड" क्या है ?
तो जानकारी के आधार पर - नोर्मा मैककॉर्बी एक महिला है जिन्हें लोग जेन रो के नाम से जानते हैं , इन्होने 1969 में गर्भपात को लीगल करने की लड़ाई लड़ी थी | नोर्मा ने राज्य के उस कानून को अपने तर्क के सामने चुनौती दे दिया जो गर्भपात को अवैध मानते थे | मामला सुप्रीमकोर्ट पहुंचा और अमेरिकी कोर्ट ने उनके तर्क पर उनके पक्ष में स्वीकृति की मोहर लगा दी |
इस याचिका में सरकारी वकील हेनरी वेड ने विरोध भरा तर्क दिया था , इसलिए इसे "रो बनाम वेड" से जाने जाना लगा |
अमेरिका के सुप्रीमकोर्ट का यह फैसला जैसे हीं सामने आया अमेरिका के घर - घर में जेन रो की शोहरत गूंजने लगी |
फोटो :- दैनिक भास्कर के सौजन्य से
जेन रो का जन्म 22 सितम्बर 1947 को हुआ | 13 वर्ष की अवस्था में पहुंची तो इनकी माँ - पिता ने तलाक ले लिया | दुःख से भरे इस कठिन पल में लोगो ने इनके घर में रौशनी के लिए दीपक जैसे चिराग भी जलता हुआ छोड़ना मुनासिब नहीं समझा और इनके चचेरे मामा ने 15 वर्ष की हीं मासूम उम्र में इन्हें बंधक बनाकर 3 हफ्तों तक इनके साथ जघन्य अपराध कर रिश्तो को शर्मसार कर दिया |
15 वर्ष की इस अबोध बच्ची को अपनी जिंदगी अँधेरे में गुम होती दिखाई पड़ी जिसके बाद उन्होंने 16 वर्ष की उम्र में उन्होंने के तलाकशुदा व्यक्ति से विवाह कर लिया | यह विवाह का फैसला भी बहुत दर्द भरा था जिस दर्द को उन्होंने जीया | अधेर उम्र , शादीशुदा व्यक्ति हर दिन नोर्मा के संग मारपीट करता | पीड़ा से तंग होकर वह अपने माँ के पास वापस लौट आई |
पहला बच्चा ने जन्म लिया तो उनकी आदत ड्रग्स लेने की पड़ी फिर दूसरा बच्चा हुआ | तीसरी बार जब वह 21 साल की थी तो माँ बनी , अब वे गर्भपात करना चाहा | पहले उन्होंने गैंगरेप का झूठा दावा पेस किया | इस तर्क में वे असफल होकर स्वयं को अविवाहित और बेरोजगार होने का गर्भपात करने की याचिका दायर की , बावजूद उन्होंने तीसरी बच्चो का जन्म दिया |
अपनी इस बातो को उन्होंने वकील लिंडा और सारा वेडिग्टन के पास रखा | इन दोनों वकील को ऐसी हीं महिला की तलाश थी , दोनों की मुलाक़ात रंग लाई और 1973 में अमेरिका के सुप्रीमकोर्ट ने मामले में फैसला देते हुए कहा कि - गर्भपात करने न करने का अधिकार महिलाओं के पास है |इसके बाद अमेरिका की महिलायें गर्भपात कराने के लिए स्वतंत्र हो गई |
रो बनाम वेड केस में इन्होने एक साक्षात्कार में कहा था कि - मै किसी भी हालत में गर्भपात में विश्वास नहीं रखती | मै सौ फीसदी जीवन की पक्षदार हूँ , इतना तक की अगर महिलाओं के साथ रेप होता है तो भी वो बच्चो को मार नहीं सकती |
नोर्का ने 1998 में अपने द्वारा दिए गए एक साक्षात्कार में कहा था कि - मेरे वकील ने मेरा इस्तेमाल किया |
अब यह बात एक बार फिर गहरा गया जब 50 साल पुराने फैसले को 2 दिन पहले अमेरिका के सुप्रीमकोर्ट ने पलट दिया और महिलाओं से गर्भपात के अधिकार छीन लिए | ........ ( न्यूज़ / फीचर :- भव्याश्री डेस्क )
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