Breaking News
भारतीय जनता पार्टी के 15 नेता व कार्यकर्ताओं ने इस्तीफा दिया | साथ हीं उनके बीच तना - तनी का मामला आमने - सामने है | कारण की फिल्म मेकर पर राज्यद्रोह का केस दर्ज किये जाने पर , इनके मन में उबलता आक्रोश , सैलाब का रूप लेकर , बीजेपी को दर किनार कर दिया |
बात लक्षदीप की है , जहाँ भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष सी० अब्दुल खादर हाजी की शिकायत पर आयशा सुल्ताना के खिलाफ केस दर्ज किया गया | भाजपा के 12 नेताओं व कार्यकर्ताओं द्वारा किये गए हस्ताक्षर की कॉपी (ख़त) अब्दुल खादर हाजी को भेजा गया है | इस पत्र में लिखा गया है कि - लक्षदीप में भाजपा इस बात से पूरी तरह वाकिफ है कि , कैसे वर्तमान प्रशासक पटेल की हरकते जनविरोधी , लोकतंत्र विरोधी होने के कारण लोग इससे बहुत परेशान है |
भाजपा के राज्य सचिव अब्दुल हामिद मुल्लीपूरा सहित अन्य सदस्यों में वक्फ बोर्ड के सदस्य उन्मूल कुलुस पुथियापुरा , चेतलाट इकाई के सचिव जाबिर सहीहथ मंजिल , खादी बोर्ड के सदस्य उम्मुल कुलुस और पार्टी कार्यकर्ता शामिल है | इन सभी नेताओं ने आयशा सुल्ताना का समर्थन करते हुए लिखा - दूसरों की तरह आयशा ने भी मीडिया में अपनी राय साझा की |
सबसे पहले , आयशा सुल्ताना कौन है , यह जानना जरुरी है ?
तो आयशा सुल्ताना लक्षदीप के चेटियाथ द्वीप की निवासी है | साथ हीं मॉडल , अभिनेत्री और फिल्म मेकर भी है | मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में कई डायरेक्टर्स के साथ इन्होने काम किया है और फेसबुक पर इनके 1.1 मिलियन फ्लोवर्स भी है | ये लक्षदीप की पहली महिला फिल्मकार है |
बीते शुक्रवार को कावारत्ति पुलिस स्टेशन में , इनपर राज्यद्रोह का मामला दर्ज किया गया | क्यूंकि एक टीवी बहश के दौरान आयशा सुल्ताना ने एक मलयालम चैनल पर बहस में कहा था कि - लक्षदीप में Covid-19 का एक भी मामला नहीं था , लेकिन अब रोजाना 100 मामले आ रहे है | आयशा ने लक्षदीप के प्रशासक प्रफुल्ल पटेल का फैसला और कोरोना के बढ़ते मामले के लिए उनकी आलोचना की थी |
अब्दुल खादर ने आयशा सुल्ताना पर आरोप जड़ा था कि - उन्होंने मलयालम चैनल पर , बहस के दौरान केंद्रशासित प्रदेश में कोरोना को लेकर झूठी खबर का प्रसार किया था | उन्होंने कहा था कि - लक्षदीप में कोरोना के प्रसार के लिए , जैविक हथियारों का इस्तेमाल किया गया | अब्दुल खादर ने कहा - सुल्ताना राष्ट्र विरोधी है , उनके ब्यान से केंद्र सरकार की देशभक्ति की छवि को नुकसान पहुंचा है | इसी मुद्दे को लेकर उनपर धारा 124A और 153B के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है |
वहीं भाजपा के राज्य सचिव अब्दुल हामिद ने कहा कि - आपने झूठी व अनुचित शिकायत दर्ज की है | थाने में आपकी शिकायत के आधार पर , आयशा सुल्ताना के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है , जो उनके इमेज को खराब करती है | हम इसपर कड़ी आपत्ति जताते है , यह कहते हुए उन्होंने अपना इस्ताफा सौंप दिया |
जहाँ तक केंद्र सरकार पर आरोप लगाने की बात है और इसके तहत आयशा सुल्ताना पर केस दर्ज की गई | तो इस बात का खंडन होना चहिये कि क्या वाकई में लक्षदीप में कोरोना के एक भी मरीज नहीं थे | अगर नहीं थे और अचानक 100 केस प्रतिदिन आने लगे तो , किसी को भी इसपर संदेह हो सकता है | इस प्रश्न पे अंकुश न लगाकर इसका विस्तार होना निहायत जरुरी था |
ऐसे हीं भारत के नागरिकों पर , सच या प्रश्न पूछने पर केस होता रहा , तो इससे सरकार की व्यवस्था भी डगमगाती है | ऐसे में सभी पर केस दर्ज किया गया तो , विपक्षी पार्टी के एक भी नेता या सदस्य वंचित नहीं रहेंगे , जिन पर केस दर्ज न किया जाए | आये दिन विपक्षी पार्टी सैकड़ों सवाल करते है - केंद्र से और केंद्र या बीजेपी के नेतागण बखूबी उसका जवाब भी देते है | तो भारत तो एक स्वतंत्र देश है , जहाँ सबको बोलने की स्वतंत्रता दी गई है और बोलना अपराध में नहीं आता | तो फिर ऐसे में , एक भारतीय महिला पर , केस दर्ज करना कितना उचित है ? क्या यह निंदनीय नहीं !
केंद्र इस बात की जाँच करे और आयशा सुल्ताना की कही गई बातों को स्पष्ट रूप से समझे और उसका विस्तार भारतवर्ष को दें | अन्यथा ऐसे हीं नेतागण आक्रोशित होते रहेंगे तो , अपने हीं खेमे से उनका घर डगमगा जाएगा | घर किसी का हो , लेकिन टूटता हुआ , घर क्लेश का अभाष दे रहा है | ........ ( न्यूज़ / फीचर ;- भव्याश्री डेस्क )
रिपोर्टर