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आज वैश्य सेरोमनी बृज बिहारी प्रसाद की 24 वीं पुण्यतिथि मनाई जा रही है | ये बिहार सरकार में कई बार कैबिनेट मंत्री पद पर आसीन रहे | वहीं वैश्य समाज सहित पिछड़े वर्गों की आवाज बनकर उन्हें न्याय दिलाने का काम किया | बच्चो को बुलंदी पर पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास किया ताकि आनेवाले कल में भारत की गति सुदृढ़ हो |
बृज बिहारी प्रसाद बिहार के लिए वो नाम है जो सदैव जिन्दा रहेगा | ये मजहब , जातिप्रथा , अमीर - गरीब में कोई अंतर न रखते हुए सिर्फ न्याय के लिए कदम बढ़ाते रहे | उदास मन से आये हुए लोगो को सदैव इनके आवास से मुस्कुराते हुए निकलते देखा गया | सभी की मांग समय व जरुरत के हिसाब से पूरी होती रही |
आज यह नेता इस दुनियां में नहीं फिर भी इनकी लोकप्रियता इस बात का सबूत है कि - आज इनकी पुण्यतिथि बिहार के कोने कोने में मनाई जा रही है | इन्हें इस दुनियां से विदा हुए 24 साल बीत गए , मगर ऐसा लगता है जैसे कल की बात है , क्यूंकि लोग अभी तक इन्हें भुला हीं नहीं पाए | ऐसे लोग इस दुनियां से चले जाते है मगर जनता के दिलो में वो सदैव जीवित रहते है एक याद बनकर , प्यार बनकर , विश्वास बनकर |
मंत्री महोदय बहुत हीं चुलबुले प्रवृति के इंसान थे , बच्चो के साथ बच्चा बन जाना उन्हें खूब आता था | देर नहीं लगती थी किसी रूठे को मनाने में , बिगड़े को संभालने में |
कैबिनेट मंत्री पद पर आसीन उनकी छवि निराली थी | कई बार ऐसा देखा गया कि वे खाते हुए भी रुक जाते , जबतक की सामने खड़े व्यक्ति को कुर्सी न मिल जाती बैठने के लिए और उनके स्वागत में नाश्ता व मिठाई न आ जाता , तबतक उनकी थाली भी इंतज़ार में बाट जोहता | ऐसी छवि को प्यार से भरा समुन्द्र कहा जाए तो शायद कोई अतिश्योक्ति न होगा | व्यक्तित्व में घमंड का नामोनिशान नहीं , सदैव मुस्कुराता हुआ चेहरा , बोलती हुई प्रकाशमय आँखे और मस्तिष्क पर निखरता हुआ तेज की चमक लिए अपने समाज / राज्य और देश को आगे बढ़ाने की प्रवृति रखने वाले विस्तृत सोंच से परिपूर्ण निर्मल इंसान थे |
स्वयं के हाथ में पांच उंगली है , जब पांचो बराबर नहीं तो फिर एक व्यक्ति के विषय में सबकी सोंच एक जैसी कैसे हो सकती है ? उनके प्रति लोगो का नजरिया क्या था या है ? इस सोंच की समुन्द्र में डूबकी लगाना बड़ा हीं मुश्किल होगा | मगर हम सिर्फ इतना कहेंगे - जिन्होंने मंत्री महोदय को करीब से देखा / जाना या उनका स्नेह / आदर पाया है , उनके घर में कोई ऐसा सुबह नहीं जिसमे उनकी यादे न बसी हो | ऐसे लोग मरने के बाद एक इतिहास रचकर अपनी ज्योत को अमर कर लेते है |
इनका जन्म 20 जुलाई 1949 को बिहार की पावन धरती पर हुआ | इन्होने इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त कर जनता की सेवा में अपनी जिंदगी ढाल दिया |
शनिवार 13 जून 1998 की रात इनके परिवार व चाहने वालो के लिए भयावह काली रात बनी , जब मंत्री महोदय की सांसे थम गई | उनकी जीत और लोकप्रियता को न जाने किसकी नजर लगी और उनकी हत्या की घटना सबको विचलित कर गया | यह हत्या शहीद होने का एक दौर बना और लोगो के आक्रोश ने उन्हें सदैव जीवित रखने की शपथ खा ली |
24 वर्षो से आज तक शहीद बृज बिहारी प्रसाद की यादें बिहार की धरती पर रजनीगंधा के बीच गुलाब की तरह सजता रहा है , सजता रहेगा |
मरना तो सभी को है एक दिन , मगर कुछ लोग मरकर भी सदैव पूर्णिमामयी चाँद बनकर अमर हो जाते है और उनकी पुण्यतिथि पर हर साल इतिहास लिखा जाता है , पढ़ा जाता है |
बृज बिहारी प्रसाद के जीवन की बगिया में 5 फूल खिले , जिसमे 3 बिटिया और 2 पुत्र रत्न ने जन्म लेकर उनके आँगन में खुशबू बिखेरी | रागिनी , रोजी और लक्ष्मी ये तीनो नाम इनकी बिटिया के हैं | ये तीनो ने भरपूर शिक्षा प्राप्त कर अपने ससुराल व पति , बच्चो के संग खुबसूरत / खुशनुमा व आनंदमय जीवन व्यतीत कर रही हैं | वहीं दूसरी तरफ अपने सर से पिता का साया उठ जाने का भी मलाल टीस बनकर कुरेदता है हर पल इनके जेहन में | इनके दो पुत्र जिनका नाम .................... हमें मालूम नहीं इसलिए संभव हुआ तो इस रिक्त स्थान को नाम से सुशोभित करने का हम प्रयास करेंगे |
आज की तारीख 7 फेरो के अटूट रिश्तो की डोर को ढीला कर गया | सभी को एक दृष्टि से देखने व प्यार करने वाली इस तपस्या की देवी का सौभाग्य छिन्न गया जिनका नाम "रमा देवी" है , ये ब्रजबिहारी प्रसाद की धर्म पत्नी का नाम है | रमा देवी भाजपा की एक मजबूत स्तम्भ है जो आज शिवहर लोकसभा सीट से सांसद की कुर्सी पर विराजमान है |
ये भी जनता के बीच इंद्रधनुषी रिश्तो को कायम कर उनके लिए उनके आँगन में स्वयं के जीवन को समर्पित कर दिया | इतना आसान नहीं है जनता का विश्वास लेकर दामन में चलना | त्याग / तपस्या की इस देवी ने अपनी जिंदगी के अनमोल पलो को जनता की सेवा में जब समर्पित किया तो लोगो ने इन्हें अपने मत से नहला दिया | आज भी लोगो के लिए खुशियाँ बुनना इनकी जिंदगी का वह दौर है जहाँ वह कभी थकती नहीं , सदैव गतिशील रहती है | इनका वोट बैंक भी काफी मजबूत है जिसे हिला पाना मुमकिन नहीं | ऐसा इसलिए क्यूंकि इनकी सोंच में तराजू का दोनों पलरा बराबर होता है |
रमा देवी पूर्ण रूप से एक शिक्षित महिला व सांसद है | इन्होने LLB की उपाधि प्राप्त कर जनता सेवा को हीं सर्वाधिक महत्व देते हुए इस क्षेत्र में कदम डालकर वहां के लोगो से भरपूर प्यार पाया जिसका परिणाम सभी के सामने है |
सांसद रमा देवी भाजपा की एक चर्चित नेत्री है | कार्य को गति देकर मंजिल तक पहुँचाने वाली जुझारू सांसद रमा देवी की सोंच भारत को हर कदम पर आगे बढ़ाने और सभी के विकास पर अपने समय को समर्पित करना उनका एक उद्देश्य बन चूका है |
आज इसी लोकप्रियता ने बिहार हीं नहीं बिहार के बाहर भी लोग इनके पति और पूर्व मंत्री बृज बिहारी प्रसाद की याद में श्रद्धा -सुमन समर्पित कर उनके उदेश्य को मजबूत कर आगे बढ़ाने हेतु नीति मजबूत कर रहे हैं |
आपको भारतवर्ष की तरफ से श्रद्धा सुमन समर्पित | आप सदैव याद आते रहेंगे , यादों की इस दीप के साथ ! ........... ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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