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मंगलवार को पठानकोट के पास सेना का ALH धुर्व हेलीकाप्टर रंजित सागर झील में क्रेश हो गया | सेना की 254 आर्मी एविएशन का यह हेलीकाप्टर ट्रेनिंग के लिए उड़ान पर था | बचाव के लिए टीम घटना स्थल पर पहुँच चुकी है , जिसमे 7 मोटर बोट व 2 बड़े मोटर बोट को लगाया गया है | मलवे का कुछ हिस्सा झील से निकला जा चूका है , वहीं पायलट व उप पायलट का अभी तक कोई भी पता नहीं चल पाया है | रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान दोनों पायलट के जूते व हेलमेट तो बरामद कर लिए गए हैं | ऐसा अंदाजा लगाया जा रहा है कि - ये दोनों पायलट हेलिकोप्टर का संतुलन बिगड़ जाने से नीचे कूद गए होंगे | झील में पानी ज्यादा है , जिससे उनके बीच में चले आने की संभावना लग रही है | अभी कठुआ के SSP भी वहीं पर मौजूद है , अभियान तेज गति से चलाया जा रहा है |
इस हेलीकाप्टर के पायलट को कम उंचाई पर उड़ान भरने का प्रशिक्षण दिया जा रहा था | यह हादसा पंजाब - हिमाचल के बोर्डर पर हुआ है | यह हेलीकाप्टर मामुन कैंट से सुबह 8:30 बजे उड़ान भरी थी , जिसे रंजीत सागर झील के पास ले जाया गया | झील के पास काफी नीचे हेलीकाप्टर उड़ान भर रहा था कि तभी अचानक इसका संतुलन बिगड़ गया , जिससे की यह क्रेश हुआ , इसमे 5-6 लोग सवार थे |
धुर्व हेलीकाप्टर स्वदेशी है , इसे हिन्दुस्तान एथरोनोटिक्स लिमिटेड ( HAL ) ने लाईट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर ( LCH ) प्रोजेक्ट के तहत तैयार किया गया है और पिछले कुछ महीने में धुर्व हेलीकॉप्टर कई दफा क्रेश हुआ है |
रंजित सागर झील जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले में है | अभी हेलीकॉप्टर की तलाश जारी है , जबकि हेलीकॉप्टर का कुछ मलबा निकाला जा चूका है | बोट और गोताखोरों मी मदद से संभावना है कि बहुत जल्द सफलता प्राप्त होगी | धुर्व हेलीकॉप्टर के निरिक्षण के लिए पंजाब सरकार का एक शीप झील में मौजूद रहता है , क्यूंकि यह शीप झील में टूरिस्टो को घुमाने का कार्य भी करता है | झील को देखने के लिए टूरिस्टों का काफी आना - जाना लगा रहता है |
7 अप्रैल 2020 की बात है - जब धुर्व हेलीकॉप्टर क्रेस हुआ | इससे पूर्व 19 जुलाई 2018 को भी एयरफोर्स का MIG-21 , ये हिमाचल प्रदेश के कांगरा से पट्टा गाँव में क्रेस हुआ , इस हादसे में पायलट की मृत्यु हो गई थी | बड़ा हीं दुखद स्थिति है , जब उड़ान भरने के क्रम में ये पायलट अपनी जान गवां बैठते है | देश की रक्षा - सुरक्षा और सुविधाओं के बीच ये बंधे होते है , जिससे ये अपने जान की भी परवाह नहीं करते है और "पहले देश" यहीं उद्देश्य है इनका |
इसी वर्ष 25 जनवरी 2021 को जम्मू कश्मीर के कठुआ में भारतीय सेना का एडवांस्ड लाईट हेलीकॉप्टर ध्रुव का हादसा हुआ , जिसमे दोनों पायलट गंभीर रूप से घायल हुए थे | नजदीकी मिलिट्री बेस अस्पताल में इन्हें पहुँचाया गया , परन्तु अफ़सोस की इलाज के दौरान एक पायलट की मृत्यु हो गई थी |
रंजीत सागर झील से पंजाब को सिंचाई के लिए पानी और बिजली प्रयाप्त मात्रा में उपलब्ध हो जाती है , जबकि इसका 60% हिस्सा जम्मू कश्मीर में जाता है | इस झील को रावी नदी पर बनाया गया है , रावी नदी - पंजाब , साहपुर कंडी से अजनाला और फिर पाकिस्तान तक जाती है | इस झील के आसपास पंजाब का पठानकोट और जम्मू कश्मीर का कठुआ जिला आता है |
सूचना के आधार पर बताया जा रहा है कि - यह दुर्घटना तकनिकी खराबी के कारण हुआ है , परन्तु इस बात का खुलासा अभी आधिकारिक तौर पर जारी नहीं किया गया है | सुरक्षा की दृष्टि से पठानकोट को हाई अलर्ट घोषित किया गया है , इसलिए सेना व पुलिस को सतर्कता बरतने की नसीहत भी दी गई है |
यह हेलीकॉप्टर भी उड़ान भरते - भरते लेबल से काफी नीचे गया जिससे चालक की संतुलन बिगड़ गई और हेलीकॉप्टर झील में डूब गया | पायलटों की पहचान - कर्नल एस० एस० भट्ट और जैन जोशी के रूप में हुई है | ........ ( न्यूज़ / फीचर :- भव्याश्री डेस्क )
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