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महाराष्ट्र के डोम्बिवली के पास "डेलिक्स प्लाईवूड" के दूकान मालिक हिम्मत नाहर को संजय विश्वकर्मा नामक एक व्यक्ति ने फ़िल्मी स्टाइल में किडनैप कर लिया और फिरौती में 50 लाख रुपये की मांग कर बैठा |
संजय विश्वकर्मा हिम्मत नाहर के दूकान पर सामान खरीदने गए थे | सामान का सौदा किया और कुछ बातो के क्रम में उनके मन को भांपते हुए कुछ ऐसी बाते की और उन्हें अपने साथ फोरव्हीलर में बिठा लिया | गाड़ी चल पड़ी , दुकानदार को पता ही नहीं चला कि उनका अपरहण हो चूका है |
बहुत जल्द वगैर मेहनत धनवान बनने की लालच में रौशन गनपत सावंत , संदीप ज्ञानदेव रोकाड़े , धर्मराज अम्बादास , इकबाल शेख और संजय रामकिशन विश्वकर्मा ने इस घटना को अंजाम दिया | इकबाल शेख डोम्बिवली के ही रहने वाले है |
इन सभी ने फुर्तीला हिम्मत जुटाकर व्यापारी का अपरहण कर लिया | टूर एंड ट्रेवल्स से चार पहिओं का वाहन बुक किया था | डोम्बिवली महाराष्ट्र के ठाने जिले में पड़ता है | अब इन लोगो ने हिम्मत नाहर को रिहा करने के लिए इनके भतीजे जीतू नाहर को फोन किया और कहा - 50 लाख रुपया शाहपुर में मुंबई - आगरा रोड पर गोठेघर गाँव के पास लाकर दो फिर हम तुम्हारे चाचा को रिहा कर देंगे |
फिरौती की रकम का स्थान जानने के बाद जीतू नाहर ने सारी बात मानपाड़ा थाने में कही | शिकायत दर्ज होने के बाद थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक "शेखर बागड़े" ने एक टीम बनाई और अपरहणकर्ता को फिरौती की राशि देने के लिए जीतू नाहर से स्वीकृति दिलवा दी |
कहा जाता है - लोहा ही लोहे को काटता है , यही असर पुलिस टीम ने भी दिखा दिया | फिल्मी स्टाइल में हीं इन्होने भी अपना हुलिया गाँव की तरह बना लिया और ग्रामीण भेष में हीं उस स्थान पर चारो तरफ से अपने पहरे बिठा दिए | पुलिस ने जीतू से कहा था कि - पैसे देने से पहले वो अपने चाचा हिम्मत नाहर की वापसी की मांग करे |
जीतू एक थैली लेकर सुरंग के पास खड़ा रहा | कुछ देर के बाद वहां एक चार चक्के की गाड़ी रुकी और पैसे की मांग की | जीतू ने थैली देने से पहले अपने चाचा को सौपने की बात कही | किडनैपर ने कहा कि - तुम्हारे चाचा को गाँव के एक घर में रखा गया है , तुम पैसे दो और फिर तुम्हारे चाचा को छोड़ देंगे |
जीतू पैसे देने से इंकार किया और अपनी बात पर अड़ा रहा | दोनों के बीच अब कहासुनी की बाते बढ़ती चली गई , इसी बीच पुलिस ने मामला को बढ़ता देख पास आकर चारो तरफ से गाड़ी को घेर लिया और सभी को नीचे उतारकर जकड़ लिया | इसके बाद पुलिस की टीम उस गाँव में गई जहाँ हिम्मत नाहर को अपराधियों ने कैद करके रखा था और फिर उन्हें सुरक्षित रिहा किया |
धर्मराज काम्बले , रौशन सावंत , संदीप रोकाड़े और संजय विश्वकर्मा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है | पांचवा आरोपी इकबाल शेख पुलिस के डर से फरार हो गया , तलाश जारी है | बहुत जल्द पुलिस की लम्बी हाथ उसे भी दबोच लेगी और फिर पांचो के पांच जेल में 50 लाख की गिनती गिनते नजर आयेंगे | जेल की काल कोठरी इन्हें सबक सिखाकर इंसान बनाकर वापस करती है या फिर ........... !
लेकिन इतना तो तय है कि - इनके करतूत से बहुतो को सबक मिलेगा और गलत रस्ते पर बढ़ने वाले कदम भी हो सकता है रुक जाए , यह एक समझदारी की निशानी होगी |
आपकी नीति सही है तो आपकी मेहनत जरुर रंग लाएगी , फिर आपको अमीर बनने से कोई रोक नहीं सकता | मगर इतना याद रहे कि - मेहंदी सील पर घिसने के बाद हीं रंग लाती है , इसलिए मेहनतकश बने किडनैपर नहीं | जिंदगी में अगर कदम डगमगा भी जाए तो भी अपनी भूख को शांत करने के लिए गलत का साथ कभी न दे | जिंदगी को सुरक्षित रखने के लिए याचक बने , इसमे न शर्म है और न किसी की हानि |
गलत
जगह पर , गलत सोंच में अपनी शक्ति लगाना आपको दलदल में फंसायेगी और कुछ
नहीं | सोंचना आपको है ...... ! वैसे पुलिस हमारी रक्षक होती है , पुलिस से
कुछ छुपाये नहीं | ऐसे हीं पुलिस को हमारा देश सैल्यूट करता है |....... (
न्यूज़ . फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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