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उड़न सिख के नाम से मशहूर भारत के महान धावक मिल्खा सिंह का चंडीगढ़ में निधन हो गया , वे 91 वर्ष को थे |
आज से ठीक एक माह पूर्व 19 मई को वे कोरोना संक्रमित हुए थे | इसके बाद उन्हें 24 मई को मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था | 26 मई को उनकी पत्नी भी कोरोना संक्रमित हुई और उन्हें भी इसी अस्पताल में भर्ती कराया गया | परिवार के आग्रह पर मिल्खा सिंह को 30 मई को अस्पताल से छुट्टी मिल गई थी और वे घर आ गये | परन्तु उनकी तबियत फिर से बिगड़ गई और 3 जून को उन्हें चंडीगढ़ के PGI में भर्ती कराया गया और इस दौरान उनकी लड़की जो डॉक्टर है , अमेरिका से चंडीगढ़ आ गई थी और वे भी उनका ख्याल रख रही थी |
बीते बुधवार को उनका कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आया , तो उन्हें ICU से बाहर लाकर कार्डियक सेंटर में शिफ्ट किया गया | पुनः बीते शुक्रवार को एक महीने से जूझ रहे मिल्खा सिंह की तबियत अचानक बिगड़ गई | उन्हें बुखार आया और ऑक्सीजन का स्तर नीचे तक पहुँच गया और देर रात अचानक एक महान खिलाड़ी का निधन हो गया , जो भारत के लिए बहुत हीं दुखद सन्देश है |
हलाकि शुक्रवार सुबह उन्होंने कॉफ़ी भी पी और अपने परिवार के लोगों से बातचीत की | लेकिन सुबह 9 बजे के बाद अचानक तबियत खराब होने लगी और उन्हें बचाना मुश्किल हो गया |
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मिल्खा सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए , श्रधांजलि दी | उन्होंने लिखा - उनका दिल मिल्खा सिंह के निधन की खबर सुनकर भर गया है | उनका कहना है कि - मिल्खा सिंह के संघर्ष और चरित्र के ताकत की कहानी भारतीयों की पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी | उनके फैन्स और परिवार के प्रति गहरी संवेदनाएं |
वहीं प्रधानमंत्री ने ट्विट करते हुए लिखा - हमने एक महान खिलाड़ी को खो दिया | असंख्य भारतीयों के दिलों में एक विशेष जगह बनाई थी | उन्होंने लोगों को अपने व्यक्तित्व से प्रेरित किया , उनके निधन से मै बहुत दुखी हूँ |
उनके जीवन पर बॉलीवुड ने फिल्म भी बनाई थी "भाग मिल्खा भाग" जो एक इतिहास है , आनेवाली पीढ़ी के लिए | इस फिल्म के मध्यम से वे उनका चरित्र - चित्रण एक प्रेरणा के रूप में देख सकेंगे | इनके बेटे जीव मिल्खा सिंह एक मशहूर गोल्फर है और 14 बार अंतर्राष्ट्रीय विजेता रहे और अपने पिता की तरह हीं पद्मश्री से सम्मानित हो चुके है |
मिल्खा सिंह की पत्नी निर्मल मिल्खा सिंह की भी मृत्यु कोरोना संक्रमित होने से बीते 13 जून को हुआ , वे 85 वर्ष की थी और 19 जून को उनके पति मिल्खा सिंह जो एक महान खिलाड़ी थे , उनकी मृत्यु 18 जून देर रात को हुई | मिल्खा सिंह की पत्नी निर्मला मिल्खा सिंह भी भारतीय महिला वॉलीबॉल टीम की पूर्व कप्तान और पंजाब सरकार में पूर्व खेल निदेशक रह चुकी थी |
मिल्खा सिंह ने एशियाई खेलों में चार बार स्वर्णपदक जीता और 1958 के राष्ट्रमंडल खेलों में भी स्वर्णपदक जीता | उन्हें 1960 के रोम ओलम्पिक के 400 मीटर फाइनल में उनकी एपिक रेस को आज भी याद किया जाता है | उन्होंने 1956 और 1964 के ओलम्पिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया | 1959 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया |
दोनों पति - पत्नी एक हीं अस्पताल में भर्ती हुए और जून में हीं कुछ दिनों के अंतराल पर पति और पत्नी दोनों का इस दुनियां से जाना हुआ | शुक्र है उनकी बच्ची जो अमेरिका से भारत आ चुकी है , अपनी जन्मदाता के साथ अंतिम दिनों में कुछ छन तो जिंदगी जी ली | अन्यथा वो भी नशीब न होता | वैसे जाने वाले को भला कौन रोक सका है और यहीं सत्य है | सिर्फ कर्म को रह जाना है | इंसान के जीवन का यह सबसे बड़ा पहेली है जो आजतक असुलझा सा है और रहेगा | वहां तक शायद हीं विज्ञान की पहुँच हो , कुछ कहा नहीं जा सकता | ........( न्यूज़ :- भव्याश्री डेस्क )
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